
अगस्त में वैश्विक खाद्य कीमतें स्थिर रहीं। तेल और चीनी की कीमतों में आए उछाल ने अनाज और डेयरी उत्पादों की कीमतों में गिरावट को संतुलित कर दिया।
एफएओ फूड प्राइस इंडेक्स अगस्त में औसतन 130.1 अंक रहा, जो जुलाई से थोड़ा अधिक है।
खाद्य कीमतें एक साल पहले की तुलना में 6.9 फीसदी ज्यादा, लेकिन मार्च 2022 के शिखर से अब भी 18.8 फीसदी कम हैं।
डेयरी मूल्य सूचकांक 1.3 फीसदी घटा, मक्खन, पनीर और दूध पाउडर की कीमतों में गिरावट।
फिलहाल वैश्विक खाद्य बाजार में संतुलन की स्थिति है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में उत्पादन और मांग की अनिश्चितताएं आने वाले महीनों में कीमतों में उलटफेर ला सकती हैं।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने अपनी नई रिपोर्ट में जानकारी दी है कि अगस्त में वैश्विक खाद्य कीमतें करीब-करीब स्थिर रहीं। इस दौरान तेल चीनी और मांस के दामों में आई तेजी ने अनाज और डेयरी उत्पादों की कीमतों में आई की गिरावट को ढक लिया।
देखा जाए तो भले ही अनाज-डेयरी की कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन चीनी और तेल की बढ़ती कीमतों ने दुनिया भर के उपभोक्ताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।
एफएओ फूड प्राइस इंडेक्स, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में व्यापार होने वाली प्रमुख खाद्य वस्तुओं की मासिक कीमतों में होने वाले बदलाव को ट्रैक करता है, अगस्त में औसतन 130.1 अंक रहा। यह जुलाई के संशोधित स्तर 130 से थोड़ा ही अधिक है।
एक साल पहले की तुलना में देखें तो खाद्य कीमतें अभी भी 6.9 फीसदी अधिक हैं। हालांकि यह मार्च 2022 में दर्ज अपने उच्चतम शिखर से अभी भी 18.8 फीसदी कम है।
तेल, चीनी महंगे, अनाज में रही नरमी
रिपोर्ट से पता चला है कि वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक अगस्त में 1.4 फीसदी बढ़ा, जो पिछले तीन वर्षों का उच्चतम स्तर है। अगस्त 2025 में वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक औसतन 169.1 अंक रहा, जो जुलाई की तुलना में 1.4 फीसदी अधिक है। देखा जाए तो यह जुलाई 2022 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
इस दौरान पाम, सूरजमुखी और रेपसीड तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। पाम तेल की कीमतें लगातार तीसरे महीने बढ़ीं, जिसकी वजह थी वैश्विक मांग में तेजी, इसका एक कारण इंडोनेशिया द्वारा अगले वर्ष बायोडीजल मिक्सिंग को बढ़ाने से जुड़ी योजना भी है। हालांकि भरपूर वैश्विक आपूर्ति की उम्मीद से सोया तेल की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी गई।
वहीं चीनी मूल्य सूचकांक में अगस्त में 0.2 फीसदी की मामूली बढ़त दर्ज की गई। ब्राजील में गन्ने की पैदावार को लेकर चिंता और वैश्विक मांग में बढ़ोतरी इसके पीछे के प्रमुख कारण रहे।
इसके साथ ही, चीन से वैश्विक आयात की मजबूत मांग ने भी कीमतों पर दबाव डाला। हालांकि, भारत और थाईलैंड में बेहतर मौसम के कारण अच्छी फसल की उम्मीदें बरकरार हैं, जिससे कुल मूल्य वृद्धि सीमित रही।
देखा जाए तो चीनी मूल्य सूचकांक अगस्त 2025 में औसतन 103.6 अंक रहा, जो जुलाई की तुलना में 0.2 फीसदी अधिक है। यह बढ़ोतरी लगातार पांच महीनों की गिरावट के बाद देखने को मिली है, लेकिन अब भी यह पिछले साल के मुकाबले 9 फीसदी कम है।
इसी तरह अगस्त 2025 में मांस मूल्य सूचकांक में 0.6 फीसदी की वृद्धि हुई, जिसके साथ ही यह अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। आंकड़ों के मुताबिक मांस मूल्य सूचकांक अगस्त 2025 में औसतन 128 अंक दर्ज किया गया, जो जुलाई से 0.6 फीसदी और पिछले साल की तुलना में 4.9 फीसदी अधिक है। इसके साथ ही वैश्विक बाजार में मांस की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई।
इसके कारणों पर नजर डालें तो अमेरिका और चीन से मजबूत मांग के चलते ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील के निर्यात को समर्थन मिला है।
वहीं दूसरी तरफ अगस्त में अनाज मूल्य सूचकांक में 0.8 फीसदी की गिरावट देखी गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो अनाज मूल्य सूचकांक अगस्त 2025 में औसतन 105.6 अंक रहा, जो जुलाई से 0.8 फीसदी और अगस्त 2024 के मुकाबले 4.1 फीसदी कम है।
यूरोप में लू से फसलों को नुकसान की आशंका
यूरोपीय यूनियन और रूस में गेहूं की अच्छी फसल के चलते गेहूं की कीमतों में गिरावट आई। हालांकि अमेरिका में फीड और एथेनॉल की मांग से लगातार तीसरे महीने मक्के (मकई) की कीमतें बढ़ीं हैं। इसकी बड़ी वजह यूरोप में लू से फसल को नुकसान की आशंका और अमेरिका में चारे व एथेनॉल के लिए बढ़ती मांग रही।
इस दौरान धान की कीमतों में भी गिरावट जारी रही, खासकर इंडिका चावल में यह गिरावट कहीं स्पष्ट थी। ऑल राइस प्राइस इंडेक्स अगस्त में फीसदी प्रतिशत गिरा, जिसका मुख्य कारण था इंडिका चावल की कीमतों में आई गिरावट, जो वैश्विक निर्यातकों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते देखी गई। अन्य मोटे अनाजों में, ज्वार की कीमतें घटीं, जबकि जौ (बार्ले) की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई।
अनाज की तरह ही डेयरी मूल्य सूचकांक में 1.3 फीसदी की गिरावट आई है। देखा जाए तो एशियाई बाजारों से कमजोर मांग के कारण मक्खन, पनीर और दूध पाउडर की कीमतें घटीं हैं। अगस्त 2025 में डेयरी मूल्य सूचकांक औसतन 152.6 अंक रहा, जो जुलाई की तुलना में 1.3 फीसदी कम है। यह लगातार दूसरा महीना है जब इसमें गिरावट दर्ज की गई, हालांकि यह अब भी कीमतें पिछले साल के मुकाबले 16.2 फीसदी अधिक हैं।
एफएओ की रिपोर्ट दर्शाती है कि फिलहाल वैश्विक खाद्य बाजार में संतुलन की स्थिति है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में मांग और उत्पादन की स्थितियां आने वाले महीनों में कीमतों में बड़े उठा-पटक की वजह बन सकती हैं।