डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम जंपर को मिला केमिस्ट्री में नोबेल

डेविड बेकर को कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए चुना गया है, वहीं डेमिस हसाबिस और जॉन जंपर को प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी करने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है
डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम जंपर को मिला केमिस्ट्री में नोबेल
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केमिस्ट्री के क्षेत्र में इस साल के नोबेल पुरस्कार विजेताओं की औपचारिक घोषणा हो गई है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इस साल रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम जंपर को दिए जाने का फैसला लिया है।

गौरतलब है कि जहां डेविड बेकर को कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए चुना गया है, वहीं डेमिस हसाबिस और जॉन जंपर को प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी करने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है।

इस पुरस्कार का आधा हिस्सा डेविड बेकर को दिया जाएगा, वहीं आधा संयुक्त रूप से डेमिस हसाबिस और जॉन एम जम्पर को उनके योगदान के लिए दिया जाएगा। बता दें कि जहां डेविड बेकर वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संबंध रखते हैं। वहीं डेमिस हसाबिस और जॉन जंपर गूगल डीपमाइंड से जुड़े हैं।

इससे पहले 2023 में केमिस्ट्री के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से जुड़े मौंगी जी. बावेंडी, कोलंबिया विश्वविद्यालय से लुईस ई ब्रूस और नैनोक्रिस्टल टेक्नोलॉजी में काम करने वाले एलेक्सी एकिमोव को दिया गया था। उन्हें यह पुरस्कार क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण के लिए के लिए दिया गया था।

फ्रेडरिक सेंगर और बैरी शार्पलेस ने दो बार जीता है यह पुरस्कार

वहीं साल 2022 में कैरोलिन आर बेरटोजी, मॉर्टेन मिएलडॉल और बैरी शार्पलेस को केमिस्ट्री के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन तीनों वैज्ञानिकों को यह अवॉर्ड क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास में उनके योगदान के लिए दिया गया।

यदि रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के इतिहास पर नजर डालें तो 1901 से 2024 के बीच 197 नोबेल पुरस्कार विजेताओं को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है। अब तक कुल 116 बार यह पुरस्कार दिया गया है। फ्रेडरिक सेंगर और बैरी शार्पलेस दोनों को दो बार रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस तरह अब तक कुल 195 वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार मिल चुका है।

इस साल भी अक्टूबर की शुरूआत के साथ ही नोबेल पुरुस्कारों की घोषणा का सिलसिला शुरू हो गया है। इस कड़ी में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का ऐलान सोमवार को किया गया।

बता दें कि इस साल चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरूस्कार अमेरिका के विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को दिया गया है। इन दोनों वैज्ञानिकों को साझा तौर पर यह पुरस्कार माइक्रो आरएनए के लिए की गई उनकी खोज और ट्रांसक्रिप्शन के बाद जीन एक्प्रेशन को रेगुलेट करने में उनके योगदान के लिए दिया गया है। इन दोनों वैज्ञानिकों ने जीन गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले एक मौलिक सिद्धांत की खोज की है।

वहीं जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को इस साल भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। इन दोनों वैज्ञानिकों ने मशीनों को सोचने समझने में अपना योगदान दिया है। मतलब कि इन्होने भौतिकी की मदद से आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क को प्रशिक्षित किया है, ताकि वो हम इंसानों की तरह सोच, समझ और सीख सके।

 यह दुनिया का सबसे प्रतिष्टित पुरस्कार है, जिसके तहत विजेताओं को एक स्वर्ण पदक, प्रमाणपत्र और उसके साथ करीब एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (करीब 8.3 करोड़ रुपए) की राशि पुरस्कार स्वरुप दी जाती है।

इस कड़ी में गुरूवार दस अक्टूबर 2024 को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। वहीं शांति के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को होगी, जबकि अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल की घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी।

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