स्नान योग्य जल गुणवत्ता मानदंडों पर खरा है हिमाचल प्रदेश-हरियाणा सीमा पर मारकंडा का जल: सीपीसीबी रिपोर्ट

आरोप है कि हिमाचल के काला अंब में औद्योगिक गतिविधियों के चलते मारकंडा दूषित हो रही है
मारकंडा नदी; फोटो: विकीमीडिया कॉमन्स
मारकंडा नदी; फोटो: विकीमीडिया कॉमन्स
Published on

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एनजीटी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हिमाचल प्रदेश-हरियाणा सीमा पर मारकंडा नदी का पानी नहाने के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप है।

रिपोर्ट में यह भी कहा है कि रुचिरा पेपर लिमिटेड डिस्चार्ज संबंधी मानकों का पालन कर रहा है। मामला अंबाला की नारायणगढ़ तहसील में मारकंडा नदी में हो होते प्रदूषण से जुड़ा है।

आवेदक का आरोप है कि हिमाचल के काला अंब में औद्योगिक गतिविधियों के चलते मारकंडा दूषित हो रही है। त्रिलोकपुर रोड पर स्थित फैक्ट्रियां कथित तौर पर कैमी नाले के जरिए उद्योगों से निकलने वाला दूषित पानी नदी में छोड़ रही हैं। इसकी वजह से नदी जल दूषित हो रहा है और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।

आरोप है कि इसके चलते बीमारियां फैल रही हैं, जिससे ग्रामीण और मवेशी प्रभावित हो रहे हैं। नदी में बढ़ते प्रदूषण से लोगों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है। इसके अतिरिक्त, यह भी आरोप है कि एक पेपर मिल भी मारकंडा नदी में अवैध नाले के जरिए दूषित पानी छोड़ रही है, जिससे प्रदूषण और बढ़ गया है।

संयुक्त समिति ने 21 सितंबर और 21 अक्टूबर, 2022 को मारकंडा नदी, जट्टांवाला और मेसर्स रुचिरा पेपर लिमिटेड का निरीक्षण किया था। हिमाचल प्रदेश और हरियाणा दोनों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) ने निरीक्षण के दौरान वहां से नमूने एकत्र किए थे।

यह भी पढ़ें
नहाने लायक नहीं गंगा बेसिन के अधिकांश क्षेत्रों में जल, गुणवत्ता मानकों पर रहा विफल: सीपीसीबी
मारकंडा नदी; फोटो: विकीमीडिया कॉमन्स

गौरतलब है कि सीपीसीबी जल गुणवत्ता संबंधी आंकड़ों के आधार पर प्रदूषित नदी खंडों (पीआरएस) की पहचान करता है। नदी के जो खंड खुले में नहाने के लिए बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) के निर्धारित मानदंडों को पूरा करने में विफल रहते हैं, उन्हें प्रदूषित क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक इन प्रदूषित नदी खंडों (पीआरएस) को बहाल करने के लिए, पर्यावरण के प्रमुख सचिव के मार्गदर्शन में प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की नदी पुनरुद्धार समिति (आरआरसी) ने कार्य योजनाएं तैयार की हैं।

यह भी पढ़ें
उत्तराखंड में नहाने योग्य पानी के लिए निर्धारित जल गुणवत्ता मानकों पर खरा है गंगा जल: सीपीसीबी
मारकंडा नदी; फोटो: विकीमीडिया कॉमन्स

इनका उद्देश्य सीपीसीबी द्वारा पहचानी गई हिमाचल प्रदेश की मारकंडा नदी सहित सभी प्रदूषित नदियों को नहाने के लिए उपयुक्त बनाना है। सीपीसीबी द्वारा जारी यह रिपोर्ट नौ दिसंबर, 2024 को एनजीटी की वेबसाइट साइट पर अपलोड की गई है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in