
देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई है। इसके साथ ही देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या 111 से घटकर 98 रह गई। हालांकि दूसरी तरफ देश में गुजरात के नंदेसरी की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 228 दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 20 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि इस दौरान नंदेसरी की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी थे। वहीं दूसरी तरफ कल देश में गुरुग्राम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 333 पर पहुंच गया था। हालांकि कल से गुरुग्राम की हवा में 258 अंकों का भारी सुधार देखा गया। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब से सीधे संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई।
प्रदूषण के मामले में आज करौली दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 202 दर्ज किया गया है। इन दोनों ही शहरों में हवा खराब बनी हुई है।
इसी तरह 167 अंकों के साथ बूंदी तीसरे जबकि पाली (147) चौथे स्थान पर है। वहीं भीलवाड़ा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 146 दर्ज किया गया। वहीं छठे स्थान पर मौजूद जैसलमेर में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 145 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश में बद्दी (142), बीकानेर (129), विशाखापत्तनम (128) और मेघालय का बर्नीहाट (126) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो आज जहां देश में नंदेसरी, करौली, बूंदी, भीलवाड़ा, बर्नीहाट, मंडी गोबिंदगढ़ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी थे। वहीं पाली, जैसलमेर, बद्दी, बीकानेर, विशाखापत्तनम, चेन्नई, बाड़मेर, खुर्जा, उदयपुर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।
इन शहरों के उलट आज देश में एक बार फिर शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 7 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 32 गुणा खराब है। इसी तरह शिलांग में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों से 1,420 फीसदी अधिक है।
शिलांग की तरह ही आज देश के 98 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सांगली, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो आज साल का सबसे साफ दिन रहा, जब दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 75 पर पहुंच गया। बता दें कि इस साल दिल्ली में महज पांच दिन ही वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही है।
दिल्ली की तरह ही आज देश के 107 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नासिक, नोएडा, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, बर्नीहाट, चेन्नई, इंफाल, जैसलमेर, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, पाली, उदयपुर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं आया है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के 44 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 49 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के सात फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से 98 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 जून 2025 को यह आंकड़ा 92 दर्ज किया गया था।
14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (228) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 333 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 14 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 75 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पाली चौथे स्थान पर है, वहीं करौली (202) दूसरे, जबकि बूंदी (167) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 29, गाजियाबाद में 76, गुवाहाटी में 80, गुरूग्राम में 75, नोएडा में 88, ग्रेटर नोएडा में 90 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 77, चेन्नई में 117, चंडीगढ़ में 76, हैदराबाद में 61, जयपुर में 64 और पटना में 60 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 98 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सांगली, शिलांग, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नासिक, नोएडा, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सलेम, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सोलापुर, श्रीगंगानगर, तालचेर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 108 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।