जलवायु परिवर्तन के दौर में सुरक्षित और समावेशी शहरों का निर्माण अहम

विश्व आवास दिवस: संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2050 तक शहरों में 2.5 अरब नए निवासियों के आने की संभावना है।
शहर आज अत्यधिक मौसमीय घटनाओं, जैसे लू (हीटवेव) और बाढ़, की बढ़ती आवृत्ति का सामना कर रहे हैं।
शहर आज अत्यधिक मौसमीय घटनाओं, जैसे लू (हीटवेव) और बाढ़, की बढ़ती आवृत्ति का सामना कर रहे हैं।फोटो साभार: आईस्टॉक
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सारांश
  • विश्व आवास दिवस का उद्देश्य: शहरीकरण की चुनौतियों और हर व्यक्ति के सुरक्षित आवास के अधिकार के प्रति जागरूकता बढ़ाना।

  • 2025 की थीम – अर्बन क्राइसिस रिस्पांस: शहरी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और सामाजिक असमानताओं से उत्पन्न संकटों पर ध्यान।

  • विस्थापन और शहरी वृद्धि: 12.2 करोड़ लोग जबरन विस्थापित हैं, जिनमें से अधिकांश शहरों में शरण ले रहे हैं, जिससे शहरी आबादी पर दबाव बढ़ रहा है।

  • सतत और समावेशी समाधान: सतत शहरी योजनाएं, स्थानीय प्रशासन की भागीदारी और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना आवश्यक।

  • जलवायु और स्वास्थ्य चुनौतियां: शहरी हीट आइलैंड, बाढ़ और हीटवेव जैसी चरम मौसमीय घटनाएं सार्वजनिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव डाल रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने 1985 में विश्व आवास दिवस की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में शहरीकरण के प्रभावों और इसके समक्ष आने वाली चुनौतियों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार, यानी आज, छह अक्टूबर को यह दिवस मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को पर्याप्त और सुरक्षित आवास का अधिकार हासिल करवाना है।

विश्व आवास दिवस का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि दुनिया तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2050 तक शहरों में 2.5 अरब नए निवासियों के आने की संभावना है। इससे संसाधनों और बुनियादी ढांचे पर दबाव और बढ़ जाएगा।

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वर्तमान में ही दुनिया में एक अरब से अधिक लोग असुरक्षित परिस्थितियों में रहते हैं, जिनमें झुग्गी-झोपड़ियों और असामान्य आवास शामिल हैं। यह स्थिति शहरी जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और शहरी योजनाओं को दोबारा विचार करने की आवश्यकता को दर्शाती है।

विश्व आवास दिवस 2025 का विषय: “अर्बन क्राइसिस रिस्पांस” यानी शहरी संकट प्रतिक्रिया है। यह साल उन विभिन्न संकटों पर केन्द्रित है, जो शहरी क्षेत्रों को प्रभावित कर रहे हैं, खासकर जलवायु परिवर्तन और सामाजिक असमानताओं को बढ़ाने वाले संघर्ष। शहरी संकट प्रतिक्रिया का लक्ष्य है कि ऐसे उपाय अपनाए जाएं जो शहरी विस्थापन को रोकें, आबादी को स्थिर बनाएं और समृद्धि व सामाजिक एकता को बढ़ावा दें।

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आज कई लोग संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपने घरों से विस्थापित हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, 12.2 करोड़ लोग जबरन विस्थापित हैं और बढ़ती शहरीकरण की प्रक्रिया में अधिकांश लोग शहरों की ओर जा रहे हैं।

इनमें से 60 फीसदी से अधिक लोग अंतरिक रूप से विस्थापित लोग, शरणार्थी और प्रवासी हैं। यह शहरी प्रणाली पर दबाव डाल रहा है और शहरी विस्तार को तेज कर रहा है। इसी कारण शहरी संकट और शहरी विस्थापन विश्व आवास दिवस 2025 के लिए अत्यंत प्रासंगिक विषय बन गए हैं।

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विश्व आवास दिवस शहरी नियोजन और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी प्रकाश डालता है। इसमें सतत शहरी विकास, समावेशी शहरी शासन और स्थानीय सरकारों द्वारा अपनाए जाने वाले उपायों को महत्व दिया जाता है। प्रभावी शहरी संकट प्रतिक्रिया के लिए यह आवश्यक है कि उचित समाधान और एकीकृत नजरिए अपनाए जाएं।

शहर आज अत्यधिक मौसमीय घटनाओं, जैसे लू (हीटवेव) और बाढ़, की बढ़ती आवृत्ति का सामना कर रहे हैं। ये घटनाएं सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे पैदा करती हैं। उदाहरण के लिए, शहरी हीट आइलैंड प्रभाव में शहर के तापमान आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक होता है। इसके कारण ऊर्जा की खपत बढ़ती है, स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

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विश्व आवास दिवस का यह संदेश है कि केवल आवास उपलब्ध कराने से ही समस्या हल नहीं होगी। इसके लिए आवश्यक है सतत और टिकाऊ शहरी योजनाएं जो प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करें।

समावेशी नीतियां, जो शहरी विस्थापित लोगों को सामाजिक और आर्थिक अवसर प्रदान करें। स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी ताकि संकट के समय तत्काल और प्रभावी कार्रवाई संभव हो। सामाजिक समरसता और समुदाय आधारित विकास को बढ़ावा देना, जिससे शहरी क्षेत्रों में एकजुटता बनी रहे।

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शहरी संकट प्रतिक्रिया केवल संकट की स्थिति में ही नहीं, बल्कि लंबी अवधि की योजना और विकास में भी महत्वपूर्ण है। जब शहरों की योजना सही ढंग से की जाती है, तो यह न केवल विस्थापित लोगों के जीवन को स्थिर करता है, बल्कि पूरे समाज की समृद्धि और स्थिरता को भी बढ़ावा देता है।

अतः विश्व आवास दिवस 2025 हमें यह याद दिलाता है कि हर व्यक्ति को सुरक्षित और पर्याप्त आवास का अधिकार होना चाहिए। साथ ही यह हमें यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि किस प्रकार हम शहरी संकटों का सामना कर सकते हैं, विस्थापन को कम कर सकते हैं और सतत, सुरक्षित और समावेशी शहरों का निर्माण कर सकते हैं।

शहरी जीवन के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संकटों का सामना करने की रणनीति तैयार करना और नवाचारों के माध्यम से समाधान लाना आज की आवश्यकता है। यही विश्व आवास दिवस का सशक्त संदेश है।

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