बारिश ने धोई दिल्ली, गिरा वायु प्रदूषण का स्तर, जानें देश के अन्य शहरों का हाल

देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा दूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 246 दर्ज किया गया है
Air pollution
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देश में साफ हवा वाले शहरों में कल से दस फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 135 पर पहुंच गई है। मतलब की देश के करीब 55 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में सासाराम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई का स्तर 11 दर्ज किया गया है।

इसी तरह ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उडुपी, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

दूसरी तरफ देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा दूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 246 दर्ज किया गया है। मतलब की सासाराम से तुलना करें तो श्रीगंगानगर की हवा करीब 22 गुणा ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में कटिहार, बर्नीहाट, बेगूसराय, विरुधुनगर, बीकानेर, पानीपत, मंडी गोबिंदगढ़, रायचुर और ग्रेटर नोएडा शामिल थे।

वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 35 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक हो गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति पड़ोसी शहर फरीदाबाद की भी है, जहां कल से प्रदूषण के स्तर में दस अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता का स्तर 53 दर्ज किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 97 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, धारवाड़, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, जींद, जोधपुर, क्योंझर, खन्ना आदि शहर शामिल थे।

कल से तुलना करें तो देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों में सामने आया है कि देश के दस शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 47 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों में बेगूसराय, बीकानेर, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, पानीपत, रायचुर, रूपनगर, विरुधुनगर, आदि शहर शामिल थे। मतलब की कहीं न कहीं देश में कल से वायु गुणवत्ता के स्तर में गिरावट आई है।

आंकड़ों से पता चला है कि देश के करीब 55 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना है। वहीं 40 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है, जबकि करीब पांच फीसदी शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 123 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 110 दर्ज किया गया था। 19 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (217) और श्रीगंगानगर (254) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (106) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 35 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 53, गाजियाबाद में 56, गुरुग्राम में 72, नोएडा में 67, ग्रेटर नोएडा में 102 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 48, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 70, हैदराबाद में 51, जयपुर में 60 और पटना में 60 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 135 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गडग, गंगटोक, गया, हल्दिया, हापुड, हसन, हावेरी, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, कैथल, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मानेसर, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उडुपी, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अम्बाला, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, धारवाड़, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, जींद, जोधपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोटा, लुधियाना, मालेगांव, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, थूथुकुडी, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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