समुद्र की गहराइयों में छिपा जीवन: 14 नए समुद्री प्रजातियां और दो नए वंश की हुई खोज

समुद्री जीवन की अनदेखी प्रजातियों को तेजी से पहचानने और संरक्षित करने की दिशा में एक वैज्ञानिक क्रांति की शुरुआत।
वेलेरोपिलिना ग्रेटेचेने: यह एक नई मोलस्क प्रजाति है जो 6,465 मीटर की गहराई से अल्यूटियन खाई में पाई गई।
वेलेरोपिलिना ग्रेटेचेने: यह एक नई मोलस्क प्रजाति है जो 6,465 मीटर की गहराई से अल्यूटियन खाई में पाई गई। फोटो साभार: बायोडायवर्सिटी डेटा जर्नल
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सारांश
  • समुद्री प्रजातियों की खोज एक नई वैज्ञानिक पहल है जो समुद्री जीवों की नई प्रजातियों के तेज और सटीक वर्णन को बढ़ावा देती है।

  • दुनिया भर के 20 से अधिक वैज्ञानिकों ने मिलकर 14 नई समुद्री गहराइयों में अकशेरुकी प्रजातियां और दो नए वंश खोजे।

  • यह पहल न केवल विज्ञान को तेज बनाती है, बल्कि गंभीर विलुप्ति संकट से पहले समुद्री जीवों को दस्तावेज और संरक्षित करने का अवसर भी देती है।

  • यह टैक्सोनॉमी को सुलभ, सहयोगात्मक और वैश्विक बनाने की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि है।

समुद्री जीवन अत्यंत विशाल और रहस्यमय है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि समुद्र में लगभग 20 लाख जीवों की प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन इनमें से केवल एक छोटा-सा हिस्सा ही अब तक औपचारिक रूप से पहचाना और इनका नाम रखा गया है। इससे भी बड़ी चिंता यह है कि कई प्रजातियां वैज्ञानिकों के खोजने से पहले ही विलुप्त हो सकती हैं

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, ‘समुद्री प्रजातियों की खोज’ नामक एक नई पहल की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य समुद्री जीवों की नई प्रजातियों की तेज और सटीक पहचान करना है। यह पहल समुद्री जैव विविधता के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है।

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इस परियोजना का नेतृत्व सेनकेनबर्ग महासागर प्रजाति गठबंधन (एसओएसए ) कर रहा है, जो जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में सेनकेनबर्ग अनुसंधान संस्थान और प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य दुनियाभर के वैज्ञानिकों को तकनीकी सहायता, सहयोग प्रदान करना ताकि वे नई प्रजातियों का विवरण शीघ्रता से कर सकें। इस शोध को बायोडायवर्सिटी डेटा जर्नल में प्रकाशित किया गया है

डिस्कवरी लैब: एक आधुनिक प्रयोगशाला

इस परियोजना की सफलता में सेनकेनबर्ग की 'डिस्कवरी प्रयोगशाला' की भी अहम भूमिका है। यह आधुनिक प्रयोगशाला वैज्ञानिकों को निम्नलिखित अत्याधुनिक तकनीकों तक पहुंच देती है:

  • लाइट और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी

  • कन्फोकल इमेजिंग

  • माइक्रो-सीटी स्कैनिंग

  • डीएनए बारकोडिंग

इन तकनीकों की मदद से वैज्ञानिक बिना जीवों को नुकसान पहुंचाए, उच्च गुणवत्ता वाले आंकड़े तैयार कर पाते हैं, जो कि नए प्रजातियों के सटीक विवरण में सहायक होता है।

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दूसरी बड़ी उपलब्धि: 14 नई प्रजातियां और दो नए वंश

हाल ही में प्रकाशित दूसरे बड़े संग्रह में, दुनिया भर के 20 से अधिक वैज्ञानिकों ने मिलकर 14 नई समुद्री अकशेरुकी प्रजातियों और दो नए वंश का वर्णन किया। ये सभी खोजें गहराई में बसे समुद्री क्षेत्रों से की गई - कुछ तो 6,000 मीटर से भी गहरे स्थानों से हैं।

कौन-कौन सी हैं प्रमुख खोजें?

1. वेलेरोपिलिना ग्रेटेचेने : यह एक नई मोलस्क प्रजाति है जो 6,465 मीटर की गहराई से अल्यूटियन खाई में पाई गई। यह पहली बार है जब मोनोप्लाकोफोरा वर्ग की किसी प्रजाति का जीनोम होलोटाइप (मुख्य नमूना) से प्रकाशित किया गया है।

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2. मायोनेरा एलेउटियाना : यह एक मांसाहारी द्विपार्श्वीय जीव है जिसे केवल माइक्रो-सीटी स्कैनिंग से ही पूरी तरह से वर्णित किया गया है। इसमें 2,000 से अधिक टोमोग्राफिक छवियां ली गईं, जो इसके अंदरूनी अंगों का अद्भुत विवरण देती हैं। यह अपने वर्ग में अब तक की सबसे गहराई पर पाई गई प्रजाति है, जिसकी गहराई 5,280 मीटर है।

3. एपोटेक्टोनिया सेनकेनबर्गे : यह एक एम्फिपोड (छोटा क्रस्टेशियन) है जिसे गैलापागोस रिफ्ट के पास 2,602 मीटर की गहराई में एक मसल बेड से खोजा गया। इसका नाम जोहाना रेबेका सेंकनबर्ग के सम्मान में रखा गया है, जिनके योगदान से सेनकेनबर्ग सोसाइटी की स्थापना संभव हुई।

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4. जियावन एवर्टा : यह एक परजीवी आइसोपॉड है जिसकी मादा के शरीर पर पॉपकॉर्न जैसी आकृतियां हैं। इसी विशेषता के कारण इसका नाम ‘जिया’ (मक्का के पौधे का वंश) से प्रेरित होकर रखा गया। यह प्रजाति ऑस्ट्रेलिया के इंटरटाइडल जोन से मिली और यह एक नए वंश का प्रतिनिधित्व करती है।

5. लेविडेंटालियम विसेई : यह एक पहले से ज्ञात टस्क शेल प्रजाति है, जिसे 5,000 मीटर से अधिक गहराई में पाया गया। इसमें एक दिलचस्प खोज यह रही कि इसके खोल के पिछले हिस्से से एक समुद्री एनीमोन चिपकी हुई मिली, यह अपनी तरह की पहली रिपोर्ट की गई घटना है।

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क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?

यह परियोजना टैक्सोनॉमी (प्रजातियों का वैज्ञानिक वर्गीकरण) को तेज, अधिक पारदर्शी और सुलभ बना रही है। इससे पहले कि कोई प्रजाति विलुप्त हो जाए, उसे दस्तावेज करने में मदद मिलती है। यह पहल वैज्ञानिक सहयोग, उच्च तकनीक और खुले प्रकाशन मंचों के माध्यम से विज्ञान को आम लोगों के और करीब ला रही है।

समुद्री प्रजातियों की खोज सिर्फ नई प्रजातियां खोजने की पहल नहीं है, यह एक वैश्विक आंदोलन है जो समुद्री जीवन के अनदेखे पहलुओं को दुनिया के सामने लाने का कार्य कर रही है। जैसे-जैसे समुद्रों की गहराइयों में जीवन के नए रूप खोजे जा रहे हैं, वैसे-वैसे यह समझना और जरूरी हो जाता है कि हम इस जीवन को पहचानें, संरक्षित करें और उसका सम्मान करें।

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