वर्षावनों का संरक्षण न केवल जैव विविधता और जलवायु के लिए अच्छा है, बल्कि यह उन इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य में भी बहुत बड़ा सुधार करता है। इस बात का खुलासा बॉन विश्वविद्यालय और ब्राजील में यूनिवर्सिडेड फेडरल डी मिनस गेरैस द्वारा किए गए एक अध्ययन के माध्यम से किया गया है।
शोधकर्ताओं ने दिखाया कि काटने और जलाने (स्लैश-एंड-बर्न) की तकनीकों से निपटने के उपाय हवा में कण पदार्थों की मात्रा को काफी कम करते हैं। इस प्रकार सांस से संबंधित रोगों के कारण अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की संख्या भी कम हो जाती है।
साल 2019 में, अमेजन क्षेत्र में लगभग 70,000 वर्ग किलोमीटर जंगल जला दिया गया था। वहां की नमी वाली परिस्थितियों में प्राकृतिक आग आम तौर पर दुर्लभ होती है। हालांकि बड़े भूस्वामी और जमीन हड़पने वाले अक्सर बड़े क्षेत्रों को चरागाह या कृषि योग्य खेती में बदलने के लिए जंगलों को साफ कर देते हैं।
ब्राजील के हरे फेफड़ों का यह अत्यधिक दोहन वनस्पतियों और जीवों की कई प्रजातियों के आवासों को नष्ट कर देता है और जलवायु परिवर्तन में भी तेजी लाता है। हालांकि इस अध्ययन में एक और बात पर गौर किया गया है जिस पर अक्सर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता है, वह है आग लगने के दौरान निकलने वाला धुआं जो सांस और हृदय संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेवार है।
शोध में इस बात की जांच की गई कि जंगलों के संरक्षण के उपाय किए गए इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर इसका किस हद तक असर पड़ता हैं।
जंगलों के संरक्षण का लोगों के स्वास्थ्य पर कैसे असर पड़ता है?
शोध में कहा गया है कि ब्राजील का अमेजन क्षेत्र दो अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित है, कानूनी रूप से परिभाषित अमेजन, जो अमेजनियन राज्यों की सीमाओं से लगा हुआ है और जिसे अमेजन बायोम के रूप में जाना जाता है, जो मूल रूप से जंगल की सीमा है।
शोधकर्ता ने शोध में कहा, साल 2004 से 2010 के बीच, अमेजन क्षेत्र में जंगलों को काटे जाने से रोकने के लिए कई तरह के कानून अपनाए गए। हालांकि अध्ययन में, तीन उपायों पर गौर किया गया जो विशेष रूप से अमेजन बायोम के भीतर लागू होते हैं और 2006 से लागू हुए।
इन तीनों उपायों में से सबसे अहम उपाय संभवतः सोया मोरेटोरियम है। इसमें वैश्विक रूप से संचालित व्यापारिक कंपनियों ने नए जंगलों की कटाई वाले क्षेत्रों में उगाए गए सोया को अब और नहीं खरीदने पर सहमति व्यक्त की। जिसके चलते जंगलों को काटे जाने का दबाव काफी हद तक कम हो गया है।
हालांकि जांच किए गए अन्य दो प्रस्तावों के साथ केवल अमेजन बायोम पर लागू होता है, लेकिन कम सुरक्षा की स्थिति वाले पड़ोसी कानूनी अमेजन क्षेत्र पर लागू नहीं हुआ।
शोधकर्ताओं ने बायोम सीमा पर स्थित कई सौ नगर पालिकाओं की तुलना उन पड़ोसी क्षेत्रों से की जो इस सीमा के बाहर स्थित थे और जिन पर तीनों उपाय लागू नहीं होते थे।
शोधकर्ता ने शोध के हवाले से बताया कि इस तरह, इस बात की पहचान की गई कि सुरक्षा प्रयासों में वृद्धि का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ा। टीम ने अन्य बातों के अलावा, हवा में कण पदार्थ प्रदूषण का मूल्यांकन किया और उन कारणों का विश्लेषण किया जिनकी वजह से जांचे गए क्षेत्रों में लोगों को अस्पताल ले जाया गया या उनकी मृत्यु हुई। यह शोध जर्नल कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित हुआ है।
सुरक्षात्मक उपायों से हर साल 680 लोगों की जान बचती है
इनमें से हर पैरामीटर पर जंगलों के संरक्षण उपायों के असर स्पष्ट थे। 2006 के बाद जांचे गए सभी क्षेत्रों में हवा में महीन धूल कणों की मात्रा में गिरावट आई। हालांकि बायोम सीमाओं के भीतर नगर पालिकाओं में यह कमी लगभग सात फीसदी से अधिक थी।
शोध में कहा गया है कि सांस और हृदय संबंधी बीमारियों के कारण अस्पताल में उपचार और मृत्यु की संख्या में भी कमी आई है। जिन क्षेत्रों में तीन उपाय स्थापित किए गए थे, वहां लगभग 40 लाख पुरुष, महिलाएं और बच्चे रहते हैं। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि वायु प्रदूषण में कमी के कारण हर साल इस समूह में लगभग 680 लोगों की जान बचाई गई।
सबसे पहले, वर्षावनों के विनाश को सफलतापूर्वक रोका जा सकता है। और दूसरा, इससे न केवल प्रजातियों की विविधता और वैश्विक जलवायु को फायदा होगा, बल्कि बहुत ही विशेष रूप से और बहुत तेजी से स्थानीय आबादी को भी लाभ होगा। यह एक ऐसा पहलू है जिस पर सुरक्षात्मक उपायों का आकलन करते समय अभी भी बहुत कम विचार किया जाता है।