शिलांग सहित देश के 44 फीसदी शहरों में हवा साफ, कल से 22 फीसदी की आई गिरावट

दूसरी तरफ आज एक बार फिर नंदेसरी की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 रिकॉर्ड किया गया है
शिलांग सहित देश के 44 फीसदी शहरों में हवा साफ, कल से 22 फीसदी की आई गिरावट
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देश में आज शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक सात दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 28 जून 2025 को जारी रुझानों से पता चला है कि आज देश के करीब 44 फीसदी यानी 94 शहरों की हवा साफ है।

हालांकि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश के जिन शहरों में हवा साफ है उनमें कांचीपुरम, करौली, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिंगरौली आदि शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ आज एक बार फिर नंदेसरी की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल से नंदेसरी की हवा में 14 अंकों का सुधार आया है, लेकिन वहां अभी भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इस दौरान नंदेसरी की हवा में प्रदूषण के महीन कण यानी पीएम2.5 हावी हैं।

वहीं प्रदूषण के मामले में विशाखापत्तनम (129) दूसरे, जबकि मंडी गोबिंदगढ़ (118) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 117 अंकों के साथ तालचेर चौथे जबकि छपरा (112) पांचवें पायदान पर है।

दौसा-इंफाल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 112 अंकों के साथ छठे और सातवें पायदान पर है। इसी तरह श्रीगंगानगर (107), ग्रेटर नोएडा (103) और गुम्मिडिपूंडी (103) देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 44 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 51 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि करीब पांच फीसदी में हालात चिंताजनक हैं।

देश में विशाखापत्तनम, दौसा, श्रीगंगानगर, गुम्मिडिपूंडी आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है। वहीं नंदेसरी आदि में प्रदूषण के महीन कण जबकि मंडी गोबिंदगढ़, तालचेर आदि में कार्बन से स्थिति खराब है।

देश में छपरा सहित नौ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में दौसा, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, इंफाल, मंडी गोबिंदगढ़, श्रीगंगानगर, तालचेर, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 21 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 97 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

दिल्ली सहित देश के छोटे-बड़े 110 शहरों में स्थिति संतोषजनक है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कानपुर, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नासिक, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला आदि शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 26 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 214 में से 94 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 जून 2025 को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया था।

9 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (217) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल भी नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 231 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 21 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 97 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है।

वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज तालचेर चौथे स्थान पर है, वहीं विशाखापत्तनम (129) दूसरे, जबकि मंडी गोबिंदगढ़ (118) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 49, गाजियाबाद में 99, गुवाहाटी में 35, गुरूग्राम में 70, नोएडा में 96, ग्रेटर नोएडा में 103 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 69, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 50, हैदराबाद में 65, जयपुर में 59 और पटना में 82 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 94 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, भिलाई, भीलवाड़ा, बीदर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हाजीपुर, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कानपुर, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नासिक, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सीकर, सिलचर, सोलापुर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 110 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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