समय से पहले लू ने भारत में दी दस्तक, 2025 में मार्च में ही गर्म होने लगी रातें

15 मार्च 2025 को ओडिशा और झारखंड में साल की पहली गर्म रात दर्ज की गई। वहीं 2024 में पहली गर्म रात ने 27 मार्च को गुजरात और महाराष्ट्र में दस्तक दी थी
समय से पहले लू ने भारत में दी दस्तक, 2025 में मार्च में ही गर्म होने लगी रातें
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देश भर में तापमान बढ़ने के साथ इस साल फरवरी में ही लू ने दस्तक दे दी है। इतना ही नहीं हाल के वर्षों की तुलना में इस बार रातें भी पहले ही गर्म होने लगी हैं। 25 फरवरी, 2025 को गोवा और महाराष्ट्र ने भारत में इस साल की पहली लू का सामना किया। यह पहली बार है जब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा परिभाषित सर्दियों के मौसम (जनवरी-फरवरी) में लू चली है।

आईएमडी ने पुष्टि की है कि पिछले 125 वर्षों में फरवरी में कभी इतनी गर्मी नहीं पड़ी जितनी इस साल 2025 में दर्ज की गई है।

चरम मौसमी घटनाओं पर डाउन टू अर्थ द्वारा जारी इंटरैक्टिव एटलस के आंकड़ों से पता चला है कि चार वर्षों में ओडिशा और झारखंड ने सबसे पहले लू का सामना किया है।

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ऐसा नहीं कि सिर्फ लू की घटनाएं समय से पहले दस्तक दे रहीं हैं। साथ ही इनकी तीव्रता भी बढ़ रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 मार्च, 2025 को ओडिशा के बौध में भारत का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। इस दौरान भीषण गर्मी का कहर जारी रहा।

16 मार्च को बौध में तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसके बाद झारसुगुड़ा में 42 डिग्री सेल्सियस और बोलनगीर में 41.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। मतलब की देश के तीन सबसे गर्म स्थान उस दिन ओडिशा में थे।

फरवरी 2025 में रात का तापमान सामान्य से अधिक रहा। इस दौरान 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम एक बार रात में तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया

गौरतलब है कि 2022 से डाउन टू अर्थ, नियमित रूप से आईएमडी द्वारा पब्लिक डोमेन में जारी चरम मौसमी घटनाओं के आंकड़ों पर नजर रखने के साथ उनका विश्लेषण कर रहा है। 2024 में, पहली बार आईएमडी ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में गर्म और अत्यधिक गर्म रात से जुड़े आंकड़ों को शामिल किया था।

फरवरी 2025 में पहली बार आईएमडी ने अपनी रिपोर्ट में 'सामान्य से अधिक रात्रि तापमान' के आंकड़े शामिल किए। यह आंकड़े रात के तापमान में वृद्धि का संकेत देते हैं।

आंकड़ों के मुताबिक 11 से 23 फरवरी, 2025 के बीच 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम एक बार रात में तापमान सामान्य से कम से कम एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। चिंता की बात है कि इनमें से 22 में रात का तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया था।

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ओडिशा समेत दस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रात का तापमान सामान्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। ओडिशा में 12 और 20 फरवरी, 2025 को दो बार ऐसा दर्ज किया गया।

आईएमडी के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम भारत के दो स्थानों, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में रात का तापमान सामान्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक अधिक रिकॉर्ड किया गया।

यह प्रवृत्ति आगे भी जारी रही, ओडिशा और झारखंड ने 15 मार्च 2025 को साल की पहली गर्म रात दर्ज की। 2024 की तुलना में देखें तो यह काफी पहले है, जब गुजरात और महाराष्ट्र में 27 मार्च को पहली बार गर्म रात देखी थी। वहीं 2024 में, ओडिशा ने अपनी पहली गर्म रात 5 अप्रैल को देखी थी, जबकि झारखंड ने 29 मई को इसका सामना किया।

आईएमडी के वैज्ञानिक संजीव द्विवेदी ने एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है कि ओडिशा के बारीपदा, संबलपुर, सुंदरगढ़, कालाहांडी, बलांगीर और चित्रगढ़ में 15 मार्च, 2025 को रातें गर्म थी।

एक वैश्विक अध्ययन के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के चलते पिछले दशक भारत भर में रात के समय तापमान में बढ़ोतरी के साथ-साथ गर्म रातों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।

2025 में, लू और गर्म रातों का सिलसिला पहले ही शुरू हो चुका है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि भीषण गर्मी का कहर तेजी से बढ़ रहा है। यह आईपीसीसी की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट के निष्कर्षों से भी मेल खाता है।

2022 से डाउन टू अर्थ ने आईएमडी के चरम मौसमी आंकड़ों को ट्रैक किया है, जिससे पता चलता है कि लू और गर्म रातें समय से पहले दस्तक दे रही हैं। यह घटनाएं पहले से अधिक बार घट रही हैं, और कहीं ज्यादा तीव्र होती जा रही हैं। यह गर्मी के बढ़ते तनाव और जलवायु से जुड़ी चुनौतियों को उजागर करता है।

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वैज्ञानिकों ने चेताया है कि लम्बे समय तक रात और दिन दोनों समय बहुत अधिक तापमान के संपर्क में रहने से लोगों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इससे मृत्यु दर बढ़ सकती है। साथ ही फसलों को नुकसान हो सकता है।

लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि दिन में भीषण गर्मी और असामान्य रूप से गर्म रातें नींद में खलल डाल सकती हैं। यह स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक हो सकता है।

शोधों में यह भी सामने आया है कि रात के तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से गेहूं की पैदावार में छह फीसदी और धान की पैदावार में 10 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। इतना ही नहीं गर्म रातें चावल की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती हैं। इतना ही नहीं इससे चावल के स्वाद पर भी असर पड़ सकता है, साथ ही इसकी पौष्टिकता में भी कमी आ सकती है।

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