प्रदूषण का हॉटस्पॉट बने उत्तरप्रदेश-हरियाणा, बहादुरगढ़ में 436 पर पहुंचा एक्यूआई

बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 436 पर पहुंच गया है, जहां हवा डब्ल्यूएचओ मानकों से 28 गुणा ज्यादा जहरीली है। इसी तरह प्रदूषण के मामले में दिल्ली दूसरे, जबकि नोएडा तीसरे पायदान पर है
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सारांश
  • बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 436 पर पहुंच गया है, जो गंभीर प्रदूषण का संकेत है। यह स्थिति विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,700 फीसदी अधिक है।

  • देश के अन्य शहरों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है, जबकि नमक्कल में सबसे साफ हवा दर्ज की गई है।

  • आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली (370) दूसरे जबकि नोएडा (366) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 353 अंकों के साथ मेरठ चौथे स्थान पर है।

  • गाजियाबाद-ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 345 और 340 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • आज चरखी दादरी (338) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज हापुड (331), खुर्जा (327) और रोहतक (323) भी शामिल हैं।

  • गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के सात छह (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड, खुर्जा) शामिल हैं।

  • आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 214 रिकॉर्ड किया गया है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में बहादुरगढ़ की हवा सबसे ज्यादा जहरीले है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 436 दर्ज किया गया है। मतलब कि वायु गुणवत्ता 'गंभीर’ रिकॉर्ड की गई है। गौरतलब है कि कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 325 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 111 अंकों का भारी उछाल आया है।

रुझानों में सामने आया है कि आज बहादुरगढ़ की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

बहादुरगढ़ में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,700 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में नमक्कल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 27 रिकॉर्ड किया गया।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना नमक्कल से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 नवंबर, 2025 को 250 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 3.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं करीब 33.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 63.6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 42.9 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 14 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। दूसरी तरह देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में करीब 11.8 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है। दूसरी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 27.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जोकि चिंता की खबर है। 

आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 214 रिकॉर्ड किया गया है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में दिल्ली (370) दूसरे जबकि नोएडा (366) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 353 अंकों के साथ मेरठ चौथे स्थान पर है। गाजियाबाद-ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 345 और 340 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

आज चरखी दादरी (338) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज हापुड (331), खुर्जा (327) और रोहतक (323) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के सात छह (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड, खुर्जा) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां बहादुरगढ़, दिल्ली, नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, चरखी दादरी, हापुड, रोहतक, बागपत, मुजफ्फरनगर, सिरसा, जींद, भिवाड़ी, फतेहाबाद, मानेसर, हनुमानगढ़, धारूहेड़ा, करनाल, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, भिवानी, पानीपत, सोनीपत, मंडी गोबिंदगढ़, गुरूग्राम, कटनी, कैथल, गुम्मिडिपूंडी, फरीदाबाद, खन्ना, लुधियाना, नारनौल, लखनऊ, पलवल, जयपुर, कानपुर, तिरुपति, कल्याण, जलगांव, अम्बाला, धौलपुर, वापी, प्रयागराज, ग्वालियर, कटक, पंचकुला, सांगली, काशीपुर, किशनगंज, जालंधर, गांधीनगर, आगरा, गया, जबलपुर, जोधपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं खुर्जा, बुलन्दशहर, सीकर, चुरू, टोंक, सवाई माधोपुर, बीकानेर, मंडीदीप, झुंझुनूं, नागौर, हिसार, जालौर, मोतिहारी, भीलवाड़ा, दौसा, करौली, झालावाड़, वृंदावन, चंद्रपुर, पटियाला, बारां, रायरंगपुर, अजमेर, श्री गंगानगर, अमृतसर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), सासाराम, पीथमपुर, बूंदी, सिंगरौली, बेंगलुरु, छपरा, सिरोही, बाड़मेर, देवास, डूंगरपुर, विशाखापत्तनम, मंगुराहा, उदयपुर, अंकलेश्वर, बिलीपाड़ा, बेलापुर, वाराणसी, धुले, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़, भिवंडी, दुर्गापुर, राजमहेंद्रवरम, बोईसर, डिंडीगुल, अलवर, राजसमंद, धारवाड़, पंचगांव, रायपुर, बारीपदा, क्योंझर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 3.2 फीसदी यानी 8 शहरों में हवा साफ है।

इन साफ हवा वाले शहरों में अगरतला, आरा, चामराजनगर, गडग, कांचीपुरम, नगांव, नमक्कल, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। 

कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 42.8 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 14 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।     

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, देहरादून, धनबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हुबली, इंदौर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 114 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अम्बाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दौसा, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नांदेड़, पाली, पलवल, पंचगांव, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, राउरकेला, सांगली, सासाराम, सिंगरौली, सिरोही, श्री गंगानगर, तालचेर, तिरुपति, उदयपुर, वापी, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।   

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 30 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीकानेर, चुरू, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, कैथल, करनाल, कटनी, खन्ना, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, नागौर, नारनौल, पानीपत, सवाई माधोपुर, सीकर, सोनीपत, तिरुमाला, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, जींद, खुर्जा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रोहतक, सिरसा शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 250 में से 8 शहरों (-42.9) में हवा 'बेहतर' है। 83 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 08 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 97 दर्ज किया गया था।

114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज बहादुरगढ़ (436) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल बहादुरगढ़ में सूचकांक 325 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की आज वहां प्रदूषण के स्तर में 111 अंकों का उछाल आया है।

कल रोहतक में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 374 दर्ज किया गया था। वहीं आज 51 अंकों के सुधार के साथ रोहतक में एक्यूआई घटकर 323 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 9 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 370 पर पहुंच गया है। मतलब की आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली में भी एक्यूआई डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,300 फीसदी अधिक प्रदूषित है।

दूसरी तरफ आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां 50 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 214 पर पहुंच गया है। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके।

नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मेरठ चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (370) दूसरे, जबकि नोएडा (366) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 170, गाजियाबाद में 345, गुवाहाटी में 62, गुरूग्राम में 238, नोएडा में 366, ग्रेटर नोएडा में 340 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 192, चेन्नई में 112, चंडीगढ़ में 105, हैदराबाद में 102, जयपुर में 188 और पटना में 159 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन आठ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आरा, चामराजनगर, गडग, कांचीपुरम, नगांव, नमक्कल, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अकोला, अनंतपुर, अरियालूर, बदलापुर, बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, देहरादून, धनबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हुबली, इंदौर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, तुमिडीह, उडुपी, उल्हासनगर, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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