

भिवानी में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 तक पहुंच गया है।
वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,600 फीसदी अधिक है।
बल्लभगढ़ और सोनीपत में भी स्थिति बेहद खराब है।
दूसरी ओर, देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 32 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में 17.5 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में अच्छा खासी गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 218 पर पहुंच गया।
हालांकि सुधार के बावजूद दिल्ली में हालात अभी भी इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,350 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
देश में आज प्रदूषण के मामले में भिवानी अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 406 पर पहुंच गया है। मतलब की आज वहां वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्थिति में पहुंच गई है। वहीं कल भिवानी में सूचकांक 264 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की कल से वहां प्रदूषण में 142 अंकों का भारी उछाल आया है।
रुझानों से पता चला है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
भिवानी में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,600 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर भिवानी की तुलना कुंजेमुरा से करें तो वहां स्थिति 33 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 अक्टूबर 2025 को 243 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 40.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 35 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 24.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 32 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में 17.5 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 10.9 फीसदी का उछाल रिकॉर्ड किया गया है।
दूसरी तरफ आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। इसी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी करीब 55 फीसदी का सुधार रिकॉर्ड किया गया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में अच्छा खासी गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 218 पर पहुंच गया। हालांकि सुधार के बावजूद दिल्ली में हालात अभी भी इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,350 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 198 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में बल्लभगढ़ (320) दूसरे जबकि सोनीपत (317) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 309 अंकों के साथ बीकानेर चौथे स्थान पर है। फतेहाबाद-हनुमानगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 309 और 304 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज जैसलमेर (290) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज रोहतक (274), पंचकुला (254) और मुजफ्फरनगर (247) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के छह शहर (भिवानी, बल्लभगढ़, सोनीपत, फतेहाबाद, रोहतक, पंचकुला) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां भिवानी, बल्लभगढ़, सोनीपत, फतेहाबाद, हनुमानगढ़, जैसलमेर, रोहतक, पंचकुला, मुजफ्फरनगर, बागपत, करनाल, जींद, दिल्ली, गुरूग्राम, यमुनानगर, चरखी दादरी, बठिंडा, फरीदाबाद, मेरठ, चुरू, भिवाड़ी, पानीपत, खन्ना, गाजियाबाद, नागौर, काशीपुर, नोएडा, मंडी गोबिंदगढ़, बहादुरगढ़, नारनौल, जालंधर, बेगूसराय, दौसा, गुम्मिडिपूंडी, जयपुर, लुधियाना, चंडीगढ़, टोंक, झुंझुनूं, कुरूक्षेत्र, वापी, पलवल, ग्रेटर नोएडा, सीकर, अमृतसर, चेन्नई आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
वहीं बीकानेर, बिलासपुर, श्री गंगानगर, सिरसा, हिसार, धारवाड़, कैथल, पटियाला, विशाखापत्तनम आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 40.7 फीसदी यानी 99 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, बिहार शरीफ, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिक्कामगलुरु, कटक, दमोह, दावनगेरे, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, इंदौर, झालावाड़, झांसी, कानपुर, करौली, करूर, कटनी, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नमक्कल, नयागढ़, ऊटी, पटना, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 32 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 17.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, बदलापुर, बालासोर, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, देवास, धनबाद, एलूर, गुवाहाटी, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 41 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अमृतसर, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बहादुरगढ़, बेगूसराय, भिवाड़ी, बिलासपुर, चंडीगढ़, चेन्नई, चुरू, दौसा, धारवाड़, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हिसार, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, कैथल, काशीपुर, खन्ना, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटियाला, सीकर, सिरसा, श्री गंगानगर, थूथुकुडी, टोंक, वापी, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में बागपत, बठिंडा, चरखी दादरी, दिल्ली, गुरूग्राम, जैसलमेर, जींद, करनाल, मुजफ्फरनगर, पंचकुला, रोहतक, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह आज देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बल्लभगढ़, बीकानेर, फतेहाबाद, हनुमानगढ़, सोनीपत शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 55 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।
यह भी सामने आया है कि आज देश में भिवानी (406) में स्थिति सबसे खराब है, जहां एक्यूआई ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 243 में से 99 शहरों (+32 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 85 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 30 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था।
41 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज भिवानी (406) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। कल रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 426 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि आज 152 अंकों के सुधार के साथ रोहतक में एक्यूआई घटकर 274 पर पहुंच गया है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट आई है। दिल्ली में 155 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 218 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर ‘बेहद खराब’ से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर 198 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 32 अंकों का उछाल आया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बीकानेर चौथे स्थान पर है, वहीं बल्लभगढ़ (320) दूसरे, जबकि सोनीपत (317) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 43, गाजियाबाद में 177, गुवाहाटी में 71, गुरूग्राम में 210, नोएडा में 163, ग्रेटर नोएडा में 116 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 62 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 47, चेन्नई में 106, चंडीगढ़ में 135, हैदराबाद में 62, जयपुर में 138 और पटना में 46 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 99 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, बिहार शरीफ, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिक्कामगलुरु, कटक, दमोह, दावनगेरे, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, इंदौर, झालावाड़, झांसी, कानपुर, करौली, करूर, कटनी, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नमक्कल, नयागढ़, ऊटी, पटना, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सवाई धोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, बदलापुर, बालासोर, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, देवास, धनबाद, एलूर, गुवाहाटी, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कोटा, लातूर, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सांगली, सतना, सिरोही, सिवान, सूरत, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उडुपी, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 85 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।