मलेरकोटला में स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल, हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब

कोर्ट ने कहा, "जहां तक चिकित्सा के बुनियादी ढांचे का सवाल है, मलेरकोटला जिले में हालात सुधरते नहीं दिख रहे।“
मलेरकोटला में स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल, हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब
Published on

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसमें उनसे मलेरकोटला जिले समेत पूरे पंजाब में चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं पर जवाब मांगा गया है।

कोर्ट ने कहा, "जहां तक ​​चिकित्सा के बुनियादी ढांचे का सवाल है, मलेरकोटला जिले में हालात सुधरते नहीं दिख रहे।" अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सरकार मेडिकल अफसरों की भर्ती प्रक्रिया में हुई प्रगति की जानकारी भी हलफनामे में दे।

राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि एक रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर स्थापित करने के लिए सार्वजनिक निविदा जारी की गई है, जिसमें एक एमआरआई और एक सीटी स्कैन मशीन शामिल है। ऐसे में 13 मई, 2025 को कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस टेंडर प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति भी हलफनामे में दर्ज की जाए।

सरकार की ओर से पहले दाखिल एक हलफनामे में बताया गया कि मलेरकोटला में कुछ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। हालांकि अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ये डॉक्टर नए सिरे से नियुक्त किए गए हैं या किसी अन्य स्थान से स्थानांतरित करके भेजे गए हैं।

राज्य सरकार के वकील ने अदालत को यह भी जानकारी दी कि 25 अप्रैल 2025 को 1000 मेडिकल अफसरों की सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, और प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

याचिकाकर्ता भीष्म किंगर ने कोर्ट को बताया कि मलेरकोटला में स्त्री रोग, नेत्र रोग, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, रेडियोलॉजी और त्वचा रोग के क्षेत्र में कोई विशेषज्ञ डॉक्टरों नहीं है।

पिर्थला में 43 की जगह काटे गए 68 पेड़, एनजीटी ने अधिकारियों से मांगा जवाब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 14 मई, 2025 को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह पलवल जिले के पिर्थला गांव में डंपिंग यार्ड बनाने के लिए बिना अनुमति काटे जा रहे पेड़ों के मामले में अपना जवाब दाखिल करे।

इस मामले में पलवल के डिप्टी कमिश्नर और सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर, 2025 को होगी।

आवेदक ने अपनी याचिका में कहा है कि पिर्थला गांव की पंचायत भूमि पर डंपिंग यार्ड बनाने के लिए केवल 43 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी, लेकिन इसके विपरीत वहां 68 पेड़ काट दिए गए। यानी 25 पेड़ बिना अनुमति के काट दिए गए।

आवेदक के वकील ने इस संबंध में एसडीएम ऑफिस की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें यह बात सामने आई है कि 25 अतिरिक्त पेड़ बिना अनुमति के काटे गए हैं।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in