
देश में एक तरफ जहां साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मेघालय के बर्नीहाट में हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 335 तक पहुंच गया है। मतलब कि बर्नीहाट की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद (312) दूसरे जबकि नलबाड़ी (304) तीसरे स्थान पर बना हुआ है। इन दोनों शहरों में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है, जहां एक्यूआई 300 के पार बना बना हुआ है।
बता दें कि कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी। हालांकि आज इन शहरों की गिनती बढ़कर तीन पर पहुंच गई है।
प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज अगरतला चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 299 रिकॉर्ड किया गया। बागपत में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक 297 दर्ज किया गया है। बता दें कि आज प्रदूषण में बागपत पांचवें स्थान पर है। इसी तरह हाजीपुर (284) और ब्यासनगर (283) में भी स्थिति खराब है, जो प्रदूषण के मामले में छठे और सातवें स्थान पर है।
263 अंकों के साथ गुरूग्राम आज आठवें स्थान पर है। अहमदनगर (261) भी नौवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चरखी दादरी अंतिम स्थान पर है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में गुवाहाटी, सिवान, मोतिहारी, दिल्ली, बुलन्दशहर, पटना, चंद्रपुर, मेरठ, लखनऊ, मंडीदीप भी शामिल हैं। राहत की बात रही कि कल से इन शहरों में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ रही जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना दमोह से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है। दमोह की तरह ही देश के 11 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, गडग, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, मैहर, पालकालाइपेरुर, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है, हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है।
वहीं फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से मामूली इजाफे के बावजूद वहां वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 89 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, होसुर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नवी मुंबई, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रानीपेट, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर आदि शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
देश में आगरा सहित 111 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, देवास, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी , महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, नोएडा, ऊटी आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी की वृद्धि हुई है।
रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 39 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ 56 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया।
111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (335) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल सिवान में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 292 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर तीन अंकों की गिरावट के साथ 231 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में कल से वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है। यह सातवां दिन है जब इस महीने दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज अगरतला चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (312) दूसरे, जबकि नलबाड़ी (304) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 78, गाजियाबाद में 312, गुरुग्राम में 263, नोएडा में 154, ग्रेटर नोएडा में 186 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 202, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 158, हैदराबाद में 108, जयपुर में 145 और पटना में 219 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, गडग, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, मैहर, पालकालाइपेरुर, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बदलापुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, होसुर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नवी मुंबई, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रानीपेट, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में एक तरफ जहां साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मेघालय के बर्नीहाट में हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 335 तक पहुंच गया है। मतलब कि बर्नीहाट की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद (312) दूसरे जबकि नलबाड़ी (304) तीसरे स्थान पर बना हुआ है। इन दोनों शहरों में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है, जहां एक्यूआई 300 के पार बना बना हुआ है।
बता दें कि कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब थी। हालांकि आज इन शहरों की गिनती बढ़कर तीन पर पहुंच गई है।
प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज अगरतला चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 299 रिकॉर्ड किया गया। बागपत में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक 297 दर्ज किया गया है। बता दें कि आज प्रदूषण में बागपत पांचवें स्थान पर है। इसी तरह हाजीपुर (284) और ब्यासनगर (283) में भी स्थिति खराब है, जो प्रदूषण के मामले में छठे और सातवें स्थान पर है।
263 अंकों के साथ गुरूग्राम आज आठवें स्थान पर है। अहमदनगर (261) भी नौवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चरखी दादरी अंतिम स्थान पर है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में गुवाहाटी, सिवान, मोतिहारी, दिल्ली, बुलन्दशहर, पटना, चंद्रपुर, मेरठ, लखनऊ, मंडीदीप भी शामिल हैं। राहत की बात रही कि कल से इन शहरों में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ रही जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना दमोह से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है। दमोह की तरह ही देश के 11 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, गडग, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, मैहर, पालकालाइपेरुर, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है, हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है।
वहीं फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से मामूली इजाफे के बावजूद वहां वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 89 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, होसुर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नवी मुंबई, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रानीपेट, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर आदि शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
देश में आगरा सहित 111 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, देवास, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी , महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, नोएडा, ऊटी आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी की वृद्धि हुई है।
रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 39 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ 56 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया।
111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (335) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल सिवान में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 292 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर तीन अंकों की गिरावट के साथ 231 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में कल से वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है। यह सातवां दिन है जब इस महीने दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज अगरतला चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (312) दूसरे, जबकि नलबाड़ी (304) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 78, गाजियाबाद में 312, गुरुग्राम में 263, नोएडा में 154, ग्रेटर नोएडा में 186 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 202, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 158, हैदराबाद में 108, जयपुर में 145 और पटना में 219 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, गडग, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, मैहर, पालकालाइपेरुर, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बदलापुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, होसुर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नवी मुंबई, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रानीपेट, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।