
देश में आज अण्डमान निकोबार की राजधानी श्री विजयपुरम की हवा सबसे अधिक प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 318 तक पहुंच गया। मतलब की वहां बढ़ता प्रदूषण लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 22 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान श्री विजयपुरम की हवा में ओजोन हावी रहा।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में आज चुरू (258) दूसरे जबकि सीकर (240) तीसरे स्थान पर है। टोंक में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां एक्यूआई 230 दर्ज किया गया है।
कल्याण में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई बढ़कर 221 तक पहुंच गया। इसी तरह देश दस सबसे प्रदूषित शहरों में झालावाड़ (219) छठे, जबकि श्रीगंगानगर (215) सातवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सवाई माधोपुर (211), झुंझुनूं (207) और करौली (194) शामिल हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 167 फीसदी का इजाफा हुआ है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 29 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 19 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह करीब 53 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज जहां करौली, हाजीपुर और दिल्ली में ओजोन से स्थिति खराब रही। वहीं टोंक, झालावाड़, बठिंडा, मंडी गोबिंदगढ़, लुधियाना, कुड्डालोर आदि आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे।
देश में आज आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 14 दर्ज किया गया है। आइजोल की तरह ही देश के 60 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बैरकपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, देहरादून, गुवाहाटी, हल्दिया, इंदौर, जलगांव, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, महाड, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो आंधी-बारिश के बाद प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है। इसके साथ ही 94 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 119 पर पहुंच गया। इसी तरह गुरुग्राम जो कल प्रदूषण में अव्वल था वहां भी वायु गुणवत्ता में 153 अंकों का सुधार आया है। दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 30 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, बीकानेर, बूंदी, छपरा, कुड्डालोर, दौसा, डूंगरपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, करौली, खुर्जा, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
देश में भुवनेश्वर सहित 113 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजक है। इन शहरों में मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पंचगांव, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सिरोही, सुआकाती, सूरत, तंजावुर आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 214 में से 61 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 21 मई 2025 को यह आंकड़ा 101 दर्ज किया गया था।
31 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में श्री विजयपुरम (318) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 288 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां 94 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 119 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज टोंक चौथे स्थान पर है, वहीं चुरू (258) दूसरे, जबकि सीकर (240) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 81, गाजियाबाद में 71, गुवाहाटी में 44, गुरूग्राम में 135, नोएडा में 79, ग्रेटर नोएडा में 74 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 67 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 69, चेन्नई में 73, चंडीगढ़ में 72, हैदराबाद में 63, जयपुर में 163 और पटना में 86 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 61 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारीपदा, बैरकपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, देहरादून, गुवाहाटी, हल्दिया, इंदौर, जलगांव, काशीपुर, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, महाड, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, सहरसा, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बारां, बारबिल, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, दमोह, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जालौर, जोधपुर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पंचगांव, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सिरोही, सुआकाती, सूरत, तंजावुर, थूथुकुडी, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।