बढ़ते प्रदूषण से श्रीगंगानगर में हालात कल से और खराब हो गए हैं, जहां 36 अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 पर पहुंच गया है। इसी तरह बर्नीहाट में भी स्थिति खराब बनी हुई है, जहां एक्यूआई 217 पर पहुंच गया है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बीकानेर, सिवान, बहादुरगढ़, ग्रेटर नोएडा, मानेसर, समस्तीपुर, मुंगेर और रूपनगर शामिल थे।
वहीं दूसरी तरह देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 19 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि श्रीगंगानगर की तुलना मदिकेरी से करें तो प्रदूषण का स्तर 13 गुणा ज्यादा है। देश में मदिकेरी की तरह ही 122 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में 19 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
बता दें कि देश में हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, इंदौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 अंक गिरकर 106 पर बना हुआ है। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां एक्यूआई आठ अंक गिरकर 63 दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि फरीदाबाद की तरह ही देश के 101 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, कैथल, कानपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, आदि शहर शामिल थे। वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की तुलना में सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 19 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है। इन शहरों में बहादुरगढ़, बीकानेर, चरखी दादरी, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, इंफाल, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रायचुर, रोहतक, रूपनगर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिवान, वृंदावन आदि शहर शामिल थे।
कुल मिलाकर देखें तो देश में करीब आधे शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 41 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि करीब नौ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 135 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था। 10 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में कटिहार (232) और श्रीगंगानगर (246) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (71) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 11 अंकों की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 63, गाजियाबाद में 90, गुरुग्राम में 110, नोएडा में 113, ग्रेटर नोएडा में 146 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 50, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 98, हैदराबाद में 55, जयपुर में 100 और पटना में 67 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 123 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बारां, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गया, हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, इंदौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, आरा, बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, कैथल, कानपुर, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, ऊटी, पाली, पानीपत, परभनी, पटना, पीथमपुर, राजसमंद, सागर, सतना, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।