

कचरा स्वास्थ्य संकट बढ़ा रहा है। कचरा हवा, पानी और मिट्टी को प्रदूषित कर रोग और विषाक्तता का खतरा बढ़ाता है।
सबसे संवेदनशील समूह: बच्चे, गर्भवती महिलाएं, अनौपचारिक कचरा श्रमिक और खुली जगह के आसपास रहने वाले समुदाय सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
पर्यावरण और जलवायु पर प्रभाव: खुला डंप और जलाना पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाता, प्रदूषण बढ़ाता और जलवायु परिवर्तन में योगदान देता है।
सुरक्षित प्रबंधन के लाभ: कचरे को पुनर्चक्रण, ऊर्जा उत्पादन और हरे रोजगार के अवसरों में बदलकर स्वास्थ्य और पर्यावरण सुधारा जा सकता है।
सरकार और स्वास्थ्य क्षेत्र की जिम्मेदारी: कचरा घटाना, संग्रह बढ़ाना, सुरक्षित निपटान और श्रमिक सुरक्षा सुनिश्चित करके जीवन और पर्यावरण को संरक्षित करना जरूरी है।
आज हमारे समाज में कचरे की समस्या एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बनती जा रही है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी नई रिपोर्ट “थ्रोइंग अवे अवर हेल्थ: दि इम्पैटस ऑफ सॉलिड वेस्ट ऑन ह्यूमन हेल्थ” में चेतावनी दी है कि कचरे का सही तरीके से प्रबंधन न होने पर मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ सकते हैं।
दुनिया भर में नगरपालिका के कचरे की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। इसके बावजूद कई देशों के पास इसे सुरक्षित रूप से संभालने की पर्याप्त व्यवस्था या संसाधन नहीं हैं। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि सामाजिक असमानताओं और पर्यावरणीय नुकसान को भी बढ़ावा देती है।
रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन हेल्थ विभाग के निदेशक डॉ. रूडिगर क्रेच ने कहा, “कचरा दर्शाता है कि हमारे समाज कैसे उत्पादन और खपत करते हैं, और हम लोगों और पर्यावरण के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। यदि हम कचरे को नजरअंदाज करना जारी रखते हैं, तो हम रोग, जलवायु प्रदूषण और गहरी सामाजिक असमानताओं को स्थायी रूप से जन्म देंगे।"
कचरे का स्वास्थ्य पर असर
कचरा, विशेषकर नगरपालिका कचरा, कई तरीकों से स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जब कचरा इकट्ठा नहीं किया जाता, खुले में फेंका जाता है, जलाया जाता है, या ठीक से प्रबंधित नहीं किया जाता है, तो यह हानिकारक रसायनों को छोड़ सकता है, पानी और मृदा को प्रदूषित कर सकता है और कीट एवं चूहों के लिए प्रजनन स्थल बन सकता है।
कचरे के कारण फैलने वाले रोगों में पानी और खाद्यजनित संक्रमण, श्वसन संबंधी बीमारियां, और कई बार गंभीर विषाक्त प्रभाव शामिल हैं। बच्चे, गर्भवती महिलाएं, कचरा श्रमिक और ऐसे समुदाय जो कचरा प्रबंधन सुविधाओं से वंचित हैं, इन खतरों का सबसे अधिक सामना करते हैं।
पर्यावरण और जलवायु पर असर
कचरे का गलत प्रबंधन केवल स्वास्थ्य पर ही असर नहीं डालता, बल्कि हमारे पर्यावरण और जलवायु को भी प्रभावित करता है। खुली जगह पर कचरा फेंकने और जलाने की प्रथा, मिट्टी, पानी और हवा को प्रदूषित करती है। इसके साथ ही यह पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाती है और जलवायु परिवर्तन में योगदान देती है।
यदि कचरे का सही प्रबंधन किया जाए, तो इसे एक संसाधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे ऊर्जा उत्पादन, हरित रोजगार और स्थायी शहर बनाने में मदद मिल सकती है।
कचरा प्रबंधन के उपाय
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कचरे से होने वाले स्वास्थ्य और पर्यावरणीय जोखिमों को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं।
कचरे की मात्रा कम करना: उत्पादन और उपभोग के स्तर पर कचरे को घटाना।
सुलभ कचरा संग्रह सेवा: विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां कचरा प्रबंधन की सुविधाएं कम हैं।
सुरक्षित निपटान और पुनर्प्राप्ति केंद्र: कचरे के रिसाइक्लिंग, पुनः उपयोग और सुरक्षित निपटान की प्रक्रिया को मजबूत करना।
खुले में कचरा फेंकने और जलाने पर रोक: इसमें खतरनाक कचरा भी शामिल है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र की क्या है भूमिका
स्वास्थ्य देखभाल कचरे को स्रोत पर रोकना और सुरक्षित प्रबंधन सुनिश्चित करना।
कचरे के अलग-अलग प्रकारों का सही तरीके से पृथक्करण करना।
जलवायु-उपयुक्त, साफ-सुथरी तकनीकों में निवेश करना।
स्वास्थ्य-सुरक्षात्मक नीतियों और मानकों के लिए वकालत करना।
अनुसंधान, निगरानी और बायोमोनिटरिंग के माध्यम से साक्ष्य-आधारित नीति बनाना।
अनौपचारिक कचरा श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा और समावेश को बढ़ावा देना।
तत्काल कार्रवाई के उदाहरण
खुले कचरा डंप और जलाने की जगहों को बंद करना।
कचरा श्रमिकों के लिए व्यावसायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम विकसित करना।
नगरपालिका के साथ मिलकर सुरक्षित कचरा प्रबंधन सेवाओं को धीरे-धीरे लागू करना।
कचरा केवल एक अपशिष्ट नहीं है, यह हमारे स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज की समग्र भलाई से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि यदि कचरे को नजरअंदाज किया गया, तो इसके परिणाम लंबी अवधि और गंभीर होंगे।
दूसरी ओर, कचरे का सही प्रबंधन इसे संसाधन में बदल सकता है, शहरों को साफ-सुथरा और सुरक्षित बना सकता है, और लोगों के जीवन को बेहतर बना सकता है। हमें यह समझना होगा कि कचरा सिर्फ एक समस्या नहीं, बल्कि अवसर भी है, स्वास्थ्य, रोजगार और सतत विकास के लिए।
इसलिए यह समय है कि हम कचरे को नजरअंदाज करना बंद करें और इसे सुरक्षित, सतत और स्वास्थ्य-सुरक्षात्मक तरीके से प्रबंधित करें। ऐसा करने से न केवल आज के जीवन को सुरक्षित बनाया जा सकता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित किया जा सकता है।