एनजीटी का अल्टीमेटम: अगले मानसून से पहले दिल्ली में साफ हो जाने चाहिए नाले

एमसीडी ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि 2025 में 1.70 लाख मीट्रिक टन गाद हटाई, वहीं डीडीए ने सभी नालों की सफाई पूरी होने का दावा किया है
दिल्ली में बारिश के बाद हुआ जलभराव; फोटो: आईस्टॉक
दिल्ली में बारिश के बाद हुआ जलभराव; फोटो: आईस्टॉक
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सारांश
  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली में नालों की सफाई का काम अगले मानसून से पहले पूरा करने का निर्देश दिया है।

  • ट्रिब्यूनल ने दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर परिषद और दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा नालों की सफाई की स्थिति पर दी गई रिपोर्टों की समीक्षा की है।

  • एमसीडी के 12 जोन से मिले आंकड़ों के अनुसार जनवरी से जून 2025 के बीच एमसीडी ने चार फीट या उससे गहरे नालों से कुल 1,70,619.89 मीट्रिक टन गाद हटाई है। वहीं इसी अवधि के दौरान 2024 में महज 78,000 मीट्रिक टन गाद हटाई गई थी।

  • दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 9 दिसंबर 2025 को सबमिट अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई पूरी कर ली गई है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने 11 दिसंबर 2025 को दिल्ली में नालों की सफाई के लंबित काम को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यह काम अगले मानसून से पहले पूरा हो जाना चाहिए, ताकि जलभराव और बाढ़ की समस्या पैदा न हो।

कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), नई दिल्ली नगर परिषद और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा नालों की सफाई की स्थिति पर दी गई रिपोर्टों की समीक्षा की है।

एमसीडी ने 9 सितंबर 2025 को जो कार्रवाई रिपोर्ट पेश की, उसमें नालों की सफाई की प्रगति का ब्यौरा दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में नालों की कुल लम्बाई 3,722.8 किलोमीटर है, जिनमें से 530.83 किलोमीटर की देखभाल एमसीडी करती है। बाकी नालों की जिम्मेदारी पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट, दिल्ली सरकार, नई दिल्ली नगर परिषद और अन्य एजेंसियों की है।

रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से जून 2025 के बीच दिल्ली नगर निगम ने चार फीट या उससे गहरे नालों से 1,26,474.27 मीट्रिक टन गाद हटाने का लक्ष्य रखा था। 

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एमसीडी के 12 जोन से मिले आंकड़ों के अनुसार जनवरी, 2025 से मार्च, 2025 के बीच इनमें से कुल 37,281.94 मीट्रिक टन गाद हटाई गई। इसके बाद अप्रैल, 2025 से जून, 2025 के बीच एमसीडी ने 1,33,337.96 मीट्रिक टन गाद हटाई।

एमसीडी ने हटाई 1.70 लाख मीट्रिक टन गाद

इस तरह जनवरी से जून 2025 के बीच एमसीडी ने चार फीट या उससे गहरे नालों से कुल 1,70,619.89 मीट्रिक टन गाद हटाई है। वहीं इसी अवधि के दौरान 2024 में महज 78,000 मीट्रिक टन गाद हटाई गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध कचरा फेंकने के कारण नालों से गाद और कचरा हटाने की यह प्रक्रिया लगातार पूरे साल जारी रहती है।

जुलाई से 19 अगस्त 2025 के बीच एमसीडी ने 14,674.19 मीट्रिक टन गाद हटाई गई।

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एमसीडी चार फीट से छोटे 12,892 नालों की भी नियमित सफाई करती है। एमसीडी क्षेत्र में इन नालों की कुल लंबाई 6,069.88 किलोमीटर है। जनवरी से जून 2025 में यहां 38,961.59 मीट्रिक टन गाद हटाई गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 30,500 मीट्रिक टन था।

एनजीटी ने 10 दिसंबर 2025 को एनडीएमसी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट की भी समीक्षा की, जिसमें नालों की सफाई का ब्यौरा दिया गया था। एनडीएमसी क्षेत्र में नालों की कुल लंबाई 335 किलोमीटर है। एनडीएमसी नालों की नियमित सफाई और डी-सिल्टिंग पूरे साल करती रहती है।

जनवरी 2025 से अगस्त 2025 के बीच कुल 2,436.88 मीट्रिक टन गाद हटाई गई, जिसे आगे प्रक्रिया के लिए ओखला सॉलिड वेस्ट लैंडफिल साइट में डाला गया। एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में दिल्ली के कुल नालों का महज नौ फीसदी है।

क्या है डीडीए की तैयारी

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 9 दिसंबर 2025 को सबमिट अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई पूरी कर ली गई है। रिपोर्ट के अनुसार, आगामी मानसून की तैयारी को लेकर जून 2025 को इंजीनियर सदस्यों ने सभी जोनों में 15 जून 2025 तक डी-सिल्टिंग का काम पूरा करने के निर्देश दिए थे।

डीडीए ने संबंधित इंजीनियरों को नालों से गाद हटाने के कार्य की प्रगति की निगरानी के लिए मौके पर जाकर नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। जलभराव की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय फ्लड कंट्रोल रूम और जोनल फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित करने को भी कहा गया। साथ ही, निकाली गई गाद को तुरंत हटाने और किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

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डीडीए ने जलभराव के संभावित स्थानों की पहचान कर प्राथमिकता से सफाई की। वर्ष 2024 में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 194 संवेदनशील जलभराव पॉइंट्स चिन्हित किए थे, जिनमें से 15 डीडीए के अंतर्गत आते हैं और इन्हें पहले ही साफ कर दिया गया। डीडीए की रिपोर्ट के अनुसार, जलभराव को लेकर अब तक कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई है।

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