देश के साफ हवा वाले शहरों में आई 15 फीसदी की गिरावट, श्री गंगानगर में सबसे ज्यादा है प्रदूषण

देश में श्री गंगानगर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 249 दर्ज किया गया है। इसी तरह बक्सर (230) और नांदेसरी (248) में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है
दिल्ली एनसीआर में धीरे-धीर बिगड़ रही है हवा; प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
दिल्ली एनसीआर में धीरे-धीर बिगड़ रही है हवा; प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में कल से 15.3 फीसदी की गिरावट आई है। इसके बाद देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा घटकर 83 रह गया है। बता दें कि कल इन शहरों की संख्या 98 दर्ज की गई थी। आंकड़ों के मुताबिक एक बार फिर देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 10 रिकॉर्ड किया गया है।

आइजोल के अलावा देश में गुवाहाटी, हल्दिया, हावेरी, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मंडीदीप, मीरा-भयंदर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूरु, नाहरलागुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड़, रायपुर, रामनगर, ऋषिकेश, सांगली, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर आदि शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में श्री गंगानगर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 249 दर्ज किया गया है। इसी तरह बक्सर (230) और नांदेसरी (248) में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है, जहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना सकता है। यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्री गंगानगर की तुलना आइजोल की वायु गुणवत्ता से करें तो हवा करीब 25 गुणा खराब है।

हालांकि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में कल से मामूली इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 117 पर पहुंच गई है। देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों को देखें तो इनमें बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चिक्कमगलुरु, चित्तौड़गढ़, चूरू, कटक, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हापुड़, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालोर, झालावाड़ आदि शहर शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 138 पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि जहां कल दिल्ली में जो वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक था, वो आज घटकर मध्यम स्तर पर पहुंच गया है।

दिल्ली की तरह ही पड़ोसी फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हुई है, जहां 24 अंकों की बढ़ोतरीक के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 174 पर पहुंच गया है। दिल्ली, फरीदाबाद की तरह ही देश के 29 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

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इनमें अंबाला, अमृतसर, बद्दी, बल्लभगढ़, भरतपुर, भिवाड़ी, बिहार रीफ, चित्तूर, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हाजीपुर, खुर्जा, लुधियाना, मंडी गोविंदगढ़, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, रोहतक, समस्तीपुर, सासाराम, सिंगरौली, सिरसा, टोंक आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 32 फीसदी का इजाफा हुआ है। कुल मिलकर देखें तो देश की वायु गुणवत्ता कल से खराब हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से 83 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 117 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 115 दर्ज किया गया था। 29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बक्सर (230), नंदेसरी (248) और श्री गंगानगर (249) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (138) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 54 अंको का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 174, गाजियाबाद में 162, गुरुग्राम में 139, नोएडा में 117, ग्रेटर नोएडा में 186 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 42 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 75, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 91, हैदराबाद में 66, जयपुर में 94 और पटना में 100 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 83 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 49, आइजोल 10, अकोला 36, अमरावती 41, अमरावती 26, अंगुल 50, अरियालुर 40, आरा 30, आसनसोल 50, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 42, बागलकोट 43, बारां 45, बरेली 22, बैरकपुर 40, बेलापुर 38, भिलाई 36, भीलवाड़ा 50, भोपाल 47, बीदर 50, बिलासपुर 43, बोईसर 38, ब्रजराजनगर 45, बूंदी 43, ब्यासनगर 48, चामराजनगर 48, चंद्रपुर 30, छाल 44, चिक्कबल्लापुर 31, कुड्डालोर 36, दावनगेरे 26, देहरादून 49, एलूर 49, गडग 47, गंगटोक 21, गुवाहाटी 39, हल्दिया 35, हावेरी 40, इंदौर 46, जबलपुर 46, जलगांव 33, कलबुर्गी 43, कल्याण 38, कारवार 25, क्योंझर 43, कोहिमा 40, कोलार 35, कोल्हापुर 46, कोलकाता 43, कोप्पल 48, कोरबा 27, लातूर 32, मदिकेरी 28, मंडीदीप 46, मीरा-भयंदर 40, मोतिहारी 25, मुंबई 42, मैसूरु 37, नाहरलागुन 15, नांदेड़ 35, नासिक 38, नवी मुंबई 45, पानीपत 46, पिंपरी-चिंचवाड़ 36, रायपुर 41, रामनगर 29, ऋषिकेश 50, सांगली 31, सतना 49, शिलांग 37, शिवमोगा 43, सिलचर 48, सिलीगुड़ी 46, शिवसागर 48, सोलापुर 48, टेन्सा 44, ठाणे 41, तिरुवनंतपुरम 38, वापी 48, वाराणसी 37, वातवा 34, विजयपुरा 43, विरुधुनगर 31, यादगीर 46 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चिक्कमगलुरु, चित्तौड़गढ़, चूरू, कटक, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हापुड़, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालोर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोटा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, महाद, मालेगांव, मानेसर, मैंगलोर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, पाली, पलवल, पाथरडीह, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायचूर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, थूथुकुडी, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुना नगर आदि 117 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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