प्रदूषण से त्रस्त दिल्ली को नहीं मिली राहत, गिरावट के बावजूद 326 पर एक्यूआई

दूसरी तरफ देश में नागपट्टिनम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है
प्रदूषण से त्रस्त दिल्ली को नहीं मिली राहत, गिरावट के बावजूद 326 पर एक्यूआई
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दिल्ली में कल से प्रदूषण में 29 अंकों की गिरावट आई है, इसके बावजूद वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर है। वहीं एक बार फिर बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा दूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 365 रिकॉर्ड किया गया। बता दें कि कल दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई 355 रिकॉर्ड किया गया था।

देश में दिल्ली-बर्नीहाट की तरह ही पांच शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में आसनसोल (309), चरखी दादरी (307), और सिंगरौली (304) शामिल हैं। प्रदूषण में जहां आसनसोल तीसरे, जबकि चरखी दादरी चौथे स्थान पर रहा, वहीं सिंगरौली पांचवें स्थान पर है।

हालांकि कल से देखें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में अहमदनगर सहित 32 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, चुरू, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, झुंझुनूं, करौली, लातूर, लखनऊ, मंडीदीप, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पाली, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है। मतलब की इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित नहीं है।

दूसरी तरफ देश में नागपट्टिनम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है। नागपट्टिनम की तरह ही देश के 17 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में हुबली, झांसी, मदिकेरी, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती दस फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश में बरेली सहित 62 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लुधियाना, मदुरै, मालेगांव, मुरादाबाद आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। मतलब की देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती घट रही है।

ताजा आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के छोटे बड़े 96 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, चुरू, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, झुंझुनूं, करौली, लातूर, लखनऊ, मंडीदीप, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पाली, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, सहरसा, सवाई माधोपुर, अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, आरा, बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जोधपुर, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सिरोही, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 62 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश के 29 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 213 में से महज 18 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 62 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 75 दर्ज किया गया।

96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (365) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 370 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 355 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 29 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 326 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चरखी दादरी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (326) दूसरे, जबकि आसनसोल (309) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 162, गाजियाबाद में 193, गुरुग्राम में 228, नोएडा में 183, ग्रेटर नोएडा में 202 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 207, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 196, हैदराबाद में 86, जयपुर में 185 और पटना में 241 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, डिंडीगुल, हुबली, झांसी, मदिकेरी, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अमरावती, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लुधियाना, मदुरै, मालेगांव, मुरादाबाद, नासिक, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, सागर, सलेम, सतना, सिलचर, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, यादगीर आदि 62 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

दिल्ली में कल से प्रदूषण में 29 अंकों की गिरावट आई है, इसके बावजूद वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर है। वहीं एक बार फिर बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा दूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 365 रिकॉर्ड किया गया। बता दें कि कल दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई 355 रिकॉर्ड किया गया था।

देश में दिल्ली-बर्नीहाट की तरह ही पांच शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में आसनसोल (309), चरखी दादरी (307), और सिंगरौली (304) शामिल हैं। प्रदूषण में जहां आसनसोल तीसरे, जबकि चरखी दादरी चौथे स्थान पर रहा, वहीं सिंगरौली पांचवें स्थान पर है।

हालांकि कल से देखें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में अहमदनगर सहित 32 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, चुरू, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, झुंझुनूं, करौली, लातूर, लखनऊ, मंडीदीप, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पाली, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है। मतलब की इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित नहीं है।

दूसरी तरफ देश में नागपट्टिनम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है। नागपट्टिनम की तरह ही देश के 17 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में हुबली, झांसी, मदिकेरी, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती दस फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश में बरेली सहित 62 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लुधियाना, मदुरै, मालेगांव, मुरादाबाद आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। मतलब की देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती घट रही है।

ताजा आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के छोटे बड़े 96 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, चुरू, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, झुंझुनूं, करौली, लातूर, लखनऊ, मंडीदीप, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पाली, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, सहरसा, सवाई माधोपुर, अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, आरा, बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जोधपुर, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सिरोही, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 62 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश के 29 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 213 में से महज 18 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 62 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 75 दर्ज किया गया।

96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (365) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 370 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 355 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 29 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 326 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चरखी दादरी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (326) दूसरे, जबकि आसनसोल (309) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 162, गाजियाबाद में 193, गुरुग्राम में 228, नोएडा में 183, ग्रेटर नोएडा में 202 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 207, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 196, हैदराबाद में 86, जयपुर में 185 और पटना में 241 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, डिंडीगुल, हुबली, झांसी, मदिकेरी, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अमरावती, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लुधियाना, मदुरै, मालेगांव, मुरादाबाद, नासिक, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, सागर, सलेम, सतना, सिलचर, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, यादगीर आदि 62 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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