

जहरीली हवा (पीएम2.5) व्यायाम के फायदे को लगभग आधा कर देती है, लेकिन फायदे पूरी तरह खत्म नहीं होते।
पीएम2.5 स्तर 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर होने पर नियमित व्यायाम से मिलने वाला स्वास्थ्य लाभ काफी कम हो जाता।
अध्ययन में 15 लाख लोगों के 10 साल से अधिक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जो एक बहुत बड़ा डेटासेट है।
स्वच्छ हवा वाले क्षेत्रों में नियमित गतिविधि मृत्यु के खतरे को 30 फीसदी तक कम करती है, जबकि अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में यह लाभ 12-15 फीसदी रह जाता।
वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि लोग व्यायाम बंद न करें, बल्कि एक्यूआई देखकर, साफ रास्ते चुनकर और प्रदूषित दिनों में हल्की गतिविधि करके अपने स्वास्थ्य लाभ बढ़ाएं ।
दुनिया भर में बढ़ते प्रदूषण के बीच एक नई अंतरराष्ट्रीय शोध रिपोर्ट ने यह चिंता और बढ़ा दी है कि जहरीली हवा हमारे स्वास्थ्य पर कितना गहरा असर डाल रही है। सामान्य तौर पर व्यायाम को स्वास्थ्य सुधारने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन हालिया अध्ययन बताता है कि जब हवा में प्रदूषण बहुत अधिक होता है, तो व्यायाम से मिलने वाला लाभ काफी हद तक कम हो जाता है। हालांकि अच्छी बात यह है कि व्यायाम के फायदे पूरी तरह खत्म नहीं होते।
अध्ययन में क्या पाया गया?
यह शोध बीएमसी मेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल), ताइवान, चीन, डेनमार्क, अमेरिका और यूके के वैज्ञानिक शामिल थे। शोधकर्ताओं ने 10 साल से अधिक समय तक 15 लाख से ज्यादा वयस्कों के स्वास्थ्य के आंकड़ों का अध्ययन किया।
इन विशाल आंकड़ों के आधार पर पता चला कि जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते थे, उनमें मृत्यु का खतरा औसतन 30 फीसदी कम पाया गया। लेकिन जहां हवा में प्रदूषण ज्यादा था, उन्हीं लोगों में यह फायदा घटकर लगभग 12 से 15 फीसदी रह गया।
पीएम2.5 क्या है और यह खतरनाक क्यों है?
यह प्रभाव खासतौर पर हवा में मौजूद बारीक कणों पीएम2.5 के कारण दिखा। ये कण 2.5 माइक्रोमीटर से भी छोटे होते हैं और इतने महीन होते हैं कि फेफड़ों के अंदर गहराई तक पहुंच कर खून में घुल सकते हैं। पीएम2.5 फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग, कैंसर और समय से पहले मौत का बड़ा कारण माना जाता है।
अध्ययन में पता चला कि जब किसी क्षेत्र में पीएम2.5 का सालाना औसत स्तर 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच जाता है, तो व्यायाम के फायदे बहुत कम हो जाते हैं। दुनिया की लगभग 46 फीसदी आबादी ऐसे इलाकों में रहती है जहां प्रदूषण इस स्तर तक पहुंचा हुआ है या उससे भी ज्यादा है।
और भी चिंताजनक बात यह है कि जब पीएम2.5 का स्तर 35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर पहुंच जाता है, तो व्यायाम कैंसर संबंधी मौतों से सुरक्षा देने में भी पर्याप्त प्रभावी नहीं रह जाता। दुनिया की 36 फीसदी आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहती है जहां प्रदूषण इतना अधिक है।
फिर भी व्यायाम क्यों जरूरी है?
शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि प्रदूषण के बीच भी व्यायाम फायदेमंद रहता है, लेकिन स्वच्छ हवा मिलने पर इसका लाभ बहुत अधिक बढ़ जाता है।
जहरीली हवा व्यायाम के फायदे को आंशिक रूप से अवरुद्ध कर सकती है, लेकिन उसे पूरी तरह खत्म नहीं करती। इसलिए हवा की गुणवत्ता सुधारना और नियमित शारीरिक गतिविधि दोनों ही स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अध्ययन के रोचक निष्कर्ष
जिन लोगों ने सप्ताह में कम से कम ढाई घंटे मध्यम या तेज व्यायाम किया, उनमें मृत्यु का खतरा काफी कम पाया गया। लेकिन अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में यही लाभ करीब आधा रह गया।
कई देशों में प्रदूषण स्तर बहुत अधिक है, इसलिए वहां के नागरिकों के लिए यह खतरा और भी बड़ा है।
यूके जैसे अपेक्षाकृत कम प्रदूषण वाले देशों में भी सर्दियों के महीनों में पीएम2.5 का स्तर 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर चला जाता है।
क्या व्यायाम बंद कर देना चाहिए? बिल्कुल नहीं
शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि लोगों को व्यायाम से दूर रहने की जरूरत नहीं है। बल्कि कुछ सावधानियां अपनाकर वे व्यायाम के अधिकतम लाभ ले सकते हैं:
व्यायाम से पहले वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की जांच करें।
ऐसे दिनों में जब हवा बहुत खराब हो, भारी व्यायाम से बचें और हल्की गतिविधियां करें।
मुख्य सड़कों या ट्रैफिक वाले क्षेत्रों की बजाय करीब के पार्क, पेड़ों वाले रास्ते या खुले मैदान चुनें।
घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें, खासकर उन शहरों में जहां प्रदूषण लगातार ज्यादा रहता है।
यह अध्ययन बताता है कि स्वच्छ हवा और नियमित व्यायाम दोनों ही हमारी सेहत के लिए अनिवार्य हैं। यदि हवा में जहरीले कण ज्यादा हों, तो व्यायाम से मिलने वाला सुरक्षा कवच काफी पतला हो जाता है।
इसलिए सरकारों और समाज को प्रदूषण कम करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि लोग अपनी रोजमर्रा की शारीरिक गतिविधियों से पूर्ण लाभ उठा सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।