
देश में प्रदूषण के मामले में आज विशाखापत्तनम अव्वल रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 314 तक पहुंच गया। मतलब की वहाँ वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' हो चुकी है। गौरतलब है कि कल दुर्गापुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब सूचकांक 340 रिकॉर्ड किया गया था।
आज प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट और दुर्गापुर भी ज्यादा पीछे नहीं हैं, जहां एक्यूआई 306 रिकॉर्ड किया गया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 48 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 234 तक पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में हवा के बार फिर 'खराब' हो चुकी है। दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 23 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है।
इन शहरों में अगरतला, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), छपरा, धनबाद, धौलपुर, गुरूग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, झुंझुनूं, कोटा, लखनऊ, नारनौल, पाली, पटना, राजगीर, सहरसा, सासाराम, सीकर, टोंक शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 29 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि देखा जाए तो वहां भी वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों पर खरी नहीं है। ऐसे में अन्य शहरों की स्थिति का अंदाजा आप स्वयं ही लगा सकते हैं।
देश के सबसे प्रदूषित शहर विशाखापत्तनम की तुलना यदि तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है।
बता दें कि तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 12 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, ऋषिकेश, तंजावुर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 46 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी कल से छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही इन शहरों की संख्या घटकर 92 पर पहुंच गई। बता दें कि देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है उनमें कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मदुरै, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, पानीपत शामिल हैं।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है, जिसके साथ ही वहां एक्यूआई 30 अंक बढ़कर 90 पर पहुंच गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 121 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, बद्दी, बदलापुर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, देवास, धारूहेड़ा, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कैथल, कल्याण, करनाल, करूर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, कोलकाता, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, टेन्सा, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या घटकर महज पांच फीसदी रह गई है। वहीं दूसरी तरफ 58 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 36 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रिकॉर्ड की गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 253 में से महज 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 दिसंबर को यह आंकड़ा 98 दर्ज किया गया था। 121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में विशाखापत्तनम (314) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दुर्गापुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 340 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 48 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 'खराब' श्रेणी में पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
वहीं नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज सासाराम चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (306) दूसरे, जबकि दुर्गापुर (306) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 60, गाजियाबाद में 135, गुरुग्राम में 156, नोएडा में 92, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 94 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 90 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 223, चेन्नई में 89, चंडीगढ़ में 150, हैदराबाद में 87, जयपुर में 195 और पटना में 289 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, हुबली, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, ऋषिकेश, तंजावुर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चेन्नई, छाल, कुड्डालोर, देहरादून, धारवाड़, धुले, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गडग, हापुड, हसन, हिसार, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झांसी, जींद, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मदुरै, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, पानीपत, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, रोहतक, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उडुपी, वापी, वाराणसी, वातवा , विजयवाड़ा, यादगीर, यमुनानगर आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।