हिमाचल के ऊना में बिना अनुमति स्टोन क्रशर लगाने की कोशिश, एनजीटी ने जांच के दिए आदेश

पर्यावरणीय मंजूरी और पेड़ काटने को लेकर उठे सवाल, एनजीटी ने दो महीने में जांच पूरी करने के दिए निर्देश
स्टोन क्रशर टोटल सस्पेंडेड पार्टिकल्स (टीएसपी) और सूक्ष्म कणों (पीएम 10) के साथ-साथ पीएम2.5 जैसे महीन कणों को भी पैदा करते हैं; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
स्टोन क्रशर टोटल सस्पेंडेड पार्टिकल्स (टीएसपी) और सूक्ष्म कणों (पीएम 10) के साथ-साथ पीएम2.5 जैसे महीन कणों को भी पैदा करते हैं; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचपीएसपीसीबी) के सदस्य सचिव को ऊना जिले की घनारी तहसील के गांव मंडवारा में स्टोन क्रशर लगाने की शिकायत के जांच के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश दो जुलाई 2025 को दिया गया है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि खननकर्ताओं ने बिना अनुमति के जमीन समतल कर दी और इस दौरान कई पेड़ भी काटे गए। यह काम स्टोन क्रशर स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

कोर्ट को बताया गया कि यह शिकायत पहले भी 21 फरवरी 2025 को एचपीएसपीसीबी को भेजी गई थी। साथ ही, पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक को भी शिकायत भेजी गई थी, जिसे बाद में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को भेज दिया गया। हालांकि, शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एनजीटी ने कहा कि शिकायत में लगाए आरोपों का जमीनी स्तर पर सत्यापन किया जाना आवश्यक है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो सदस्य सचिव को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी होगी।

ट्रिब्यूनल का यह भी कहना है कि मामला पहले ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास लंबित है, ऐसे में अब जरूरी है कि सदस्य सचिव स्वयं इस पर ध्यान दें और जल्द से जल्द कार्रवाई करें।

अदालत ने 2 जुलाई, 2025 को आवेदन का निपटारा करते हुए हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को आवेदक की शिकायत पर विचार करने का निर्देश दिया और साथ ही पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग, हिमाचल प्रदेश के निदेशक द्वारा भेजी गई शिकायत पर भी जल्द से जल्द कार्रवाई करने को कहा है। अदालत ने इसके लिए दो महीने का समय दिया है।

एनजीटी ने आदेश में कहा कि आरोप की सच्चाई का पता लगाने के लिए एचपीएसपीसीबी के सदस्य सचिव को मौके पर जाकर निरीक्षण करना चाहिए तथा यह भी पता लगाना चाहिए कि क्या खनिकों के पास अपेक्षित मंजूरी और अनुमति है या नहीं।

कचरा जलाने पर लगाम नहीं: एनजीटी ने पुणे नगर निगम से दो हफ्ते में मांगा जवाब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की पश्चिमी बेंच ने 2 जुलाई 2025 को पुणे नगर निगम (पीएमसी) को निर्देश दिया है कि वह कचरा जलाने पर रोक लगाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दो सप्ताह के भीतर अदालत को दे।

यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें याचिकाकर्ता ने 29 मई 2024 को दिए गए पुराने आदेश पर कार्रवाई की मांग की थी। उस आदेश में नगर निगम के ठोस कचरा प्रबंधन विभाग के उपायुक्त को हर महीने कचरा जलाने की रोकथाम के उपायों की समीक्षा करने और की गई कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक रूप से नगर निगम की वेबसाइट पर डालने का निर्देश दिया गया था।

कोर्ट को बताया गया कि पुणे नगर निगम ने इन आदेशों का पालन नहीं किया है। अब एनजीटी ने नगर निगम को दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है कि उन्होंने अब तक क्या कदम उठाए हैं और क्यों पुराने निर्देशों को नजरअंदाज किया गया।

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