जलना में प्रदूषण से दमघोंटू हुई हवा, साफ हवा वाले शहरों में भी आई 20 फीसदी की गिरावट

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में रूपनगर, हाजीपुर, बक्सर, पटना, बिहारशरीफ, छपरा और दुर्गापुर शामिल थे
Photo: Vikas Choudhary
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देश में प्रदूषण के मामले में जलना की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां दूसरे शहरों को पीछे छोड़ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 229 पर पहुंच गया है। वहीं प्रदूषण के मामले में भागलपुर (190), जबकि सिंगरौली (182) तीसरे स्थान पर रहा।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में रूपनगर, हाजीपुर, बक्सर, पटना, बिहारशरीफ, छपरा और दुर्गापुर शामिल थे। वहीं दूसरी तरफ पालकालाइपेरुर में हवा सबसे ज्यादा साफ थी, जहां एक्यूआई 17 दर्ज किया गया है। यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर जलना की पालकालाइपेरुर से तुलना करें तो वहां की वायु गुणवत्ता 13 गुणा ज्यादा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक पालकालाइपेरुर की तरह ही देश के 117 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गाजियाबाद, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जैसलमेर आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो बारिश के बाद वहां वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। जहां दस अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में कल से 12 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद एक्यूआई 58 पर पहुंच गया है।

हालांकि दिल्ली, फरीदाबाद दोनों शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। गौरतबल है कि दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 91 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

इन शहरों में बेगूसराय, बेतिया, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर आदि शहर शामिल थे। कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है। कल के मुकाबले देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 31 फीसदी का इजाफा हुआ है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों में भागलपुर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बक्सर, छपरा, दुर्गापुर, गया, हाजीपुर, हनुमानगढ़, पटना, रूपनगर, समस्तीपुर, सिंगरौली आदि शहर शामिल थे।

कुल मिलाकर देखें तो देश में 52 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 41 फीसदी से ज्यादा शहरों में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के छह फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से 118 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 85 दर्ज किया गया था। 13 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में जलना (229) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (60) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से दस अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 58, गाजियाबाद में 50, गुरुग्राम में 80, नोएडा में 43, ग्रेटर नोएडा में 84 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 43, चेन्नई में 47, चंडीगढ़ में 45, हैदराबाद में 52, जयपुर में 56 और पटना में 119 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 118 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बागपत, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, देहरादून, धारवाड़, धुले, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गाजियाबाद, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नवी मुंबई, नोएडा, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, सागर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेतिया, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्लम, मालेगांव, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नासिक, पाली, परभनी, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, राजसमंद, सहरसा, सतना, सीकर, सिलचर, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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