स्तन कैंसर अनुसंधान दिवस: समय पर जांच से बच सकती हैं लाखों जिंदगियां

आईएआरसी के मुताबिक, अगर मौजूदा रुझान जारी रहे, तो 2050 तक स्तन कैंसर के सालाना लगभग 32 लाख नए मामले सामने आएंगे और 11 लाख मौतें होने की आशंका जताई गई है।
2050 तक हर साल 32 लाख नए मामले: बढ़ता स्तन कैंसर संकट
2050 तक हर साल 32 लाख नए मामले: बढ़ता स्तन कैंसर संकटफोटो साभार: आईस्टॉक
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स्तन कैंसर अनुसंधान दिवस जागरूकता बढ़ाने और स्तन कैंसर शोध के लिए निरंतर समर्थन को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित एक दिन है। यह दिन हर साल 18 अगस्त को मनाया जाता है, जो स्तन कैंसर मुक्त भविष्य की दिशा में काम करने वाले शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के अथक प्रयासों का सम्मान करता है।

स्तन कैंसर दुनिया भर में सबसे आम कैंसर में से एक है, जो हर साल लाखों महिलाओं और कुछ पुरुषों को प्रभावित करता है। यह दुनिया भर में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है और महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौतों का मुख्य कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2022 में, दुनिया भर में स्तन कैंसर के लगभग 23 लाख नए मामले सामने आए, जिसके कारण लगभग 6,70,000 मौतें हुई।

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साल 2025 तक, स्तन कैंसर दुनिया की एक मुख्य स्वास्थ्य समस्या बने रहने के आसार हैं और हर साल लगभग 23 लाख नए मामले सामने आने की आशंका हैं। इस बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या में भी भारी वृद्धि होने का अंदेशा है। अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (आईएआरसी) के मुताबिक, अगर मौजूदा रुझान जारी रहे, तो 2050 तक स्तन कैंसर के सालाना लगभग 32 लाख नए मामले सामने आएंगे और 11 लाख मौतें होने की आशंका जताई गई है।

स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक ट्यूमर का निर्माण करती हैं जो शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। हालांकि स्तन कैंसर का सटीक कारण अभी भी ज्ञात नहीं है, लेकिन आनुवंशिकी, जीवनशैली और पर्यावरणीय प्रभाव जैसे कारण इसमें अहम भूमिका निभाते हैं।

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इस साल सबसे ज्यादा गौर स्तन की गांठ पर किया जा रहा है, जो अक्सर सबसे प्रसिद्ध और सामान्य शुरुआती संकेत होता है, जिसके कारण मैमोग्राम और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से मिलने की जरूरत पड़ती है। केवल स्तन की गांठ ही कैंसर का पहला संकेत नहीं हैं। त्वचा में छोटे-मोटे बदलाव, जैसे चकत्ते या खुजली, स्तन के आकार में बदलाव, निप्पल से रिसाव या यहां तक कि लगातार थकान और बिना किसी कारण के वजन कम होना, कई छोटे-छोटे संकेत स्तन कैंसर की ओर इशारा कर सकते हैं।

कुछ स्तन कैंसर, जैसे लोब्युलर कार्सिनोमा और इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर, गांठ के साथ होने की बजाय बिना गांठ के पाए जाने की अधिक आसार होते हैं। स्तन कैंसर से पीड़ित लगभग छह में से एक महिला की जांच में गांठ नहीं पाई जाती है और चिकित्सा सहायता लेने से पहले उन्हें अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं।

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स्तन कैंसर का जल्द पता लगाने से, उसके फैलने से पहले ही, सफल उपचार की संभावनाएं काफी बढ़ सकती हैं। मैमोग्राम जैसे इमेजिंग उपकरण स्तन कैंसर का जल्द पता लगाने के सबसे प्रभावी तरीकों में से हैं, जो अक्सर कैंसर का पता लगने से बहुत पहले ही लग जाते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, स्तन कैंसर का स्थानीय स्तर पर जांच होने पर जीवित रहने की दर लगभग 99 फीसदी तक होती है, लेकिन देरी से पता चलने पर यह दर काफी कम हो जाती है।

स्तन कैंसर अनुसंधान दिवस के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत 2021 में की गई, अक्टूबर में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध स्तन कैंसर जागरूकता माह से आगे बढ़कर स्तन कैंसर अनुसंधान के प्रति जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए बनाया गया था। यह बेहतर स्क्रीनिंग उपकरण, कम आक्रामक उपचार और बेहतर उत्तरजीविता दर विकसित करने में वैज्ञानिक प्रगति के महत्व पर प्रकाश डालता है।

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जागरूकता बहुत जरूरी होने के साथ-साथ, यह दिन इस बीमारी से प्रभावित लोगों के लिए इलाज खोजने और परिणामों में सुधार लाने के उद्देश्य से निरंतर अनुसंधान प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर देता है।

18 अगस्त की तारीख प्रतीकात्मक है, क्योंकि यह इस आंकड़े बताते है कि आठ में से एक महिला अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर से पीड़ित होती है। इस दिन का उद्देश्य महिलाओं को स्तन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना और उन्हें अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।

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स्तन कैंसर के बारे में रोचक तथ्य

  • महिलाओं में सबसे आम कैंसर: स्तन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, जो हर साल महिलाओं में होने वाले सभी नए कैंसर मामलों का लगभग 30 फीसदी होता है।

  • पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है, हालांकि स्तन कैंसर मुख्य रूप से महिलाओं में देखा जाता है, लेकिन पुरुषों को भी यह बीमारी हो सकती है। स्तन कैंसर के लगभग एक फीसदी मामले पुरुषों में होते हैं।

  • समय पर पता चलने से जीवन दर बढ़ती है, शुरुआती अवस्था में पता लगने वाले स्तन कैंसर की पांच साल की जीवित रहने की दर 99 फीसदी है। नियमित जांच और मैमोग्राम समय पर पता लगाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

  • बीआरसीए जीन उत्परिवर्तन: बीआरसीए1 और बीआरसीए2 जीन में आनुवंशिक उत्परिवर्तन वाली महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा काफी अधिक होता है और जीवन भर रहने का खतरा 72 फीसदी तक हो सकता है।

  • उत्तरजीविता बढ़ रही है, शुरुआती पहचान और उपचार में प्रगति के कारण, स्तन कैंसर से बचे लोगों की संख्या में लगातार बढ़ रही है।

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  • ट्रिपल-नेगेटिव स्तन कैंसर रोग का एक अधिक आक्रामक रूप है जो हार्मोन थेरेपी उपचारों से ठीक नहीं होता। यह सभी स्तन कैंसर का लगभग 10 से 15 फीसदी है।

  • घने स्तन ऊतक वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है और उन्हें अतिरिक्त जांच विधियों की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि घने ऊतक मैमोग्राम पर कैंसर का पता लगाना मुश्किल बना सकते हैं।

  • स्तन कैंसर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है। ज्यादातर स्तन कैंसर का पता 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में होता है और निदान की औसत आयु 62 साल होती है।

  • जीवनशैली एक कारण, शराब का सेवन, मोटापा और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे कारण स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसके विपरीत, एक स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने से जोखिम कम हो सकता है।

  • विकासशील देशों में स्तन कैंसर: हालांकि स्तन कैंसर को अक्सर विकसित देशों से जोड़ा जाता है, लेकिन विकासशील देशों में इसके मामले बढ़ रहे हैं, जहां शुरुआती पहचान और उपचार की पहुंच सीमित हो सकती है।

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