
फरीदाबाद नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि फतेहपुर टागा, समयपुर, धौज-बल्लभगढ़ रोड, धौज, नुपुर धुमासपुर और मांगर गांव में कुल 0.5 से 2.5 एकड़ क्षेत्र में अवैध रूप से कचरा डालने की घटनाएं हुई हैं, लेकिन यह क्षेत्र फरीदाबाद नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
संयुक्त समिति और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की जांच में पाया गया कि यह कचरा दो निजी ठेकेदारों ग्रीनटेक और आदर्श भारत एनवायरो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डाला जा रहा था।
ये ठेकेदार भंड़वारी लैंडफिल साइट से कचरा निपटान के लिए गुड़गांव नगर निगम द्वारा नियुक्त थे।
फरीदाबाद नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को बताया है कि फतेहपुर टागा, समयपुर, धौज-बल्लभगढ़ रोड, धौज, नुपुर धुमासपुर और मांगर गांव में कुल 0.5 से 2.5 एकड़ क्षेत्र में अवैध रूप से कचरा डालने की घटनाएं हुई हैं, लेकिन यह क्षेत्र फरीदाबाद नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
यह रिपोर्ट 9 अक्टूबर 2025 को अदालत में सबमिट की गई है।
गौरतलब है कि हिंदुस्तान टाइम्स में 27 जून 2025 को प्रकाशित एक खबर के आधार पर एनजीटी ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। इस खबर में धौज क्षेत्र में ठोस कचरे की अवैध खुदाई और डंपिंग को लेकर शिकायत की गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक फरीदाबाद नगर निगम ने कथित क्षेत्र का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण में पाया गया कि उप-आयुक्त द्वारा जारी पत्र में दिए जीपीएस निर्देशांक वाला यह क्षेत्र फरीदाबाद नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। यह क्षेत्र पंचायत या जिला प्रशासन के अंतर्गत आता है, इसलिए इसे नगर निगम फरीदाबाद के संचालन क्षेत्र में शामिल नहीं किया जा सकता।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि खनन और भूविज्ञान विभाग की संयुक्त समिति और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की जांच में पाया गया कि यह कचरा दो निजी ठेकेदारों ग्रीनटेक और आदर्श भारत एनवायरो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डाला जा रहा था।
ये ठेकेदार भंड़वारी लैंडफिल साइट से कचरा निपटान के लिए गुड़गांव नगर निगम द्वारा नियुक्त थे।
चूंकि यह क्षेत्र फरीदाबाद नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और कचरे की अवैध खुदाई व डंपिंग नगर निगम गुड़गांव के ठेकेदार द्वारा की गई थी, इसलिए गुड़गांव नगर निगम और पंचायत विभाग को इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, यह फरीदाबाद नगर निगम की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है।
एनजीटी ने सहिबी नदी की बहाली पर पर्यावरण मंत्रालय से मांगी रिपोर्ट
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 9 अक्टूबर 2025 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को निर्देश दिया है कि पहले सहिबी नदी के रूप में जानी जाने वाली जलधारा, जिसे बाद में नजफगढ़ ड्रेन का नाम दे दिया गया, उसके पुनरुद्धार पर अपनी प्रतिक्रिया दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करे।
एनजीटी ने 12 फरवरी 2025 को इस मामले पर विचार करते हुए कहा था कि इसमें पर्यावरण से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे आसपास के गांवों को पीने का पानी उपलब्ध कराना, लाल बहादुर शास्त्री रिचार्जिंग चैनल और मसानी बैराज की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स द्वारा पर्यावरण से जुड़े मानकों का पालन, साफ किए गए सीवेज का दोबारा उपयोग, औद्योगिक कचरा का उपचार, और सहिबी नदी का पुनरुद्धार आदि शामिल हैं।
एनजीटी ने हरियाणा और दिल्ली को भी निर्देश दिया है कि वे सहिबी नदी के मार्ग से गुजरने वाली जमीन के विवरण के साथ सर्वेक्षण मानचित्र और गूगल इमेज प्रस्तुत करें।
इसके साथ ही हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली को विशेष रूप से यह जानकारी देने के लिए भी कहा गया है कि साल 1977 से पहले सहिबी नदी राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में किस मार्ग या चैनल से बहती थी, क्योंकिं उस साल में हरियाणा और दिल्ली में गंभीर बाढ़ आई थी।
साथ ही, उन्हें उस समय के सर्वेक्षण मानचित्र और गूगल इमेज की प्रतियां भी प्रस्तुत करनी होंगी।