
देश में प्रदूषण का स्तर मिला जुला है, जहां कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण में गिरावट आई है। वहीं कई शहरों की स्थिति में सुधार हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मेघालय के बर्नीहाट में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 रिकॉर्ड किया गया। वहीं बिहार के हाजीपुर में भी स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही रही, जहां एक्यूआई 287 रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर दूसरे स्थान पर रहा।
भागलपुर भी 231 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर बना हुआ है। वहीं 230 अंकों के साथ बदलापुर चौथे, जबकि दौसा (227) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह देश में दुर्गापुर, धनबाद और मोतिहारी में भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। हालांकि कल (28 फरवरी 2025) से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में भी 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर ऋषिकेश की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 24 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि बर्नीहाट की तुलना ऋषिकेश से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।
बता दें कि ऋषिकेश की तरह ही देश के 30 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पुदुचेरी, रूपनगर, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 35 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। पांच अंकों की बढ़त के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 126 पर पहुंच गया है।
दूसरी तरफ पड़ोसी शहर फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर में एक अंक का मामूली सुधार आया है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 78 पर पहुंच गया।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 83 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में कोल्लम, कोप्पल, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, नाहरलगुन, नोएडा, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, सागर, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक देश में अहमदाबाद सहित 109 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, कटक, दिल्ली, देवास, धौलपुर, धुले, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां देश के 13 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ है। वहीं 50 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह देश में 36 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 232 में से महज 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 84 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया।
109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (288) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में पांच अंकों का इजाफा हुआ है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर मामूली बढ़त के साथ 126 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी ‘मध्यम’ श्रेणी में बना हुआ है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बदलापुर चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (287) दूसरे, जबकि भागलपुर (231) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 78, गाजियाबाद में 120, गुरुग्राम में 114, नोएडा में 90, ग्रेटर नोएडा में 60 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 170, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 71, हैदराबाद में 94, जयपुर में 153 और पटना में 197 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, बेलगाम, बुलन्दशहर, चामराजनगर, कुड्डालोर, फिरोजाबाद, हुबली, झांसी, कांचीपुरम, काशीपुर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पुदुचेरी, ऋषिकेश, रूपनगर, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, बद्दी, बागपत, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, नाहरलगुन, नोएडा, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, सागर, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार आदि 84 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में प्रदूषण का स्तर मिला जुला है, जहां कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण में गिरावट आई है। वहीं कई शहरों की स्थिति में सुधार हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मेघालय के बर्नीहाट में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 रिकॉर्ड किया गया। वहीं बिहार के हाजीपुर में भी स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही रही, जहां एक्यूआई 287 रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर दूसरे स्थान पर रहा।
भागलपुर भी 231 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर बना हुआ है। वहीं 230 अंकों के साथ बदलापुर चौथे, जबकि दौसा (227) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह देश में दुर्गापुर, धनबाद और मोतिहारी में भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। हालांकि कल (28 फरवरी 2025) से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में भी 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर ऋषिकेश की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 24 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि बर्नीहाट की तुलना ऋषिकेश से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।
बता दें कि ऋषिकेश की तरह ही देश के 30 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पुदुचेरी, रूपनगर, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 35 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। पांच अंकों की बढ़त के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 126 पर पहुंच गया है।
दूसरी तरफ पड़ोसी शहर फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर में एक अंक का मामूली सुधार आया है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 78 पर पहुंच गया।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 83 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में कोल्लम, कोप्पल, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, नाहरलगुन, नोएडा, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, सागर, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक देश में अहमदाबाद सहित 109 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, कटक, दिल्ली, देवास, धौलपुर, धुले, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां देश के 13 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ है। वहीं 50 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह देश में 36 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 232 में से महज 31 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 84 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया।
109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (288) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में पांच अंकों का इजाफा हुआ है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर मामूली बढ़त के साथ 126 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी ‘मध्यम’ श्रेणी में बना हुआ है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बदलापुर चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (287) दूसरे, जबकि भागलपुर (231) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 78, गाजियाबाद में 120, गुरुग्राम में 114, नोएडा में 90, ग्रेटर नोएडा में 60 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 170, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 71, हैदराबाद में 94, जयपुर में 153 और पटना में 197 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, बेलगाम, बुलन्दशहर, चामराजनगर, कुड्डालोर, फिरोजाबाद, हुबली, झांसी, कांचीपुरम, काशीपुर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पुदुचेरी, ऋषिकेश, रूपनगर, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, बद्दी, बागपत, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, नाहरलगुन, नोएडा, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, सागर, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार आदि 84 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।