इस बार केमिस्ट्री के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी है। यह सम्मान स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका की कैरोलिन आर बेरटोजी, यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन (डेनमार्क) के मॉर्टेन मिएलडॉल और अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च सेंटर के बैरी शार्पलेस को दिया गया है। इन तीनों वैज्ञानिकों को यह अवॉर्ड क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास में उनके योगदान के लिए दिया गया है।
गौरतलब है कि बैरी शार्पलेस और मॉर्टेन मिएलडॉल को 2022 के रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है क्योंकि उन्होंने रसायन विज्ञान को कार्यात्मकता के युग में लाए हैं और उन्होंने केमेस्ट्री के फंक्शनल फार्म ‘क्लिक केमिस्ट्री’ की नींव रखी है।
उन्होंने यह पुरस्कार कैरोलिन आर बेरटोजी के साथ साझा किया है जो क्लिक केमिस्ट्री को एक नए आयाम में ले गई हैं उन्होंने कोशिकाओं को मैप करने के लिए इसका उपयोग करना शुरू किया है। उसकी बायोऑर्थोगोनल प्रतिक्रियाएं अब कई अन्य क्षेत्रों के साथ कैंसर के इलाज में भी मददगार साबित हो रही हैं।
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने आज स्टॉकहोम के करोलिंस्का इंस्टीट्यूट में विजेताओं की घोषणा की है। पिछले वर्ष बेंजामिन लिस्ट और डेविड डब्ल्यू.सी. मैकमिलन को यह पुरस्कार दिया गया था।
अब तक 189 वैज्ञानिकों को मिल चुका है यह पुरस्कार
यदि रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के इतिहास पर नजर डालें तो 1901 से 2022 के बीच 191 नोबेल पुरस्कार विजेताओं को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है। अब तक कुल 114 बार यह पुरस्कार दिया गया है। फ्रेडरिक सेंगर और बैरी शार्पलेस दोनों को दो बार रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस तरह अब तक कुल 189 वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार मिल चुका है।
इससे पहले सोमवार को स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार उनकी मानव के क्रमिक विकास पर की गई रिसर्च के लिए दिया गया है। अपने असंभव से लगने वाले शोध से, स्वांते पाबो ने निएंडरथल के जीनोम को अनुक्रमित किया है। निएंडरथल वर्तमान मनुष्यों के विलुप्त रिश्तेदार हैं। इससे पहले उन्होंने अज्ञात होमिनिन, डेनिसोवा की भी सनसनीखेज खोज की थी।
वहीं इस बार भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन जिलिंगर को क्वांटम फिजिक्स में उनके योगदान के लिए दिया गया है। अपने प्रयोगों में भौतिक वैज्ञानिक एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन जिलिंगर ने जटिल रूप से उलझी हुई स्थिति में मौजूद कणों (पार्टिकल्स) की जांच और उनको नियंत्रण करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपने प्रयोगों से स्पष्ट किया है कि दो कण अलग होने के बाद भी एक इकाई की तरह व्यवहार करते हैं।
वहीं मुंबई में जन्मे जाने माने लेखक सलमान रुश्दी को इस साल साहित्य के नोबेल पुरस्कार का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। गौरतलब है कि इसके बाद बृहस्पतिवार को साहित्य के नोबेल विजेताओं के नाम की घोषणा की जाएगी, जबकि शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा होगी। वहीं अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता के नाम का ऐलान 10 अक्टूबर को किया जाएगा।