सभी शहरों को पीछे छोड़ दौसा में जानलेवा हुआ प्रदूषण, दिल्ली-फरीदाबाद में सुधरी वायु गुणवत्ता

सभी शहरों को पीछे छोड़ दौसा में जानलेवा हुआ प्रदूषण, दिल्ली-फरीदाबाद में सुधरी वायु गुणवत्ता

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो प्रदूषण के स्तर में कल के मुकाबले गिरावट आई है। बता दें कि जहां दिल्ली में 17 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 226 पर पहुंच गया
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राजस्थान का दौसा सभी शहरों की पीछे छोड़ प्रदूषण के मामले में सबसे आगे निकल गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 326 पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ कुड्डालोर और रामनाथपुरम देश के सबसे साफ शहर रहे, जहां वायु गुणवत्ता 21 दर्ज की गई। वहीं यदि दौसा में प्रदूषण की तुलना कुड्डालोर से करें तो वहां हवा करीब 16 गुणा ज्यादा खराब रही। इसी तरह देश के 40 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहतर' बना हुआ है। इन शहरों में अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर शामिल रहे। यदि कल से देखें तो आज बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 9.1 फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया। इन शहरों में बद्दी (237), बागपत (204), बल्लभगढ़ (205), बांसवाड़ा (282), भिवाड़ी (210), दिल्ली (226), ग्रेटर नोएडा (284), गुरूग्राम (207), हिसार (241), मंडी गोबिंदगढ़ (283), मुजफ्फरनगर (230), और नोएडा (244), शामिल रहे। कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में भी 37 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, देवास, धारवाड़, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक आदि शामिल रहे। यदि राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो प्रदूषण के स्तर में कल के मुकाबले गिरावट आई है। बता दें कि जहां दिल्ली में 17 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 226 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी 54 अंकों की गिरावट के बाद वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। बता दें कि देश के 80 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है। कल के मुकाबले देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में आठ फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में भरतपुर, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छाल, चित्तौड़गढ़, देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर आदि शहर शामिल रहे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 228 में से 40 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 मई 2024 यह आंकड़ा 82 दर्ज किया गया था।

81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 12 शहरों बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, भिवाड़ी, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हिसार, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरनगर, नोएडा आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में दौसा (326) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 17 अंक गिरकर 226 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 198, गाजियाबाद में 184, गुरुग्राम में 207, नोएडा में 244, ग्रेटर नोएडा में 284 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 144, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 147, हैदराबाद में 44, जयपुर में 178 और पटना में 188 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी (36) सहित देश के जिन 40 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 31, अनंतपुर 44, अरियालूर 29, बागलकोट 46, बरेली 42, बैरकपुर 44, बेलगाम 41, बेंगलुरु 44, बिलासपुर 44, चामराजनगर 40, चंद्रपुर 36, चिकबलपुर 25, चिक्कामगलुरु 47, चित्तूर 39, कुड्डालोर 21, कटक 43, दावनगेरे 23, गांधीनगर 46, गुम्मिडिपूंडी 45, हल्दिया 34, हुबली 46, हैदराबाद 44, कलबुर्गी 45, कोलकाता 41, मदिकेरी 24, मैहर 46, मंगलौर 50, मैसूर 31, नाहरलगुन 40, पुदुचेरी 40, राजमहेंद्रवरम 46, रामनगर 42, रामनाथपुरम 21, सूरत 30, तिरुपति 44, वापी 50, वेल्लोर 36, विजयपुरा 42, और यादगीर 40 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, देवास, धारवाड़, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हावड़ा, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जलना, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मानेसर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, परभनी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेंसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 94 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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