विविध प्रजातियों के पेड़ वाले जंगलों में कार्बन शोषण की क्षमता होती है अधिक

शोध के मुताबिक, पेड़ों की प्रजातियों के सही मिश्रण का चयन करके, हम ज्यादा से ज्यादा कार्बन को जमा करने और ऐसी रणनीतियां बना सकते हैं जो जलवायु में बदलाव को कम कर सकती हैं।
शोधकर्ताओं ने पेड़ों की 1,127 प्रजातियों से 32 लाख मापों का विश्लेषण किया। साथ ही उन्होंने 1.3 से 3,195 साल पुराने पेड़ों की जीवन प्रत्याशा का मानचित्रण भी किया।
शोधकर्ताओं ने पेड़ों की 1,127 प्रजातियों से 32 लाख मापों का विश्लेषण किया। साथ ही उन्होंने 1.3 से 3,195 साल पुराने पेड़ों की जीवन प्रत्याशा का मानचित्रण भी किया।फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, जेम्स
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एक नए अध्ययन से पता चला है कि ऐसे जंगल, जहां पेड़ों की प्रजातियों में बहुत अधिक विविधिता होगी, उन जंगलों में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की क्षमता सबसे अधिक होती है।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो पेड़ तेजी से बढ़ते हैं और तेजी से कार्बन को अवशोषित करते हैं, वे छोटे होते हैं और उनका जीवनकाल कम होता है, जिससे कार्बन का भंडारण कम होता है और यह वायुमंडल में वापस तेजी से निकलती है। जबकि धीमी गति से बढ़ने वाली प्रजातियां लंबे समय तक जीवित रहती हैं और बड़ी होती हैं, जिनमें वायुमंडलीय से अधिक कार्बन को अवशोषित करने की क्षमता होती है।

शोधकर्ताओं ने दक्षिणी ब्राजील से लेकर उत्तरी कनाडा तक पूरे अमेरिका में पेड़ों की 1,127 प्रजातियों से 32 लाख मापों का विश्लेषण किया। साथ ही उन्होंने 1.3 से 3,195 साल पुराने पेड़ों की जीवन प्रत्याशा का मानचित्रण भी किया।

अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने शोध के हवाले से बताया कि उन्होंने पेड़ों के जीवन-चक्र के चार मुख्य प्रकारों की पहचान की, पहला कम जीवनकाल और छोटे आकार वाली तेजी से बढ़ने वाली प्रजातियां, साथ ही धीमी गति से बढ़ने वाली प्रजातियों के तीन समूह इसमें शामिल थे।

तीन समूहों में शामिल वाले पेड़ एक छोर पर अधिक जीवन प्रत्याशा और छोटे आकार वाली प्रजातियां हैं, जबकि दूसरे छोर पर कम जीवन प्रत्याशा और बड़े आकार वाली प्रजातियां हैं।

शोधकर्ता ने शोध में कहा कि पेड़ों की वृद्धि और जीवनकाल धरती के कार्बन संतुलन के लिए अहम है। जो विशेषता विविधता और उत्पादकता के बीच अच्छे संबंधों की बात करता है, पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए पेड़ों की विविधता को बनाए रखना बहुत जरूरी है।

पेड़ों की अलग-अलग प्रजातियों वाले जंगल अधिक प्रभावी ढंग से कार्बन को अवशोषित कर सकते हैं, जिसका अर्थ है कि जंगलों में पेड़ों की जैव विविधता को बढ़ावा देने से अधिक कार्बन को अवशोषित करने में मदद मिल सकती है। यह समझना कि ये कारण कैसे जुड़े हुए हैं, बहाली और संरक्षण परियोजनाओं को रास्ता दिखा सकते हैं।

शोध के मुताबिक, पेड़ों की प्रजातियों के सही मिश्रण का चयन करके, हम ज्यादा से ज्यादा कार्बन को जमा करने और ऐसी रणनीतियां बना सकते हैं जो जलवायु में बदलाव को कम कर सकती हैं।

शोधकर्ताओं ने पेड़ों की प्रजातियों के जीवन इतिहास लक्षणों का मानचित्रण किया, जिसमें पाया गया कि तापमान और पेड़ों की वृद्धि के बीच एक मजबूत संबंध है, जो कि धीमी वृद्धि से जुड़ी ठंडी जलवायु के साथ है। उष्णकटिबंधीय वन समशीतोष्ण और बोरियल वनों की तुलना में अधिक विविधता देखी जाती हैं।

शोधकर्ताओं ने शोध के हवाले से यह भी पाया कि अधिक विविधता वाले जंगल, जिनमें तेजी से बढ़ने वाली, छोटी अवधि वाली और धीमी गति से बढ़ने वाली, लंबे समय तक जीवित रहने वाली प्रजातियों शामिल हैं, ये कार्बन को अधिक अवशोषित करते हैं। ये निष्कर्ष नई जानकारी प्रदान करते हैं जिनका उपयोग जैव विविधता संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने शोध में कहा कि उष्णकटिबंधीय इलाके के पेड़ों की चार तरह की प्रजातियां पूरी श्रृंखला को बनाए रखते हैं, जबकि बिना-उष्णकटिबंधीय वाले क्षेत्रों में पाई जाने वाली पेड़ों की प्रजातियां मुख्य रूप से धीमी गति से बढ़ने वाली प्रजातियों के दो समूहों में आती हैं। पेड़ों की औसत जीवन प्रत्याशा उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बाहर अधिक होती है।

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