देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में कल से 15 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 120 पर पहुंच गई है।
इन शहरों में चूरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गाजियाबाद, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हिसार, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झांसी, जींद, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाद, मंडीखेड़ा, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूरु, नागांव, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, ऊटी, पंचकुला, पाथरडीह, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सांगली, सतना आदि शहर शामिल थे।
बता दें कि देश में नाहरलागुन की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 18 दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ देश के दो शहरों बूंदी और नंदेसरी में प्रदूषण की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां बूंदी में एक्यूआई 237 दर्ज किया गया है। वहीं नंदेसरी में यह आंकड़ा 217 रिकॉर्ड किया गया। यदि देश में सबसे साफ हवा वाले शहर नाहरलागुन से तुलना करें तो बूंदी में हवा 13 गुणा खराब है। गौरतलब है कि इन दोनों शहरों में प्रदूषण का स्तर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
हालांकि दूसरी तरफ दिल्ली, फरीदाबाद के प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां दिल्ली में 12 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 65 पर पहुंच गया है। वहीं फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी 12 अंकों का सुधार आया है। इसके बाद इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक हो गया है। दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 97 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में गया, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जलना, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कन्नूर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मुंबई, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटना, पीथमपुर आदि शहर शमिल थे।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में अंगुल, बिलासपुर, बक्सर, धनबाद, डूंगरपुर, जैसलमेर, मंडी गोविंदगढ़, रायचुर, सासाराम, श्री गंगानगर, तुमकुरु, विशाखापत्तनम, शामिल हैं। कुल मिलकर देखें तो देश में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 233 में से 120 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था। 12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में बूंदी (237) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 12 अंक गिरकर 65 पर पहुंच गया।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 100, गाजियाबाद में 40, गुरुग्राम में 94, नोएडा में 56, ग्रेटर नोएडा में 100 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 47, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 46, हैदराबाद में 57, जयपुर में 61 और पटना में 66 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 120 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा 33, आइजोल 23, अकोला 48, अमरावती 26, अमरावती 38, अरियालुर 37, आरा 29, आसनसोल 47, औरंगाबाद (बिहार) 41, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 50, बागपत 47, बहादुरगढ़ 49, बारां 46, बरेली 20, बेलापुर 49, बेतिया 39, भरतपुर 30, भिलाई 42, भीलवाड़ा 48, भोपाल 43, बुलंदशहर 41, ब्यासनगर 49, चामराजनगर 44, चंडीगढ़ 46, चंद्रपुर 42, छाल 37, छपरा 49, चिक्कबल्लापुर 25, चिक्कमगलुरु 36, चूरू 50, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 30, दमोह 37, दावनगेरे 23, देहरादून 25, देवास 47, एलूर 48, फिरोजाबाद 29, गडग 46, गाजियाबाद 40, गुवाहाटी 35, हल्दिया 49, हसन 32, हावेरी 37, हिसार 43, इंदौर 45, जबलपुर 38, जालंधर 46, जलगांव 44, झांसी 20, जींद 40, कैथल 50, कलबुर्गी 36, कल्याण 39, कानपुर 44, करनाल 26, कारवार 28, काशीपुर 23, कटिहार 40, कटनी 39, कोहिमा 39, कोलार 39, कोलकाता 50, कोप्पल 46, कोरबा 30, कुंजेमुरा 34, कुरुक्षेत्र 40, लातूर 35, लखनऊ 47, लुधियाना 40, मदिकेरी 21, महाद 36, मंडीखेड़ा 34, मंगलौर 45, मेरठ 42, मीरा-भयंदर 45, मुरादाबाद 32, मोतिहारी 41, मुंगेर 48, मुजफ्फरनगर 50, मुजफ्फरपुर 44, मैसूरु 31, नागांव 39, नागपुर 41, नाहरलागुन 18, नलबाड़ी 45, नांदेड़ 46, नासिक 36, ऊटी 40, पंचकुला 40, पाथरडीह 22, पटियाला 27, पिंपरी-चिंचवाड़ 44, प्रयागराज 29, पुदुचेरी 42, रायपुर 47, राजमहेंद्रवरम 43, रामनगर 29, रामनाथपुरम 28, ऋषिकेश 39, सागर 50, सांगली 32, सतना 45, सवाई माधोपुर 50, शिवमोगा 37, सिलचर 50, सिलीगुड़ी 33, सोनीपत 40, टेन्सा 47, ठाणे 50, तिरुवनंतपुरम 44, तिरुपति 25, टोंक 34, वापी 48, वाराणसी 34, वातवा 24, वेल्लोर 37, विजयपुरा 42, यादगीर 38, यमुना नगर 33 शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बद्दी, बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपदा, बोईसर, बर्नीहाट, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जलना, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कन्नूर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मुंबई, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, सहरसा, सीकर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, थूथुकुडी, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।