विश्व पैंगोलिन दिवस: दुनिया के सबसे अधिक तस्करी वाले स्तनपायी को बचाने की मुहिम का दिन है आज

मात्र दस सालों में 10,00,000 पैंगोलिन का अवैध शिकार किया गया।
पैंगोलिन कीटों से होने वाले नुकसान को रोककर हमें हर साल लाखों रुपयों का फायदा पहुंचाते हैं।
पैंगोलिन कीटों से होने वाले नुकसान को रोककर हमें हर साल लाखों रुपयों का फायदा पहुंचाते हैं।फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, मैनिस क्रैसिकौडाटा
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दुनिया के सबसे अनोखे स्तनधारियों में से एक पैंगोलिन, बड़े पैमाने पर अवैध शिकार और व्यापार के कारण इनका अस्तित्व खतरे में है। हर फरवरी के तीसरे शनिवार को मनाए जाने वाले विश्व पैंगोलिन दिवस पर, धरती के पारिस्थितिकी तंत्र के इन छोटे, शल्कदार जीवों के प्रति अपना आभार प्रकट करने का दिन है और उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्धता जताने का भी दिन है।

पैंगोलिन पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। उनकी दूसरी "अनोखी विशेषता" यह है कि वे दुनिया में सबसे अधिक तस्करी किए जाने वाले जंगली जानवर हैं। इसका एक बड़ा कारण पारंपरिक चिकित्सा में उनका उपयोग होना है, जिसके लिए पैंगोलिन के मांस और शल्कों का उपयोग किया जाता है।

इंटरनेशनल फंड फॉर एनिमल वेलफेयर (आईएफएडब्ल्यू) के मुताबिक, 2021 में, 23.5 टन पैंगोलिन और उनके शरीर के अंगों की तस्करी की गई। अनुमान है कि मात्र दस सालों में 10,00,000 पैंगोलिन का अवैध शिकार किया गया है। इन पैंगोलिन को अक्सर एशिया के पारंपरिक दवा बाजार या मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के बुशमीट बाजारों में ले जाया जाता है।

इसने कई पैंगोलिन प्रजातियों को विलुप्त होने के कगार पर धकेल दिया है। विशेष रूप से, दो पैंगोलिन प्रजातियां, मलायन पैंगोलिन (मैनिस जावानिका) और चीनी पैंगोलिन (मैनिस पेंटाडैक्टाइला) का अस्तित्व गंभीर संकट में हैं। इन प्रजातियों को 2014 से अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की लाल सूची में गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

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पैंगोलिन कीटों से होने वाले नुकसान को रोककर हमें हर साल लाखों रुपयों का फायदा पहुंचाते हैं।

पैंगोलिन का पारिस्थितिक महत्व

पैंगोलिन को उनके जंगली घरों से ले जाना जैव विविधता और उनके आवासों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। क्योंकि पैंगोलिन के आहार में चींटियां, दीमक, झींगुर, मक्खियां और अन्य कीट प्रजातियां शामिल हैं, इसलिए ये जानवर कीटों की अधिक आबादी को रोकने और जंगलों को दीमक के विनाश से बचाने में मदद करते हैं।

यह अनुमान लगाया गया है कि केवल एक पैंगोलिन हर साल लगभग सात करोड़ चींटियां और दीमक खाता है, जब आप पैंगोलिन के अवैध व्यापार के बारे में सोचते हैं, तो कल्पना करें कि लाखों अतिरिक्त कीड़े इधर-उधर रेंग रहे हैं। इसका आर्थिक प्रभाव भी है, यह अनुमान लगाया गया है कि पैंगोलिन कीटों से होने वाले नुकसान को रोककर हमें हर साल लाखों रुपयों का फायदा पहुंचाते हैं।

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पैंगोलिन कीटों से होने वाले नुकसान को रोककर हमें हर साल लाखों रुपयों का फायदा पहुंचाते हैं।

पैंगोलिन उस मिट्टी को भी फायदा पहुंचाते हैं जिसमें वे बिल बनाते हैं। जमीन में छेद करके, वे कार्बनिक पदार्थों के संचलन में मदद करते हैं।

इस साल, चीन ने औषधीय उपयोग के लिए पैंगोलिन के शल्कों के एक मीट्रिक टन के सालाना कोटे की घोषणा की है। हालांकि यह पिछले कोटे से काफी कम है, लेकिन यह इन कमजोर जानवरों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है। बात यह है कि चीन पैंगोलिन के शल्कों का आयात जारी रखेगा, हो सकता है यह अवैध गतिविधि को बढ़ावा दे सकता है।

चीन पैंगोलिन उत्पादों के दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, इसलिए पैंगोलिन का अस्तित्व इन जैसे फैसलों पर टिका है। एक मीट्रिक टन पैंगोलिन का मतलब है लगभग 2,000 पैंगोलिनों की हत्या करना है।

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