
दुनिया के सामने हर गुजरते दिन के साथ बदलती जलवायु का एक नया चेहरा सामने आ रहा है। ऐसा ही कुछ दक्षिण अमेरिका में सामने आया, जहां इन दिनों हाड़ गला देने वाली सर्दियां पड़ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ यूरोप और दक्षिण एशिया के कई देश भीषण गर्मी से तप रहे हैं। इस समय पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और मध्य एशिया के कई हिस्से तेज गर्मी और औसत से काफी अधिक तापमान की चपेट में हैं।
दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में मौसम की उल्टी करवट बेहद हैरान कर देने वाली है। चिले और अर्जेंटीना जैसे देशों में कड़ाके की सर्दी से हाल खराब है। इन क्षेत्रों में पाला और जमा देने वाली सर्द सुबहें बेहद आम हो गई हैं। ठिठुरन इस कदर बढ़ गई कि लोगों की हड्डियां तक सिहर रही हैं।
देखा जाए तो मौसम का यह विपरीत रुख वैज्ञानिकों के लिए भी चुनती बन गया है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अमेरिका के निचले हिस्सों में तापमान शून्य से 15 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर गया, जो इस मौसम में एक असाधारण ध्रुवीय शीत लहर का संकेत है। हालात यह हैं कि 30 जून को चिली और अर्जेंटीना ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर धरती के सबसे ठंडे स्थानों में गिने गए।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ठंड की वजह एक शक्तिशाली ध्रुवीय उच्च दबाव प्रणाली है, जिसने पैटागोनिया से लेकर पैराग्वे और उरुग्वे तक अपना असर दिखाया है। इसकी वजह से तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा नीचे आ गया है।
देखा जाए तो यह स्थिति न केवल लोगों की जान जोखिम में डाल रही है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव किस कदर दुनिया पर हावी होता जा रहा है।
रिकॉर्ड तोड़ ठंड
चिली और अर्जेंटीना की मौसम एजेंसियों के मुताबिक इस बीच कई मौसम केंद्रों ने ऐतिहासिक न्यूनतम तापमान दर्ज किए। उदाहरण के लिए चिली के टेमुको में तापमान -7.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं प्योर्टो मोंट में यह -8.1 डिग्री सेल्सियस तक चला गया।
इसी तरह चिल्लान में तापमान -9.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। अर्जेंटीना के कुयो और पैटागोनिया क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब है जहां तापमान -16 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज हुआ। चूबुट और न्युक्वेन प्रांतों में भी तापमान -9 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया।
अर्जेंटीना के मार डेल प्लाटा शहर में आमतौर पर सर्दियां ज्यादा ठंडी नहीं होतीं और तापमान बमुश्किल शून्य से नीचे जाता है। लेकिन, इस बार पड़ी जबरदस्त ठंड की वजह से वहां हीटर चलाने में इस्तेमाल होने वाली प्राकृतिक गैस की आपूर्ति पर असर पड़ा है। हालात ऐसे हो गए कि स्कूल व सरकारी इमारतें भी गुरुवार को बन्द कर दी गई।
इस दौरान अर्जेंटीना के मध्य और दक्षिण इलाकों में तापमान सामान्य से 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तक कम दर्ज किया गया। डब्ल्यूएमओ के मुताबिक एंडीज पर्वतमाला और पटागोनिया जैसे ठंडे इलाकों में सर्दियां बेहद आम हैं, लेकिन इस बार की ठंड बेहद असाधारण थी और इसका असर यहां के निचले क्षेत्रों पर भी पड़ा है।
अटाकामा रेगिस्तान में बर्फबारी
इसी तरह दुनिया के सबसे शुष्क रेगिस्तान माने जाने वाला अटाकामा में 26 जून को दुर्लभ बर्फबारी की घटना दर्ज की गई। इस बर्फ ने चिली में 2900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एएलएमए वेधशाला बर्फ से ढक गई। इस इलाके में इतनी बर्फबारी का होना बेहद असमान्य है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में आखिरी बार इतनी बर्फबारी एक दशक पहले हुई थी।
इसके अलावा मार डेल प्लाटा, कॉर्डोबा के कालामुचिता घाटी और उत्तर पटागोनिया के पहाड़ी इलाकों में भी बर्फबारी देखी गई, जो सामान्य रूप से इस तरह की जगहों पर नहीं होती। अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स, कॉर्डोबा, और सांता फे जैसे प्रांतों में येलो अलर्ट जारी किए गए हैं।
खेती, जनजीवन प्रभावित
इस दौरान सेंट्रल चिली और उत्तरी पैटागोनिया के कृषि क्षेत्रों में पाले से फलों और रबी की फसलों को नुकसान की खबरें सामने आई हैं। जिन क्षेत्रों में आमतौर पर बर्फ नहीं गिरती, वहां बर्फबारी से स्कूल बंद करने पड़े और यातायात भी बाधित हुआ है।
सर्द और स्थिर हवा के चलते चिली के सैंटियागो, रानकागुआ और टाल्का जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई। सरकार ने सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में चेतावनी जारी की है। हालांकि राहत की बात यह है कि मौसम के सटीक पूर्वानुमान और चेतावनी के चलते कोई जनहानि नहीं हुई।