नैनीताल की सीवर व्यवस्था मजबूत करने के लिए 109 करोड़ की परियोजना तैयार: रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक नैनीताल अर्बन सीवरेज योजना के तहत 600 मीटर सीवर लाइन को तुरंत बदलने की आवश्यकता है
उत्तराखंड का लोकप्रिय हिल स्टेशन नैनीताल; फोटो: आईस्टॉक
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नैनीताल शहर की सीवर व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 109 करोड़ रुपए की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई गई है। इस रिपोर्ट को उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा तैयार किया गया है। यह जानकारी कुमाऊं के कमिश्नर द्वारा 16 अप्रैल 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दायर रिपोर्ट में दी गई है।

इस परियोजना रिपोर्ट को तैयार करने से पहले, नैनीताल शहर में बीते 30 से 40 वर्षों में डाली गई पुरानी और क्षतिग्रस्त सीवर पाइप लाइनों, मैनहोल चैंबर्स की स्थिति, छोटे आकार की सीवर पाइपों और शहर के आवासीय भवनों को सीवर लाइनों से जोड़ने की स्थिति का गहन मूल्यांकन किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल नैनीताल अर्बन सीवरेज योजना के तहत 600 मीटर सीवर लाइन को तुरंत बदलने की आवश्यकता है, क्योंकि कई क्षेत्रों में 150 मिलीमीटर और 200 मिलीमीटर व्यास की सीवर पाइपें बेहद पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं।

नैनीताल झील के प्रदूषण से जुड़ा है मामला

इसके अतिरिक्त, नैनीताल शहर के विभिन्न हिस्सों में 37 पुराने और क्षतिग्रस्त सीवर मैनहोल चैंबर्स का निर्माण, 83 मैनहोल्स की मरम्मत और कई जगहों पर ढके हुए मैनहोल चैंबर्स को सड़क की सतह तक उठाने का कार्य प्रस्तावित है। साथ ही, 150 से 300 मिमी व्यास की 5.80 किलोमीटर लम्बी नई सीवर लाइन बिछाने और 380 मैनहोल चैंबर्स की सिल्ट सफाई भी तत्काल की जानी है।

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इस काम को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने 73.66 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की है, जिसमें से 44.196 लाख रुपये की पहली किस्त जारी भी कर दी गई है।

यह मामला नैनीताल झील के नैना मंदिर की ओर से होने वाले प्रदूषण से संबंधित है। नैनीताल अर्बन सीवरेज योजना का संचालन उत्तराखंड जल संस्थान, नैनीताल द्वारा किया जा रहा है। एनजीटी में यह मामला झील की स्वच्छता और शहर की जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के मकसद से उठाया गया है।

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