
देश में एक बार फिर बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक एक बार फिर मेघालय के बर्नीहाट में स्थिति सबसे खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 रिकॉर्ड किया गया।
हालांकि कल (19 मार्च 2025) से तुलना करें तो बर्नीहाट की हवा में 34 अंकों का सुधार आया है। इसके बावजूद वहां हवा में घुला जहर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों की तुलना में करीब 22 गुणा अधिक है।
वहीं प्रदूषण के मामले में आज असम का नलबाड़ी दूसरे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 299 दर्ज किया गया है। इसी तरह गाजियाबाद (266) तीसरे, जबकि समस्तीपुर (264) चौथे स्थान पर रहा। कमोबेश ऐसी ही स्थिति सिलीगुड़ी की भी है, जहां एक्यूआई 263 रिकॉर्ड किया गया है।
हाजीपुर (259) में भी हालात कोई खास अच्छे नहीं है, जो प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर है। 251 अंकों के साथ नयागढ़ आज सातवें स्थान पर रहा। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और राउरकेला भी शामिल रहें।
आंकड़ों के मुताबिक आज देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' रही। वहीं कल से देखें तो इन शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में आज कांचीपुरम की हवा सबसे रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना कांचीपुरम से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा खराब है।
कांचीपुरम की तरह ही देश के 36 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 37 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है, इसके बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में चार अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 पर पहुंच गया है। दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 89 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, जयपुर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, लातूर, लखनऊ, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दस फीसदी का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 12 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 पर पहुंच गया है। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 95 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कटनी, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागपुर, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, रायपुर, ऋषिकेश, सागर, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 16 फीसदी की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां 16 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं करीब 43 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए है। देश में 41 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 231 में से महज 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 95 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया।
90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (324) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। कल भी बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 358 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर चार अंकों के सुधार के साथ 156 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘मध्यम’ स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देश में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज समस्तीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं नलबाड़ी (299) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (266) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 74, गाजियाबाद में 266, गुरुग्राम में 176, नोएडा में 132, ग्रेटर नोएडा में 120 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 88 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 116, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 78, हैदराबाद में 67, जयपुर में 114 और पटना में 184 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, बालासोर, बीदर, चेन्नई, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, डिंडीगुल, गडग, हल्दिया, हुबली, झांसी, कडपा, कांचीपुरम, कारवार, कोप्पल, मदिकेरी मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, सूरत, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उज्जैन, वेल्लोर, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, छपरा, चिकबलपुर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कटनी, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागपुर, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, रायपुर, ऋषिकेश, सागर, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 95 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।