
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ चक्रवाती प्रसार के रूप में उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाकों के मध्य स्तरों पर जारी है। इसके कारण आज, यानी 17 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश तथा बर्फबारी होने की संभावना है।
बारिश और बर्फबारी के चलते 17 और 18 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों तथा आज पूर्वी राजस्थान में भयंकर सर्दी पड़ने की आशंका जताई गई है।
वहीं कल, 18 जनवरी से उत्तर-पश्चिम भारत और 22 जनवरी से एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का पूर्वानुमान है। इन मौसमी गतिविधियों के चलते 18 से 22 जनवरी के दौरान पश्चिमी हिमालयी इलाकों में बारिश व हिमपात होने का अनुमान है। 21 और 22 जनवरी को उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के राज्यवार बारिश का अपडेट देखें तो एक जनवरी 2025 से 16 जनवरी 2025 तक पूरे देश में 63 फीसदी बारिश कम हुई है। इसी अवधि के दौरान नौ राज्य ऐसे हैं जहां जरा सा भी बारिश नहीं हुई।
कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी
मौसम विभाग के अनुसार, 18 जनवरी तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में रात से सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं। वहीं, 19 और 20 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के कुछ इलाकों, इसी दौरान हिमाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में रात से सुबह के समय तक घने कोहरे से छुटकारा मिलने के आसार नहीं हैं।
19 जनवरी तक पश्चिमी राजस्थान,18 जनवरी तक उत्तराखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और ओडिशा, 18 से 20 जनवरी के दौरान उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में तथा 19 जनवरी तक मध्य प्रदेश में भी घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज सुबह पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में घने से लेकर बहुत घना कोहरा छाया रहा, जबकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में घना कोहरा देखा गया, बिहार के कुछ इलाकों में मध्यम कोहरा छाया रहा।
कोहरे के कारण आज सुबह, दिल्ली के पालम में दृश्यता शून्य मीटर, सफदरजंग में दृश्यता 200 मीटर, पंजाब के अमृतसर में दृश्यता शून्य मीटर, पटियाला में दृश्यता शून्य मीटर, चंडीगढ़ में दृश्यता शून्य मीटर, हरियाणा के हिसार में दृश्यता मीटर, अंबाला में दृश्यता 200 मीटर, पूर्वी राजस्थान के अजमेर में दृश्यता शून्य मीटर, जयपुर में दृश्यता 200 मीटर, पश्चिमी राजस्थान के गंगानगर में दृश्यता शून्य मीटर, बीकानेर और चूरू प्रत्येक जगह दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई।
वहीं आज सुबह, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आगरा हवाई अड्डे और झांसी प्रत्येक जगह दृश्यता शून्य मीटर, पूर्वी उत्तर प्रदेश के लखनऊ हवाई अड्डे में दृश्यता 50 मीटर, वाराणसी में दृश्यता 200 मीटर, बिहार के पूर्णिया में दृश्यता 200 मीटर, पश्चिम मध्य प्रदेश के ग्वालियर और भोपाल प्रत्येक दृश्यता शून्य मीटर रिकॉर्ड की गई।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान बीते अरसे से शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान एक से चार डिग्री, उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान छह से 10 डिग्री, मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 10 से 15 डिग्री तथा पश्चिम भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, यानी 16 जनवरी को केरल के कन्नूर हवाई अड्डे में अधिकतम तापमान 37.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में राजस्थान के नागौर में न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान, गुजरात के कई हिस्सों, पश्चिम बंगाल में गंगा के कुछ मैदानी इलाकों, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और विदर्भ के अलग-अलग हिस्सों में न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट रिकॉर्ड की गई है।
वहीं, मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ हिस्सों में, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में एक से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई है।
मौसम विभाग की मानें तो अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। वहीं, अगले तीन दिनों के दौरान गुजरात में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है।
समुद्र में हलचल
दक्षिण केरल तट से दक्षिण-पूर्व अरब सागर के निचले स्तरों पर एक ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार बना हुआ है, इसकी वजह से आज, कोमोरिन क्षेत्र और उससे सटे मन्नार की खाड़ी में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, सोमालिया तट और उससे सटे समुद्री इलाकों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग द्वारा मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से परहेज करने को कहा गया है।
कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, 16 जनवरी को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।