अमृतसर में 21 एकड़ में फैला 33 लाख टन कचरा, एनजीटी ने पूछा- कब तक होगी सफाई?

नगर निगम ने जानकारी दी है कि अमृतसर में हर दिन 476 टन ठोस कचरा पैदा हो रहा है, लेकिन उसकी उपचार क्षमता में 190 टन का अंतर है
प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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सारांश
  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अमृतसर नगर निगम को 33.67 लाख टन कचरे की सफाई के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।

  • निगम को चार हफ्तों में हलफनामा दाखिल कर यह बताना होगा कि कचरे का निपटान कब तक होगा।

  • अक्टूबर 2026 तक सफाई की गारंटी देने के साथ, नया ठेका जारी कर रोजाना कचरे के निपटान की योजना बनाई गई है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 4 नवंबर 2025 को अमृतसर नगर निगम को कचरा प्रबंधन पर सख्त निर्देश दिए हैं।

ट्रिब्यूनल ने नगर निगम आयुक्त को आदेश दिया है कि वे चार हफ्तों के भीतर हलफनामा दाखिल करें, जिसमें यह स्पष्ट रूप से बताया जाए कि रोजाना पैदा होने वाले ठोस कचरे और उसके उपचार के बीच जो खाई है, उसे कब तक और कैसे पाटा जाएगा।

एनजीटी ने यह भी निर्देश दिया है कि निगम इस बात की लिखित गारंटी दे कि अक्टूबर 2026 तक इस कचरे को पूरी तरह साफ कर दिया जाएगा।

21 एकड़ में फैला 33.67 लाख टन कचरा

आयुक्त को यह भी बताना होगा कि शहर में पड़े 33.67 लाख टन पुराने (लीगेसी) कचरे का आकलन किस आधार पर किया गया है, जो वर्तमान में 21 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह हलफनामा उन्हें चार हफ्तों के भीतर दाखिल करना होगा।

नगर निगम की ओर से पेश वकील ने बताया कि पहले निर्धारित समयसीमा में पुराने कचरा हटाने का काम पूरा नहीं हो सका। हालांकि, अब नया ठेका जारी किया गया है और काम नवंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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वर्चुअल सुनवाई के दौरान अमृतसर नगर निगम के आयुक्त ने बताया कि शहर में 33.67 लाख टन पुराना कचरा जमा है, जिसे अक्टूबर 2026 तक पूरी तरह साफ कर दिया जाएगा। आयुक्त ने  यह भी बताया है कि अमृतसर में हर दिन 476 टन ठोस कचरा पैदा हो रहा है, लेकिन उसकी उपचार क्षमता में 190 टन का अंतर है।

इस कमी को दूर करने के लिए नया ठेका जारी किया जा रहा है, ताकि रोजाना बनने वाले कचरे का पूरा तरह निपटान हो सके। यह नया ठेका दो महीने में लागू हो जाएगा। इसके तहत रोजाना जमा होने वाले कचरे का निपटान सुनिश्चित किया जाएगा ताकि आगे कोई नया ‘लीगेसी वेस्ट’ न बने।

ठंडे बस्ते में एनजीटी का आदेश, न्यू अशोक नगर में अब भी चल रहे हैं अवैध बोरवेल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा 20 नवंबर 2024 के आदेश के बावजूद दिल्ली के नई अशोक नगर इलाके में अवैध बोरवेल अभी तक बंद नहीं किए गए हैं। ट्रिब्यूनल ने उस समय संबंधित अधिकारियों को तीन महीने के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

यह बातें रेमेश चंद द्वारा एनजीटी में दायर एक याचिका में कही गई है। याचिका में बताया गया कि इलाके के कुछ लोगों ने सार्वजनिक सड़कों पर बोरवेल लगा रखे हैं और उन्हें अब भी अवैध रूप से चलाया जा रहा है।

इस पर कार्रवाई करते हुए एनजीटी ने 4 नवंबर 2025 को केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) सहित संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। ट्रिब्यूनल अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी 2026 को करेगा।

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