दूषित मिड-डे मील खाने वाले हर बच्चे को दें 25,000 का मुआवजा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का आदेश

यह मामला बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक अहम पहल है, जो सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत संदेश देता है
प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से बालोदबाजार-भाटापारा जिले के लच्छनपुर सरकारी मिडिल स्कूल के उन सभी बच्चों को 25,000 रुपए देने का निर्देश दिया, जिन्होंने कुत्ते द्वारा गंदा किया हुआ मिड-डे मील खाया था।

19 अगस्त 2025 को दिए अपने आदेश में हाईकोर्ट ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता और सुरक्षा के प्रति और सतर्क रहेगी।

4 अगस्त 2025 के अदालत द्वारा दिए आदेश पर छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव ने हलफनामा दाखिल किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, बलौदाबाजार-भाटापारा के कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की थी, जिसमें उपखंड अधिकारी (राजस्व) और पालारी के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शामिल थे। समिति ने 2 अगस्त 2025 को लच्छनपुर के सरकारी मिडिल स्कूल का दौरा किया और ग्रामीणों, अभिभावकों, पंचायत प्रतिनिधियों, स्कूल विकास समिति के सदस्यों, शिक्षकों और छात्रों के बयान दर्ज किए।

जाने क्या है पूरा मामला

बच्चों के अनुसार, 28 जुलाई 2025 को स्कूल में मिड-डे मील तैयार करते समय एक कुत्ते ने मिड-डे मील को गंदा कर दिया था, जिसकी जानकारी उन्होंने स्कूल के शिक्षकों को दी थी।

इसके बाद शिक्षकों ने स्व-सहायता समूह को दूषित खाना वितरित न करने की सलाह दी, लेकिन इसके बावजूद स्व-सहायता समूह ने वही भोजन बच्चों में बांट दिया। प्रधानाध्यापक से शिकायत के बाद भी गंदा भोजन नहीं हटाया गया, और बच्चों को वही खाना खिलाया गया।

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बलौदाबाजार-भाटापारा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 8 अगस्त 2025 तक स्कूल के 84 बच्चों को एंटी-रेबीज वैक्सीन की तीन खुराक दी जा चुकी हैं। सभी बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच हुई है और वे स्वस्थ हैं व नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं। बच्चों की लगातार निगरानी लच्छनपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा की जा रही है।

संयुक्त सचिव की रिपोर्ट में कहा गया है कि "जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह" को मिड-डे मील की जिम्मेदारी से हटा दिया गया है और उसे भविष्य में किसी भी सरकारी लाभ से वंचित कर दिया गया है। इसके अलावा, स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, और 6 अगस्त 2025 के आदेश के तहत प्रभारी प्रधानाचार्य, क्लस्टर प्रधानाचार्य, प्रभारी हेडमास्टर, शिक्षक व क्लस्टर कोऑर्डिनेटर को निलंबित कर दिया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक बालोदबाजार-भाटापारा कलेक्टर ने 8 अगस्त 2025 को मिड-डे मील की तैयारी और वितरण से जुड़े कई निर्देश जारी किए हैं।

इन निर्देशों में किचन शेड को बाड़ से घेरने, सप्ताह में दो बार ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने, मिड-डे मील के सामान की गुणवत्ता जांच करने, और भोजन से पहले बच्चों के हाथ धोने को अनिवार्य करने जैसे कदम शामिल हैं। इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक या शिक्षक की होगी।

कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो स्व-सहायता समूह मिड-डे मील की गुणवत्ता बनाए नहीं रखते, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, अभिभावकों को भी भोजन की तैयारी और वितरण की निगरानी में शामिल करने का सुझाव दिया गया है।

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा निदेशालय ने भी 7 अगस्त 2025 को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता और प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत निर्धारित मानकों का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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न्यायालय आयुक्त ने बताया कि जहां तक आंगनवाड़ी केंद्रों में खाद्य सामग्री की कीमत तय करने के मामले में छत्तीसगढ़ ने जवाब दाखिल किया है। इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार ने 17 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार से कीमतों में संशोधन का अनुरोध किया था, लेकिन सात महीने बीत जाने के बावजूद केंद्र की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से उपस्थित वकील ने इस मामले में भारत सरकार द्वारा उठाए कदमों पर जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है।

हाईकोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि कुछ आंगनवाड़ी केंद्र टूट-फूट किराए के मकानों में चलाए जा रहे हैं। इस मामले में छत्तीसगढ़ की महिला और बाल विकास विभाग की संयुक्त सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर 2025 को होगी।

यह मामला बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकारी स्कूलों में बेहतर गुणवत्ता वाली और सुरक्षित मिड-डे मील सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा संदेश देता है।

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