चीनी वैज्ञानिकों ने खोजी पौधों की एक नई प्रजाति ‘सॉसुरिया डेगेन्सिस’, कैसे दूसरों से है अलग

रिसर्च से पता चला है कि पौधे की यह नई प्रजाति सूरजमुखी (एस्टरेसिया) परिवार के तेजी से विकसित होने वाले वंश 'सॉसुरिया' से संबंध रखती है
नई खोजी गई प्रजाति सौसुरिया डेगेन्सिस; फोटो: लियान-शेंग जू/ चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज
नई खोजी गई प्रजाति सौसुरिया डेगेन्सिस; फोटो: लियान-शेंग जू/ चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज
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सूरजमुखी (एस्टरेसिया) परिवार का तेजी से विकसित होने वाला वंश 'सॉसुरिया' अब एक नई प्रजाति से और समृद्ध हो गया है। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के साउथ चाइना बॉटनिकल गार्डन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में इस वंश की एक नई प्रजाति की खोज की है। इसका नाम ‘सॉसुरिया डेगेन्सिस’ रखा गया है।

सॉसुरिया वंश में पौधों की करीब 520 प्रजातियां शामिल हैं, जो मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्ध में पाई जाती हैं। यह वंश न सिर्फ आकार और रूप-रंग में विविधताओं से संपन्न है, साथ ही इसकी प्रजातियां अलग-अलग भौगोलिक और पारिस्थितिकीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं।

एस्टरेसिया, जिसे आमतौर पर सूरजमुखी परिवार के नाम से जाना जाता है। यह फूलों वाले पौधों के सबसे बड़े परिवारों में से एक है। इसमें दुनिया भर में फैले 1,600 से अधिक वंश और 25,000 प्रजातियां शामिल हैं। इस परिवार के कुछ प्रसिद्ध पौधे चिकोरी, सूरजमुखी, सलाद पत्ता (लेट्यूस), कोरियोप्सिस, डहेलिया और डेजी है। इसमें कई औषधीय पौधे भी शामिल हैं, जैसे वर्मवुड, कैमोमाइल और डैंडेलियन।

इस बारे में अधिक जानकारी अंतराष्ट्रीय जर्नल फाइटोटाक्सा में प्रकाशित हुई है।

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नई खोजी गई प्रजाति सौसुरिया डेगेन्सिस; फोटो: लियान-शेंग जू/ चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज

इस नई प्रजाति की खोज तब हुई जब वैज्ञानिकों ने 'सॉसुरिया' की सबसे जटिल उप-प्रजाति एम्फिलाइना की आणविक (मॉलिक्यूलर) जांच की। वैज्ञानिकों ने पाया कि पांच नमूने जिन्हें पहले ‘सॉसुरिया निग्रेसेन्स’ समझा गया था उनके डीएनए पैटर्न इस प्रजाति के अन्य नमूनों से अलग थे।

इस अंतर की जांच के लिए वैज्ञानिकों ने इन नमूनों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया और सिचुआन प्रांत के कियानलियन पर्वतों से लेकर दक्षिण में हेन्गदुआन पर्वतों तक वनस्पति सर्वेक्षण किए।

कैसी दिखती है सॉसुरिया डेगेन्सिस?

यह अध्ययन सॉसुरिया प्रजाति के चार उपवर्गों के 54 नमूनों पर आधारित है, जिसमें 800 न्यूक्लियर जीन का विश्लेषण किया गया है। ये जीन आनुवंशिक जानकारी को कोड करते हैं। आनुवंशिक विश्लेषण से पता चला है कि खोजी गई नई प्रजाति सॉसुरिया उपवर्ग ‘एम्फिलाइना’ से संबंधित है।

अध्ययन में यह भी सामने आया है कि नई प्रजाति सॉसुरिया अक्यूटिस्क्वामा, सॉसुरिया आयोडोस्टेजिया, सॉसुरिया निग्रेसेन्स, और सॉसुरिया सुपरबा जैसी प्रजातियों के काफी करीब है।

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नई खोजी गई प्रजाति सौसुरिया डेगेन्सिस; फोटो: लियान-शेंग जू/ चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज

इस नई प्रजाति में कई खासियतें हैं, जो इसे दूसरों से अलग बनाती है। सॉसुरिया डेगेन्सिस को चमकीले बैंगनी रंग के ब्रैक्ट्स और फूलों के चारों ओर के रंगहीन और नुकीले भाग से पहचाना जा सकता है। इसके पुष्पगुच्छ सरल और साधारण होते हैं। यह प्रजाति काफी हद तक सॉसुरिया निग्रेसेन्स से मिलती-जुलती है, लेकिन इसके बड़े पत्ते, मुड़े हुए किनारे और ज्यादा ब्रैक्ट्स अलग बनाते हैं।

भौगोलिक रूप से, 'सॉसुरिया निग्रेसेन्स' दक्षिण-पूर्वी हेन्गदुआन की पहाड़ियों में पाया जाता है, जबकि यह नई प्रजाति हेन्गदुआन और तिब्बत पठार की सीमा पर स्थित डेगे काउंटी में पाई गई है। इसी जगह के नाम पर नई प्रजाति का नाम डेगेन्सिस रखा गया है।

इसके अलावा, आणविक और शारीरिक बनावट के आधार पर सॉसुरिया वर्ग की पांच प्रजातियों एस अक्यूटिस्क्वामा, एस हीरासियॉइड्स, एस सुपरबा, एस टैटसिएनेंसिस, और एस वेनचेंगिए को सॉसुरिया उपवर्ग ‘एम्फिलाइना’ में शामिल किया गया है।

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