अगरतला में बढ़कर 225 पर पहुंचा एक्यूआई, मानकों से 400 फीसदी अधिक प्रदूषण

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के आधे से अधिक शहरों में हवा संतोषजनक है। 39 फीसदी में स्थिति साफ बनी हुई है। दूसरी ओर 10 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक है
फोटो: आईस्टॉक
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आज देश में अगरतला की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 225 पर पहुंच गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो अगरतला में प्रदूषण का स्तर तय सीमा से 400 फीसदी अधिक है। इस दौरान हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी थे।

गौरतलब है कि कल देश में अररिया की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 157 दर्ज किया गया था। हालांकि सरकार ने आज अररिया के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 18 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां आधे से अधिक शहरों में हवा संतोषजनक है। वहीं 39 फीसदी में स्थिति साफ बनी हुई है। दूसरी तरफ आज देश के 10 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक दर्ज किया गया।

अगरतला के बाद आज देश में मेघालय के बर्नीहाट की स्थिति सबसे खराब है, जहां एक्यूआई 161 दर्ज किया गया। इसी तरह प्रदूषण के मामले में जैसलमेर (142) तीसरे जबकि कोरबा (131) चौथे स्थान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति मंडी गोबिंदगढ़ की भी है, जो 125 अंकों के साथ पांचवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में श्रीगंगानगर (124) छठे जबकि बाड़मेर (122) सातवें स्थान पर है।

वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज इंफाल (112), ग्रेटर नोएडा (111) और पाली (111) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि जहां आज देश में बर्नीहाट, मंडी गोबिंदगढ़, श्रीगंगानगर, पाली आदि की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं। वहीं अगरतला, जैसलमेर, कोरबा, बाड़मेर, ग्रेटर नोएडा, अमरावती (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, जालौर, पीथमपुर, उदयपुर, गांधीनगर, अहमदनगर, सहरसा, सुआकाती, वापी, डूंगरपुर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इन शहरों के साथ ही थूथुकुडी में बढ़ते कार्बन से स्थिति चिंताजनक है।

इन शहरों के उलट आज देश में करौली की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना करौली से करें तो वहां स्थिति करीब 22 गुणा खराब है।

रुझानों से पता चला है कि आज आगरा सहित देश के 86 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में बठिंडा, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, धौलपुर, डिंडीगुल, गडग, गोरखपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, जबलपुर, जालंधर, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, काशीपुर आदि शामिल हैं।

राहत की बात है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। दिल्ली में दस अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 पर पहुंच गया है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 112 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पटियाला आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज देश के 21 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अहमदनगर, अमरावती (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बाड़मेर, बर्नीहाट, डूंगरपुर, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, जैसलमेर, जालौर, कोरबा, मंडी गोबिंदगढ़, पाली, पीथमपुर, सहरसा, श्रीगंगानगर, सुआकाती, थूथुकुडी, उदयपुर, वापी शामिल हैं। कल से इन शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से 86 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 17 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 118 दर्ज किया गया था।

21 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (225) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 230 के करीब पहुंच गया। कल अररिया में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 157 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 10 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 60 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज कोरबा चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (161) दूसरे, जबकि जैसलमेर (142) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 90, गाजियाबाद में 54, गुवाहाटी में 67, हापुड में 39, नोएडा में 58, ग्रेटर नोएडा में 111 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 65 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 53, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 47, हैदराबाद में 71, जयपुर में 72 और पटना में 58 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 86 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बागपत, बारां, बारबिल, बठिंडा, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, धौलपुर, डिंडीगुल, गडग, गोरखपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, जबलपुर, जालंधर, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोल्लम, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तालचेर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, टोंक, तुमिडीह, उल्हासनगर, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 112 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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