
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 26 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को निर्देश दिया कि वह उत्तर प्रदेश के नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के आसपास सड़क यातायात से हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर अपना विस्तृत जवाब प्रस्तुत करे।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के पास ध्वनि प्रदूषण की निगरानी में पता चला है कि यहां शोर का स्तर निर्धारित मानकों से अधिक है। प्रदूषण बोर्ड के वकील का कहना है ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनएचएआई को “नॉइस बैरियर” लगाने के निर्देश दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि ट्रिब्यूनल नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के पास से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क यातायात से पैदा हो रहे ध्वनि प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों पर विचार कर रहा था। 3 अप्रैल 2024 को एनजीटी ने ध्यान दिया था कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कुछ क्षेत्रों में ध्वनि का स्तर निर्धारित मानकों से अधिक मिला था। इसके बाद यूपीपीसीबी ने कहा था कि इस पर उचित दंडात्मक और सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि 26 जुलाई 2024 उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक रिपोर्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें इस मुद्दे पर अब तक उठाए गए और प्रस्तावित कदमों की जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएचएआई, लखनऊ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने जानकारी दी है कि नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, उन्नाव के आस-पास ‘नो हॉर्निंग जोन’ के बोर्ड लगाए जा चुके हैं।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने 6 अप्रैल 2022 को जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया था कि वे संवेदनशील क्षेत्रों के लिए ‘साइलेंस जोन’ की घोषणा का प्रस्ताव प्रस्तुत करें। यह पत्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी भेजा गया था ताकि वे कलेक्टरों के साथ समन्वय कर ‘साइलेंस जोन’ का प्रस्ताव तैयार कर सकें।
निरीक्षण और समाधान
इस दिशा में, 16 जून 2024 को उन्नाव के जिलाधिकारी ने नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के चारों ओर 100 मीटर के क्षेत्र को 'साइलेंस जोन' घोषित करने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस प्रस्ताव को 9 जुलाई 2024 को पर्यावरण विभाग को भेज दिया था।
26 जून 2024 को एक संयुक्त समिति ने नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के चारों ओर 100 मीटर क्षेत्र का निरीक्षण किया, ताकि ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों की पहचान की जा सके।
जांच में पाया गया कि इस क्षेत्र के पास पूर्व दिशा में 66 मीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच25) है, साथ ही इसके दक्षिण-पूर्व दिशा में 83 मीटर दूर केवाना रोड स्थित है। इसके अलावा 100 मीटर क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का कोई अन्य स्रोत नहीं पाया गया।
उन्नाव वन विभाग के क्षेत्रीय निदेशक ने 26 जून 2024 को बताया कि कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 41से 43 किलोमीटर हिस्से पर 250 पाकड़/पिलखन के पौधे लगाए जा सकते हैं। साथ ही ट्री गार्ड्स भी लगाए जाएंगे, जिससे शोर प्रदूषण में कमी आएगी।
इसके लिए बजट की मांग संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है। बजट मिलने के बाद पौधारोपण का कार्य पूरा किया जाएगा।