कब मिलेगी बढ़ते प्रदूषण से राहत, 44 शहरों में 'खराब', 12 में 'बेहद खराब' है वायु गुणवत्ता

देश में बहादुरगढ़ की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 दर्ज किया गया है
प्रदूषण के मामले में राजधानी दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 380 दर्ज किया गया है
प्रदूषण के मामले में राजधानी दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 380 दर्ज किया गया है
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देश में बढ़ते प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही। हर गुजरते दिन के साथ हवा में घुला जहर बढ़ता ही जा रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 12 शहरों में हवा बेहद खराब है। वहीं कल इन शहरों की संख्या महज पांच थी, मतलब की कल से देश में बेहद प्रदूषित शहरों की संख्या में 140 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में बहादुरगढ़ की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 दर्ज किया गया। मतलब की वहां प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति के करीब पहुंच गया है। गौरतलब है कि कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता का स्तर 377 दर्ज किया गया था। वहीं आज प्रदूषण के मामले में राजधानी दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 380 दर्ज किया गया है।

कल के मुकाबले देखें तो दिल्ली में कल से प्रदूषण के स्तर में तीन अंकों का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता का स्तर 377 दर्ज किया गया था। इसी तरह मुजफ्फरनगर (342), बद्दी (327), भिवानी (325), हापुड (320), बागपत (319), सोनीपत (319), गाजियाबाद (315), चंडीगढ़ (310), जींद (304) और मंडीदीप (303) में स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में स्थिति 'खराब' बनी हुई है। हालांकि कल से फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 22 अंकों का सुधार आया है। इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 पर बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 52 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है।

इन शहरों में अमृतसर, अंगुल, बदलापुर, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चुरू, धारूहेड़ा, धुले, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, करौली, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, परभनी, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, तालचेर, टोंक, उज्जैन शामिल हैं। हालांकि कल से देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में अरियालूर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना अरियालूर से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 30 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में चेन्नई, कुड्डालोर, गंगटोक, करूर, मदिकेरी, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम शामिल हैं। अच्छी बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 58 फीसदी का इजाफा हुआ है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 52 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में अगरतला, अजमेर, अमरावती, आरा, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, चेंगलपट्टू, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़ आदि शहर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसद की गिरावट आई है।

ताजा रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के छोटे-बड़े 119 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी बना हुआ है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अम्बाला, अमरावती, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, महाड, मांडीखेड़ा, मानेसर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सीकर, सिरसा, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, वापी, वातवा, विरार, वृंदावन, यमुनानगर आदि शहर शामिल हैं।

हालांकि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 12 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 20 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि 68 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 257 में से 30 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 54 दर्ज किया गया था। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बहादुरगढ़ (396) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 377 तक पहुंच गया था। गौरतलब है कि कल से दिल्ली के प्रदूषण में तीन अंकों का इजाफा हुआ है। मतलब की हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 235, गाजियाबाद में 315, गुरुग्राम में 271, नोएडा में 271, ग्रेटर नोएडा में 286 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 146 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 191, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 310, हैदराबाद में 110, जयपुर में 229 और पटना में 178 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 30 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चेन्नई, कुड्डालोर, गंगटोक, करूर, मदिकेरी, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, विजयपुरा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अजमेर, अमरावती, आरा, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, चेंगलपट्टू, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हसन, हुबली, जैसलमेर, झालावाड़, कलबुर्गी, कारवार, क्योंझर, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंगेर, नयागढ़, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, थूथुकुडी, उडुपी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 52 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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