
देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 19 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जिसके साथ ही इन शहरों की संख्या घटकर 25 रह गई है। गौरतलब है कि देश के महज 11 फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 दर्ज किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ आज भी दिल्ली की हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां एक ओर दिन सूचकांक 400 के पार दर्ज किया गया।
हालांकि कल से दिल्ली के प्रदूषण में तीन अंकों की मामूली गिरावट जरूर आई है। लेकिन इसके बावजूद यहां की हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना सबसे साफ शहर मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा ज्यादा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है, उनमें मैसूर, नागपट्टिनम, रायरंगपुर, सांगली, शिवमोगा, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं।
दूसरी तरफ रोहतक सहित देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में बाड़मेर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, गाजियाबाद, हाजीपुर, जैसलमेर, नोएडा शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि देश में कल से बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से वहां भी प्रदूषण में गिरावट आई है। वहां 35 अंकों की गिरावट के साथ सूचकांक 209 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 34 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, बिहार शरीफ, बोईसर, चंडीगढ़, चुरू, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हावड़ा, जालौर, झुंझुनूं, कटिहार, किशनगंज, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नंदेसरी, पटना, पूर्णिया, सहरसा, सासाराम, सिंगरौली, उदयपुर, वापी आदि शामिल हैं।
वहीं कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 73 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कुंजेमुरा, महाड, मैहर, मंगलौर, मिलुपारा, नलबाड़ी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सतना आदि शहर शामिल हैं।
राहत की बात रही की कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह आंकड़ों के मुताबिक देश में अगरतला सहित 88 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बालासोर, बारबिल, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जोधपुर, जोरापोखर, कल्याण, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, परभनी, पीथमपुर, प्रयागराज, रायचुर, राजगीर, रतलाम, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सिवान, श्रीगंगानगर, तालचेर, ठाणे, टोंक, उल्हासनगर, वातवा, विरार शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 57 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 32 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक दर्ज की गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 229 में से महज 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 73 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 दिसंबर को यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया था।
88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (406) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 409 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में तीन अंकों की गिरावट आई है। इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज भी ‘गंभीर’ बना हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। दिल्ली में आज छठे दिन वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया है।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं रोहतक (361) दूसरे, जबकि जैसलमेर (337) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 209, गाजियाबाद में 323, गुरुग्राम में 296, नोएडा में 322, ग्रेटर नोएडा में 250 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 131 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 214, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 287, हैदराबाद में 86, जयपुर में 136 और पटना में 218 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, गडग, कलबुर्गी, कोल्हापुर, कोप्पल, मदिकेरी, मैसूर, नागपट्टिनम, रायरंगपुर, सांगली, शिवमोगा, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अजमेर, अमरावती, आरा, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बक्सर, छाल, चित्तूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, धौलपुर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हैदराबाद, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, करौली, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कुंजेमुरा, महाड, मैहर, मंगलौर, मिलुपारा, नलबाड़ी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सतना, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 73 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।