पर्यावरण मुकदमों की डायरी: प्रयागराज में नहीं मिला कोई भी अवैध सिलिका वाशिंग प्लांट

पर्यावरण संबंधी मामलों में अदालतों में क्या हुआ, बता रहा है डाउन टू अर्थ
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: प्रयागराज में नहीं मिला कोई भी अवैध सिलिका वाशिंग प्लांट
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जिला मजिस्ट्रेट, प्रयागराज द्वारा गठित समिति ने 16 जून को शंकरगढ़ के क्षेत्र का दौरा किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गैर-कानूनी ढंग से चल रहे सिलिका वाशिंग प्लांट का संचालन न हो रहा हो।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने बताया कि किसी भी सिलिका वाशिंग प्लांट के लिए कोई सहमति नहीं दी गई है, क्योंकि केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) से किसी को भी वैध अनुमति नहीं मिली है।

समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की कि कोई भी अवैध सिलिका वाशिंग प्लांट चलता हुआ नहीं पाया गया। समिति को नियमित रूप से साइट पर जाने और यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि कोई भी अवैध सिलिका वाशिंग प्लांट नहीं चल रहा हो।

श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण के संबंध में, उप श्रमायुक्त, प्रयागराज डिवीजन, प्रयागराज द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी जिसमें कहा गया था कि श्रमिकों के लिए सुरक्षा और कल्याणकारी उपायों की जांच नहीं की जा सकती है क्योंकि इकाइयां चालू नहीं पाई गई हैं।

61 इकाइयों के संबंध में, सक्षम प्राधिकारी ने रु.7.25 लाख की दर से अगस्त 2019 से पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है। हालांकि, 9 इकाइयों के संबंध में, पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जारी करने की कोई प्रक्रिया नहीं हुई थी क्योंकि वे पहले ही बंद हो चुके थे।

क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी ने बताया है कि 61 इकाइयों में से 60 रिकवरी प्रमाण पत्र अवैध सिलिका वाशिंग प्लांट के खिलाफ जारी किए गए थे और शेष प्रक्रिया के अधीन है और जल्द ही इसे जारी किया जाएगा।

यह सब संभागीय आयुक्त, प्रयागराज द्वारा 7 जनवरी के एनजीटी के आदेश के निर्देशों पर सौंपी गई रिपोर्ट में उल्लिखित था और 14 जुलाई को इसे एनजीटी की साइट पर अपलोड किया गया है।

खतरनाक केमिकल फॉर्मलाडिहाइड के निर्माण पर तत्काल रोक

राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को हरियाणा के कुराली, सबापुर रोड, तहसील बिलासपुर, यमुनानगर, हरियाणा में मेसर्स ओम कैमी द्वारा एक खतरनाक केमिकल फॉर्मलाडिहाइड के निर्माण गतिविधि पर तत्काल रोक लगाने को कहा। इकाई पर्यावरण मंजूरी (ईसी) के बिना केमिकल का निर्माण कर रही थी।

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