देश में दिल्ली सहित 115 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां वायु गुणवत्ता का स्तर 84 दर्ज किया गया है।
देखा जाए तो साल में यह आठवां मौका है जब दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो वायु गुणवत्ता सूचकांक में 28 अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली की तरह ही देश में भरतपुर, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चूरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालोर, झांसी, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोरबा, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाद, मालेगांव, आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।
वहीं देश में एक बार फिर आइजोल की हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 16 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के छोटे-बड़े 97 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।
इन शहरों में भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, एलूर, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हावेरी, हिसार, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में एक फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ तीन शहरों बक्सर (213), नंदेसरी (213) और श्री गंगानगर (226) में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब बना हुआ है। देश के सबसे साफ शहर आइजोल से श्री गंगानगर से तुलना करें तो वहां हवा 14 गुणा खराब है।
आंकड़ों में पुष्टि हुई है कि देश के 22 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अहमदाबाद, अंबाला, अमृतसर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, भिवाड़ी, ब्रजराजनगर, चित्तौड़गढ़, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपोंडी, खुर्जा, रायचुर, समस्तीपुर, सिरसा, उदयपुर, विजयपुरा, वृंदावन शामिल थे। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 238 में से 98 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 96 दर्ज किया गया था। 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में बक्सर (213), नंदेसरी (213) और श्री गंगानगर (226) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (84) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 28 अंको का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 83, गुरुग्राम में 93, नोएडा में 65, ग्रेटर नोएडा में 148 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 36 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 94, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 74, हैदराबाद में 57, जयपुर में 53 और पटना में 96 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 98 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 48, आइजोल 16, अकोला 44, अलवर 50, अमरावती 30, अमरावती 35, अंगुल 36, अरियालुर 36, आसनसोल 42, बदलापुर 49, बागपत 50, बारां 39, बारबिल 46, बरेली 20, बैरकपुर 36, बेलापुर 42, बेंगलुरु 50, भागलपुर 48, भिलाई 36, भिवंडी 49, भिवानी 50, भोपाल 48, बिलासपुर 42, बोईसर 30, बूंदी 42, ब्यासनगर 41, चामराजनगर 46, चंद्रपुर 32, चिक्कबल्लापुर 19, चिक्कमगलुरु 31, कुड्डालोर 36, दावनगेरे 26, देहरादून 45, एलूर 46, गडग 44, गंगटोक 21, गुवाहाटी 42, हल्दिया 39, हावेरी 37, हिसार 49, हावड़ा 42, इंदौर 48, जबलपुर 42, झालावाड़ 45, कैथल 45, कलबुर्गी 42, कल्याण 32, करनाल 43, कारवार 22, काशीपुर 46, कटिहार 47, कोहिमा 39, कोलार 24, कोल्हापुर 44, कोलकाता 40, कोप्पल 47, कुंजेमुरा 44, लातूर 28, मदिकेरी 21, मंडीखेड़ा 35, मीरा-भयंदर 32, मुरादाबाद 47, मुंबई 36, मैसूर 40, नागपुर 49, नाहरलागुन 24, नांदेड़ 32, नासिक 38, नवी मुंबई 43, ऊटी 27, पलकलाईपेरुर 29, पाथरडीह 46, पटियाला 37, पिंपरी-चिंचवाड़ 35, रायपुर 50, रायरंगपुर 41, राजगीर 38, रामनगर 29, रामनाथपुरम 37, सांगली 35, सतना 47, सवाई माधोपुर 50, शिलांग 36, शिवमोगा 44, सिलीगुड़ी 49, शिवसागर 50, सोनीपत 40, तालचेर 43, टेन्सा 44, ठाणे 35, तिरुवनंतपुरम 40, वापी 49, वाराणसी 45, वातवा 46, वेल्लोर 27, विरार 46, विरुधुनगर 28 और यादगीर 36 शामिल रहे।
वहीं आगरा, अजमेर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, भरतपुर, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चूरू, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालोर, झांसी, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोरबा, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाद, मालेगांव, मंडी गोविंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मैंगलोर, मेरठ, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पलवल, पंचकुला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यमुना नगर आदि 115 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।