
हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करना है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना है कि पृथ्वी को खुश रखने में सभी का योगदान हो। आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और खुशहाल पृथ्वी बनाए रखना हर पीढ़ी की जिम्मेदारी है।
धरती स्पष्ट रूप से कार्रवाई का आह्वान कर रही है। प्रकृति पीड़ित है। महासागर प्लास्टिक से भर रहे हैं और अधिक अम्लीय होते जा रहे हैं। अत्यधिक गर्मी, जंगल की आग और बाढ़ ने लाखों लोगों पर बुरा असर डाला है।
जलवायु परिवर्तन, प्रकृति में मानवजनित बदलाव और साथ ही जैव विविधता को नष्ट करने वाले अपराध, जैसे जंगलों का सफाया करना, भूमि-उपयोग में बदलाव, अंधाधुन कृषि और पशुधन उत्पादन या बढ़ता अवैध वन्यजीव व्यापार, ग्रह के विनाश की रफ्तार में इजाफा कर सकते हैं।
इसलिए हमें अपने पारिस्थितिकी तंत्र को पुनः हासिल करने की जरूरत है। पारिस्थितिकी तंत्र पृथ्वी पर सभी जीवन का समर्थन करते हैं। हमारे पारिस्थितिकी तंत्र जितने स्वस्थ होंगे, ग्रह और उसके लोग उतने ही स्वस्थ होंगे। हमारे क्षतिग्रस्त पारिस्थितिकी तंत्र को दोबारा स्थापित करने से गरीबी को समाप्त करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और सामूहिक विलुप्ति को रोकने में मदद मिलेगी। लेकिन हम तभी सफल होंगे जब हर कोई इसमें अपनी भूमिका निभाएगा।
हर साल पृथ्वी दिवस मनाने के लिए एक खास थीम चुनी जाती है। इस साल पृथ्वी दिवस की थीम 'हमारी शक्ति, हमारी पृथ्वी' है। इस थीम को मनाने का उद्देश्य लोगों, संगठनों और देशों की सरकारों को कम होते ऊर्जा स्रोतों को अक्षय स्रोतों में बदलने और एक टिकाऊ भविष्य की नींव रखने के लिए प्रेरित करना है।
इस थीम के जरिए 2030 तक दुनिया भर में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन की मात्रा को तीन गुना करने का लक्ष्य है, जिसमें भूतापीय, जलविद्युत, ज्वारीय, पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर विशेष जोर देना शामिल है।
विश्व पृथ्वी दिवस के इतिहास की बात करें तो यह दुनिया में पहली बार 22 अप्रैल 1970 को मनाया था। पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत का श्रेय अमेरिकी राजनीतिज्ञ और पर्यावरण कार्यकर्ता सीनेटर गेराल्ड नेल्सन को जाता है। इसके बाद गेराल्ड के साथ कार्यकर्ता डेनिस हेस भी इस मुहिम में शामिल हो गए।
साल 1990 में पृथ्वी दिवस पर 141 देशों के 20 करोड़ लोगों ने इस दिन को मनाया और साल 1992 में ब्राजील में होने वाले संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण एवं विकास सम्मेलन की नींव रखी। इसके बाद से हर साल पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है।
पृथ्वी दिवस की सफलता के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में अमेरिका ने स्वच्छ जल अधिनियम, स्वच्छ वायु अधिनियम और पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) की स्थापना सहित ऐतिहासिक कानून पारित किए। दुनिया भर में सबसे बड़े धर्मनिरपेक्ष उत्सवों में से एक, पृथ्वी दिवस अब 190 से अधिक देशों में मान्यता प्राप्त है।
चिंताजनक बात यह है कि पृथ्वी पर हर साल एक करोड़ हेक्टेयर जंगलों वाले इलाके नष्ट हो रहे हैं, यह क्षेत्र आइसलैंड से भी बड़ा है। एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र हमें बीमारियों से बचाने में मदद करता है। जैविक विविधता रोगजनकों के तेजी से फैलने से रोकती है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, लगभग दस लाख पशु और पौधों की प्रजातियां अब विलुप्ति होने की कगार पर हैं।
पृथ्वी दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, यह एक प्रतिबद्धता है, स्थिरता, नवाचार और जिम्मेदारी के बारे में दुनिया भर में बातचीत का दिन है। दुनिया भर में होने वाले कार्यक्रमों में वृक्षारोपण अभियान, सफाई अभियान, जलवायु मार्च, शैक्षिक सेमिनार और कॉर्पोरेट और सामुदायिक स्तर पर पर्यावरण के अनुकूल पहल शामिल हैं।