मजदूर दिवस: मई दिवस की उत्पत्ति, थीम, महत्व और इसके बारे में अधिक जानें

एक मई को मजदूर दिवस या मई दिवस के रूप में मनाने वाले देशों में भारत, चीन, क्यूबा, इंडोनेशिया, इराक, इटली, जापान, पाकिस्तान, यूरोप, अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिका आदि देश शामिल हैं।
हिंदुस्तान की लेबर किसान पार्टी ने 1923 में चेन्नई में भारत का पहला मजदूर दिवस समारोह शुरू किया था
हिंदुस्तान की लेबर किसान पार्टी ने 1923 में चेन्नई में भारत का पहला मजदूर दिवस समारोह शुरू किया थाफोटो साभार: आईस्टॉक
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दुनिया भर में एक मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे मई दिवस के रूप में भी जाना जाता है, यह मजदूर वर्ग के योगदान को याद करने का दिन है। यह दिन मजदूरों और श्रमिकों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर कुछ देशों में छुट्टी के रूप में भी मनाया जाता है।

यह दिन श्रमिकों के सामाजिक और आर्थिक योगदान को मान्यता देने तथा दुनिया भर में श्रमिकों के अधिकारों और उचित श्रम स्थितियों के लिए जारी संघर्ष की ओर ध्यान आकर्षित करने का काम करता है।

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हिंदुस्तान की लेबर किसान पार्टी ने 1923 में चेन्नई में भारत का पहला मजदूर दिवस समारोह शुरू किया था

19वीं सदी के उत्तरार्ध में अमेरिका के मजदूर आंदोलन से ही अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत हुई। एक मई 1886 में शुरू हुई राष्ट्रव्यापी आठ घंटे के कार्यदिवस की हड़ताल के सम्मान में इस दिन को चुना गया था। हालांकि यह महत्वपूर्ण घटना शिकागो में दुखद हेमार्केट मामले में बदल गई, जहां मजदूरों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। बम विस्फोट में सात पुलिस अधिकारी और कम से कम चार लोग मारे गए।

साल 1886 में शिकागो में हुआ हेमार्केट मामला, मजदूर दिवस के इतिहास में एक अहम अवसर है। उस साल एक मई को हेमार्केट स्क्वायर में आठ घंटे के कार्यदिवस के लिए मजदूरों ने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन जब एक बम विस्फोट हुआ, तो प्रदर्शन हिंसा में बदल गया और प्रदर्शनकारी और पुलिस अधिकारी दोनों मारे गए।

भारत में कुल श्रम बल

ये अनुमान अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित हैं।

भारत में मजदूर दिवस एक मई को मनाया जाता है, 1923 में चेन्नई में मनाया गया था और यह सामाजिक न्याय को बनाए रखने और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के महत्व की याद दिलाता है।

श्रमिकों ने राष्ट्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, मुख्य रूप से अपने समर्पित काम के जरिए। दूसरी ओर, मजदूर दिवस न केवल श्रमिकों के श्रम को याद करने के लिए बनाया गया है, बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने और उनका फायदा उठाने से बचाने के लिए भी बनाया गया है।

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यह दिन श्रमिक आंदोलन द्वारा की गई प्रगति का आकलन करने और सभी श्रमिकों की गरिमा और अधिकारों को बनाए रखने के संकल्प की पुष्टि करने का अवसर प्रदान करता है, चाहे उनका व्यवसाय या पृष्ठभूमि कुछ भी क्यों न हो। इसके अलावा इसका उद्देश्य श्रमिकों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियां प्रदान करने और उनकी उन्नति को सुविधाजनक बनाने के लिए एक पहल है।

जबकि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की उत्पत्ति अमेरिका में हुई है, लेकिन अमेरिका और कनाडा दोनों ही मजदूर दिवस को एक मई के बजाय सितंबर के पहले सोमवार को मनाते हैं, जो कि दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है।

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हिंदुस्तान की लेबर किसान पार्टी ने 1923 में चेन्नई में भारत का पहला मजदूर दिवस समारोह शुरू किया था

हिंदुस्तान की लेबर किसान पार्टी ने 1923 में चेन्नई में भारत का पहला मजदूर दिवस समारोह शुरू किया था। एक मई भारत में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 1960 में इसी दिन महाराष्ट्र और गुजरात दो राज्यों का गठन हुआ था।

एक मई को मजदूर दिवस या मई दिवस के रूप में मनाने वाले देशों में भारत, चीन, क्यूबा, इंडोनेशिया, इराक, इटली, जापान, पाकिस्तान, यूरोप, अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिका आदि देश शामिल हैं।

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भारत में 2025 में शुरू की गई नई श्रम संहिता में चार व्यापक संहिताएं शामिल की गई हैं जो 29 मौजूदा श्रम नियमों को एक साथ जोड़ती है। ये संहिताएं नियमों को सुव्यवस्थित करने, सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने और समान कार्य परिस्थितियां बनाने का प्रयास करती हैं, जिसमें चार दिवसीय कार्य सप्ताह भी शामिल है। चार संहिताओं में वेतन संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियां संहिता शामिल हैं।

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