कन्या तारामंडल में विशाल ब्लैक होल हो रहा है सक्रिय: खगोलशास्त्री

अधिकांश आकाशगंगाओं के हृदय में एक विशालकाय ब्लैक होल होता है, जैसे किसी मकड़ी का जाला हो, ये अदृश्य राक्षस अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को निगल जाते हैं
एन्स्की से निकलने वाले एक्स-रे के विस्फोट, एक सामान्य क्यूपीई से दिखने वाले विस्फोट से 10 गुना लंबे और 10 गुना अधिक चमकदार होते हैं।
एन्स्की से निकलने वाले एक्स-रे के विस्फोट, एक सामान्य क्यूपीई से दिखने वाले विस्फोट से 10 गुना लंबे और 10 गुना अधिक चमकदार होते हैं। प्रतीकात्मक छवि, फोटो साभार:विकिमीडिया कॉमन्स, ईएसए/हबल और नासा
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एक शोध में कहा गया कि वर्गो कॉन्स्टेलशन या कन्या तारामंडल में एक आकाशगंगा के केंद्र पर एक विशाल ब्लैक होल सक्रिय हो रहा है, जो नियमित अंतराल पर तीव्र एक्स-रे चमक को बाहर निकाल रहा है, जिसने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है।

शोध में कहा गया है कि खगोलविदों के पास पहले आकाशगंगा एसडीएसएस1335+0728 पर गौर करने का कोई कारण नहीं था, जो पृथ्वी से 30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है। लेकिन 2019 में, आकाशगंगा में अचानक इतनी चमक उठने लगी कि कुछ दूरबीनों का ध्यान उसकी ओर चला गया।

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एन्स्की से निकलने वाले एक्स-रे के विस्फोट, एक सामान्य क्यूपीई से दिखने वाले विस्फोट से 10 गुना लंबे और 10 गुना अधिक चमकदार होते हैं।

फिर पिछले साल फरवरी में, चिली के खगोलविदों ने आकाशगंगा से आने वाली एक्स-रे के नियमित विस्फोटों पर नजर रखना शुरू किया। नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह एक संकेत था कि आकाशगंगा का सोया हुआ ब्लैक होल अपनी नींद से जाग रहा था।

हमारी आकाशगंगा मिल्की वे सहित अधिकांश आकाशगंगाओं के हृदय में एक विशालकाय ब्लैक होल होता है, जैसे किसी मकड़ी का जाला हो। ये अदृश्य राक्षस अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को निगल जाते हैं, यहां तक कि प्रकाश भी उनके सर्वशक्तिमान अवशोषण से बच नहीं सकता। अगर कोई बदकिस्मत तारा बहुत करीब आ जाता है, तो वह टूटकर बिखर जाता है।

तारे का बिखरा हुआ पदार्थ एक धारा बन जाता है जो ब्लैक होल के चारों ओर तेजी से घूमता है, जिससे एक अभिवृद्धि डिस्क बनती है जिसे धीरे-धीरे निगल लिया जाता है। लेकिन ब्लैक होल निष्क्रियता की लंबी अवधि से भी गुजर सकते हैं जब वे पदार्थ को अपनी ओर आकर्षित नहीं करते हैं।

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एन्स्की से निकलने वाले एक्स-रे के विस्फोट, एक सामान्य क्यूपीई से दिखने वाले विस्फोट से 10 गुना लंबे और 10 गुना अधिक चमकदार होते हैं।

काफी हद तक घटना रहित अवधि के बाद, आकाशगंगा एसडीएसएस1335+0728 के केंद्र में स्थित चमकीले, सघन क्षेत्र को "सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक" के रूप में वर्गीकृत किया गया है और इसे "एन्स्की" उपनाम दिया गया है।

शोध पत्र में चिली के वालपाराइसो विश्वविद्यालय की खगोलशास्त्री के हवाले से कहा गया है कि यह दुर्लभ घटना खगोलविदों को कई एक्स-रे दूरबीनों का उपयोग करके वास्तविक समय में ब्लैक होल के व्यवहार का निरीक्षण करने का अवसर प्रदान करती है।

एन्स्की के छोटी अवधि के एक्स-रे चमक को क्वासिपेरियोडिक विस्फोट या क्यूपीई कहा जाता है। यह पहली बार है जब खगोलशास्त्रियों के द्वारा ब्लैक होल में ऐसी घटना देखी गई है जो जागती हुई प्रतीत होती है। खगोलशास्त्री अभी तक यह नहीं समझ पाए हैं कि उसके पीछे के कारण क्या हैं।

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एन्स्की से निकलने वाले एक्स-रे के विस्फोट, एक सामान्य क्यूपीई से दिखने वाले विस्फोट से 10 गुना लंबे और 10 गुना अधिक चमकदार होते हैं।

शोध के मुताबिक, वर्तमान सिद्धांत यह है कि क्यूपीई उन अभिवृद्धि डिस्क से जुड़े हैं जो ब्लैक होल द्वारा तारों को निगलने के बाद बनते हैं। लेकिन इस बात का कोई संकेत नहीं है कि एन्स्की ने हाल ही में किसी तारों को निगला और इसकी चमक काफी असामान्य है।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि एन्स्की से निकलने वाले एक्स-रे के विस्फोट, एक सामान्य क्यूपीई से दिखने वाले विस्फोट से 10 गुना लंबे और 10 गुना अधिक चमकदार होते हैं। इनमें से प्रत्येक विस्फोट, अन्य जगहों की तुलना में सौ गुना अधिक ऊर्जा उत्सर्जित कर रहा है। इन विस्फोटों के बीच 4.5 दिनों का अंतराल भी अब तक का सबसे लंबा अंतराल है।

शोध में उपयोग किए जा रहे मॉडल को उनकी सीमाओं तक धकेलता है और इन एक्स-रे चमक को कैसे उत्पन्न किया जा रहा है, इस बारे में मौजूदा विचारों को चुनौती देता है। खगोलविदों को इन अजीब विस्फोटों के कारण के बारे में कुछ सिद्धांत बनाने पड़े हैं। एक यह था कि अभिवृद्धि डिस्क का निर्माण ब्लैक होल में गैस के सोखे जाने से हुआ था, जो केवल तब एक्स-रे चमक को शूट करता है जब कोई छोटा खगोलीय पिंड जैसे कि कोई तारा उसके रास्ते को पार करता है।

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एन्स्की से निकलने वाले एक्स-रे के विस्फोट, एक सामान्य क्यूपीई से दिखने वाले विस्फोट से 10 गुना लंबे और 10 गुना अधिक चमकदार होते हैं।

शोध पत्र में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक्सएमएम-न्यूटन टेलीस्कोप के मुख्य वैज्ञानिक के हवाले से कहा गया है कि बस एक ब्लैक होल और उसके चारों ओर डिस्क की कल्पना कीजिए। अब कल्पना करें कि तारा हर बार परिक्रमा करते समय डिस्क को दो बार पार करता है, चमक को बाहर निकालता है, लेकिन एक विशेष कोण पर जिसका अर्थ है कि इसे खींचने के लिए कोई वास्तविक मजबूत बल नहीं है।

शोध में कहा गया है कि क्यूपीई के लिए, अभी भी उस बिंदु पर हैं जहां आंकड़ों की तुलना में अधिक मॉडल हैं। शोधकर्ताओं ने कहा हमें यह समझने के लिए और अधिक अवलोकन की जरूरत है कि क्या हो रहा है।

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