
वायु प्रदूषण से जुड़े ताजा आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के करीब 26 फीसदी शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में आइजोल की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 13 दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 12 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 57 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज पंजाब के खन्ना में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 255 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे साफ शहर आइजोल से खन्ना की तुलना करें तो वहां स्थिति 18 गुणा खराब है। गौरतलब है कि कल गुरूग्राम की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 246 दर्ज किया गया था। हालांकि आज 19 अंकों के सुधार के साथ गुरुग्राम में एक्यूआई 227 पर पहुंच गया।
बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज गुरुग्राम दूसरे स्थान पर है। इसके बाद 205 अंकों के साथ बद्दी तीसरे स्थान पर बना हुआ है।
गौरतलब है कि आज खन्ना, गुरूग्राम, बद्दी इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली आज चौथे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 195 दर्ज किया गया है। हालांकि कल से दिल्ली की हवा में 50 अंकों का सुधार आया है। इसी तरह प्रदूषण के मामले में सवाई माधोपुर (189) पांचवें, जबकि भरतपुर (181) छठे स्थान पर है। कमोबेश गाजियाबाद-मुजफ्फरनगर में भी ऐसी ही स्थिति है, जो 179 अंकों के साथ सातवें और आठवें स्थान पर हैं। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दौसा और भिवाड़ी भी शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो आज खन्ना, दिल्ली, भरतपुर, नोएडा, चंडीगढ़, मेरठ आदि शहरों में ओजोन से स्थिति खराब है।
वहीं गुरूग्राम, बद्दी, सवाई माधोपुर, गाजियाबाद, दौसा, भिवाड़ी, बागपत, खुर्जा, श्रीगंगानगर, पटियाला, जालंधर, बुलन्दशहर, ग्रेटर नोएडा, धौलपुर, ग्वालियर, करौली, नागपुर, गुम्मिडिपूंडी, लुधियाना, समस्तीपुर, बाड़मेर, आगरा, बारां, चुरू, पीथमपुर, पाली, सीकर, बेगूसराय, चंद्रपुर, झुंझुनूं, बीकानेर, झांसी, लखनऊ आदि शहरों में पीएम10 जबकि मुजफ्फरनगर, तुमकुरु, अमृतसर, बठिंडा, मंडी गोबिंदगढ़ आदि में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी हैं।
अमृतसर सहित देश में आज 56 शहरों की वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में आगरा, बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भरतपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छपरा, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झांसी, झुंझुनूं, करौली, कटनी, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नोएडा, पाली, पटियाला, पीथमपुर, ऋषिकेश, सहरसा, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, टोंक, तुमकुरु शामिल हैं।
राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्त वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ आइजोल सहित 58 शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कोलकाता, कुंजेमुरा, मदुरै, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 57 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह अलवर सहित देश के छोटे बड़े 107 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।
इन शहरों में फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नमक्कल आदि शामिल हैं।
हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के जहां करीब 26 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं 48 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के 26 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 58 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 जून 2025 को यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था।
56 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में खन्ना (255) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 246 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 50 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 195 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (227) दूसरे, जबकि बद्दी (205) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 132, गाजियाबाद में 179, गुवाहाटी में 92, गुरूग्राम में 227, नोएडा में 156, ग्रेटर नोएडा में 134 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 116, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 148, हैदराबाद में 81, जयपुर में 115 और पटना में 99 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 58 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अररिया, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, करूर, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदुरै, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उल्हासनगर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, देहरादून, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, पंचगांव, पटना, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सासाराम, सतना, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, तुमिडीह, उदयपुर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।