दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू हो गई है, जहां 38 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 235 पर पहुंच गया है। दिल्ली की तरह ही देश के नौ अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में में एक्यूआई 200 के पार पहुंच चुका है।
बता दें कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चित्तौड़गढ़, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नोएडा शामिल हैं। गौरतलब है कि देश में गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 275 तक पहुंच गया है।
वहीं दूसरी तरफ देश में अरियालूर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना अरियालूर से करें तो वायु गुणवत्ता 19 गुणा ज्यादा खराब है।
देश में अरियालूर की तरह ही 95 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सहरसा, सलेम, सांगली शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में 39 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की तरह ही पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता में 56 अंकों की गिरावट आई है। इसके चलते फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक से मध्यम स्तर पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 48 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति मध्यम बनी हुई है।
इन शहरों में बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धौलपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हिसार, जयपुर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, कैथल, करौली, करनाल, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, नारनौल, पाली, पटियाला, रोहतक, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिवान, श्रीगंगानगर, टोंक, वाराणसी, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में दो फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 89 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई है। बता दें कि देश में जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।
कुल मिलकर देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में इजाफा हुआ है। यही वजह है कि देश में करीब 40 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया, जबकि करीब 37 फीसदी शहरों में स्थिति सन्तोषजनक बनी हुई है। वहीं करीब 24 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 243 में से 96 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 115 दर्ज किया गया था। 48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (275) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (235) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 38 अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 131, गाजियाबाद में 275, गुरुग्राम में 109, नोएडा में 250, ग्रेटर नोएडा में 271 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 75, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 58, जयपुर में 132 और पटना में 63 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 96 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलगाम, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, गडग, गंगटोक, गया, हाजीपुर, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, जलगांव, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, वापी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, चेन्नई, छपरा, दमोह, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सतना, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सोनीपत, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।